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Bihar Assembly Election 2020: आरसीपी और सुशील मोदी बोले- उपसभापति हरिवंश पर हमला संसद व बिहार का अपमान

Bihar Assembly Election 2020 दोनों नेताओं ने कहा राज्यसभा सदस्य के रूप में हरिवंश बिहार का प्रतिनिधित्व करते हैैं। रविवार को राज्यसभा में उप सभापति हरिवंश पर जो हमला हुआ वह संसद तथा बिहार का अपमान है। इससे विपक्ष का अराजक चेहरा सामने आया।

By Sumita JaswalEdited By: Updated: Mon, 21 Sep 2020 10:18 PM (IST)
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सोमवार हो मीडिया से बात करते सुशील कुमार मोदी।
पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar Assembly Election 2020: उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यों की सोमवार को जमकर सराहना की। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि कृषि बिल देश भर के किसानों के हित में है। इसका वही लोग विरोध कर रहे हैं जो बिचौलियों के समर्थक हैं। मोदी ने कहा-कृषि बिल को लेकर राजद और कांग्रेस तथा उनके  सहयोगी दलों ने राज्यसभा में जो किया उससे बिहार शर्मसार हुआ है। इधर, राज्यसभा में जदयू संसदीय दल के नेता आरसीपी सिंह ने भी कहा कि रविवार को राज्यसभा में उप सभापति हरिवंश पर जो हमला हुआ वह संसद तथा बिहार का अपमान है। राज्यसभा सदस्य के रूप में हरिवंश बिहार का प्रतिनिधित्व करते हैैं।

आरसीपी ने कहा कि उपसभापति की कुर्सी के पास पहुंचकर हरिवंश पर हमला किया गया। इससे संवैधानिक मर्यादा तार-तार हो गयी। लोकतंत्र में विरोध का स्वर कभी भी अस्वीकार्य नहीं होता लेकिन विरोध जब अराजकता में बदल जाए तो उसका प्रतिकार जरूरी हो जाता है। उपसभापति की कुर्सी पर बैठे हरिवंश पर हमला विपक्ष की इसी अराजक सोच का परिणाम है।

हर बिहारी का सिर शर्म से झुका

उप मुख्यमंत्री मोदी ने प्रदेश भाजपा के कैलाशपति मीडिया सेंटर में पत्रकारों से कहा कि राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश बिहार से राज्यसभा के सदस्य और नामचीन पत्रकार हैं। राजद और उसके सहयोगी दलों ने राज्यसभा में आसन के साथ जिस घटना को कल अंजाम दिया, उससे हर बिहारी का सिर शर्म से झुक गया है। कृषि बिल का विरोध करने वाले ये वही लोग और दल हैं जो 2006 में बिहार कृषि उत्पादन बाजार समिति के खात्मे का विरोध करते थे। ये लोग चाहते हैं कि कृषि कानून नहीं आए और किसान व बिचौलियों के बीच का फासला खत्म न हो। इस बिल के बाद बिहार को और पूरे देश को बिचौलियों से मुक्ति मिल जाएगी।

बिहार को हरियाणा-पंजाब नहीं बनने दिया जाएगा

सुशील मोदी ने कृषि बिल को क्रांतिकारी कदम बताते हुए कहा कि देश के किसानों को अब इस बाध्यता से मुक्ति मिल जाएगी कि उसे अपनी फसल एक निहित स्थान (बाजार) में ही बेचनी है। विरोधी पहले इस बिल को ठीक से समझे फिर बात करें। किसी भी चीज का आंख मूंद कर विरोध करना अच्छी बात नहीं। केंद्र  सरकार ने स्पष्ट किया है कि बिल किसानों को एक बेहतर विकल्प दे रहा है कि वे अपनी फसल कहीं भी बेच सकते हैं। इस बिल का समर्थन मुल्य से कोई लेना देना नही है। समर्थन मूल्य पर खरीद अभी भी पहले की तरह जारी रहेगी। इस बिल से बड़ी कंपनियों को किसान अपनी फसल सीधे बेच सकते हैं और उनके बीच एक करार होगा जिससे किसान को अपनी फसल का मूल्य पता होगा। किसान अपनी फसल की कीमत पहले ही तय कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि हरियाणा और पंजाब में किसानों को विपक्ष भड़का रहा है, मगर इस मुद्दे पर बिहार को हरियाणा-पंजाब नहीं बनने दिया जाएगा।

तार-तार हो गयी संवैधानिक मर्यादा

आरसीपी ने कहा कि हरिवंश जैसे सभ्य और शालीन व्यक्ति के ऊपर इस प्रकार का हमला असहनीय है। हम इसे कतई बर्दाश्त  नहीं कर सकते। जवाब हम भी दे सकते थे लेकिन लोकतांत्रिक मर्यादाओं ने हमारे हाथ बांध दिए हैैं। देश की सबसे पुरानी व सबसे अधिक दिनों तक सरकार चलाने वाली पार्टी कांग्रेस के नेताओं ने उच्च सदन में जिस प्रकार की अराजकता फैलाई उससे यह साफ हो गया कि उन्हें किसानों या संसद की मर्यादा की कोई फिक्र नहीं थी।

आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने तो मार्शल पर हमला कर दिया। कोरोना संक्रमण काल में वह राज्यसभा की डेस्क पर चढ़कर डांस कर रहे थे। इस दृश्य ने पूरे देश को शर्मिंदा किया है।

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