Lok Sabha Election 2024: कांग्रेस का ये नेता 11 राज्य में चुनेगा टिकट के दावेदार, महाराणा प्रताप के वंशजों से है इनका गहरा नाता
Rana KP Singh 1957 में रूपनगर के झांडियन गांव में जन्मे राणा कंवरपाल सिंह ने कानून की पढ़ाई के लिए देहरादून जाने से पहले अपनी स्कूली शिक्षा पड़ोसी भरतगढ़ में की। उन्होंने 21 वर्षों तक रूपनगर की अदालतों में वकालत की। राणा को पार्टी की ओर से बिहार-झारखंड की स्क्रीनिंग कमेटी का अध्यक्ष बनाया है। राणा केपी सिंह का संबंध महाराणा प्रताप के वंशजों से जुड़ा है।
By Sanjeev KumarEdited By: Sanjeev KumarUpdated: Sat, 06 Jan 2024 12:55 PM (IST)
डिजिटल डेस्क, पटना। लोकसभा चुनाव 2024 के लिए कांग्रेस ने क्लस्टर वाइज स्क्रीनिंग कमेटी का गठन किया है। कई राज्यों को मिलाकर एक क्लस्टर बनाया गया है। बिहार पांचवें क्लस्टर में है। इसमें पूर्वी व पूर्वोत्तर के दूसरे राज्य भी शामिल हैं।
कांग्रेस की ओर से राज्य के पूर्व विधानसभा स्पीकर व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राणा केपी सिंह पार्टी की ओर से बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। राणा को पार्टी की ओर से बिहार-झारखंड की स्क्रीनिंग कमेटी का अध्यक्ष बनाया है।
कौन हैं राणा केपी?
राणा कंवरपाल सिंह बड़े हिंदू चेहरे के रूप में जानते है। राणा केपी सिंह का संबंध महाराणा प्रताप के वंशजों से जुड़ा है। उनके पुत्र एडवोकेट विश्वपाल सिंह राणा का रिश्ता राजस्थान के बोएड़ा राज परिवार में हुआ है।कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में उम्मीदवारों के चयन के लिए पांच स्क्रीनिंग कमेटी का गठन किया। जोकि चुनाव में उतारे जाने वाले चेहरों की तलाश करेगी। पार्टी ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पांच समूहों में विभाजित किया है। लोकसभा चुनाव आगामी अप्रैल-मई में होने हैं। इसे लेकर पार्टी की ओर से तैयारी शुरू कर दी गई है।
राणा केपी के पास इन 11 राज्यों की जिम्मेदारी
राणा केपी सिंह को बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मिजोरम, मेघालय, नागालैंड, त्रिपुरा, सिक्किम वाले क्लस्टर के लिए स्क्रीनिंग कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। इस पैनल में जयवर्धन सिंह और इवान डिसूजा को सदस्य नियुक्त किया गया है।राणा केपी का राजनीतिक सफर
पेशे से वकील राणा केपी सिंह (Rana KP Singh) पहली बार 2002 में नंगल से विधायक बने। इसके बाद राणा केपी ने 2007 में 2676 मतों से भाजपा के नेता मदन मोहन मित्तल हो हराया। 2012 में राणा केपी चुनाव हार गए है। 2017 में राणा केपी ने फिर से चुनाव जीता जिसके बाद उन्हें पंजाब विधानसभा का स्पीकर बनाया गया।
लेकिन 2022 में हुए चनाव में राणा केपी चुनाव हार गए। जिसके बाद पार्टी की ओर से उन्हें यह बड़ी जिम्मेदारी दी गई। ध्यान रहे कि इससे पहले पूर्व जेल मंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुखजिंदर सिंह रंधावा को राजस्थान की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। रंधावा के बाद केपी दूसरे बड़े नेता है जिन्हें पंजाब के बाहर किसी दूसरे राज्य का काम सौंपा गया है।
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