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Lift And Escalator: लिफ्ट और एस्केलेटर का रजिस्ट्रेशन पेपरलेस होगा, ऊर्जा विभाग बना रहा पोर्टल

बिहार में लिफ्ट और एस्केलेटर लगाने के सरकार से अनुमति लेनी होगी। हाल ही में नीतीश सरकार ने यह नया नियम निकाला है। बताया जा रहा है कि लिफ्ट और एस्केलेटर लगाने के लिए रजिस्ट्रेशन पेपरलेस होगा। ऊर्जा विभाग इसके लिए पोर्टल बनाने में जुट गया है। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि रजिस्ट्रेशन के दौरान मेंटेनेंस का भी उल्लेख करना होगा।

By BHUWANESHWAR VATSYAYAN Edited By: Mukul Kumar Updated: Sun, 28 Jul 2024 02:50 PM (IST)
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प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर
राज्य ब्यूरो, पटना। लिफ्ट व एस्केलेटर का निबंधन पूरी तरह से पेपरलेस होगा। निबंधन कराने के लिए संबंधित व्यक्ति को किसी भी दफ्तर का चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। ऊर्जा विभाग की देखरेख में इसके लिए पोर्टल बनाया जा रहा।

मालूम हो कि विधानसभा के मानसून सत्र में लिफ्ट व एस्केलेटर का निबंधन कराए जाने के संबंध में आए विधेयक को मंजूरी प्रदान की गयी थी। इस विधेयक के क्रियान्वयन को ले ऊर्जा विभाग द्वारा रूल्स बनाए जा रहे।

थर्ड पार्टी जांच व मेंटेनेंस का भी जिक्र रहेगा

लिफ्ट व एस्केलेटर के निबंधन कराए जाने को बने पोर्टल पर थर्ड पार्टी के निबंधन की भी व्यवस्था रहेगी। यह जानकारी भी डालना अनिवार्य होगा कि लिफ्ट या फिर एस्केलेटर के मेंटेनेंस की क्या व्यवस्था है। सुरक्षा मानकों के संबंध में भी जानकारी देनी होगी।

ऊर्जा विभाग द्वारा रुल्स बनाया जा रहाा

लिफ्ट व नए एस्केलेटर बगैर निबंधन के लगाए नहीं जाएंगे। ऊर्जा विभाग इसके लिए रूल्स बनाए जा रहे। इस रूल्स के आधार पर ही पोर्टल पर निबंधन होगा।

पुराने लिफ्ट व एस्केलेटर के निबंधन के लिए छह माह का समय

ऊर्जा विभाग के संबंधित अधिकारियों ने बताया कि जिन भवनों में पहले से लिफ्ट या फिर एस्केलेटर लगे हैं उन्हें भी पोर्टल पर जाकर निबंधन कराना होगा। इसके लिए इन्हें छह महीने का समय दिया जाएगा।

तीन वर्षों में एक बार लिफ्ट व एस्केलेटर का निरीक्षण अनिवार्य

सरकार के स्तर पर इसे अनिवार्य कर दिया गया है कि हर तीन वर्षों में एक बार लिफ्ट व एस्केलेटर का निरीक्षण अनिवार्य रूप से कराया जाएगा। निरीक्षण का काम बिजली कंपनी द्वारा किया जाएगा। इसके लिए तय जांच शुल्क का भुगतान करना होगा।

असुरक्षित लिफ्ट को बंद करने का भी अधिकार

लिफ्ट व एस्केलेटर के संबंध में राज्य सरकार ने जो कानून लाया है, उसमें इस बात का प्रविधान किया गया है कि निरीक्षण के क्रम में अगर किसी लिफ्ट या एस्केलेटर को सुरक्षा मानकों के हिसाब से दुरुस्त नहीं पाया जाता है तो निरीक्षण को गए अधिकारी द्वारा उसे बंद किए जाने का आदेश दिया जा सकेगा। जब तक संबंधित लिफ्ट या एस्केलेटर को मानक के हिसाब से ठीक नहीं किया जाएगा तब तक वह बंद रहेगा।

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