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Bihar Waqf Board: बिहार में वक्फ की संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य, नीतीश सरकार का बड़ा फैसला

बिहार सरकार ने राज्य में वक्फ बोर्ड (Bihar Waqf Board) से जुड़ी सभी संपत्तियों का निबंधन अनिवार्य कर दिया है। साथ ही वक्फ विकास योजना के तहत वक्फ की प्रबंध समिति के गठन पर भी जोर दिया गया है। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की जिसमें छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति आवासन अनुदान खाद्यान्न सहायता आदि शामिल हैं।

By Dina Nath Sahani Edited By: Rajat Mourya Updated: Wed, 16 Oct 2024 06:44 PM (IST)
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नीतीश सरकार ने वक्फ बोर्ड को लेकर अहम फैसला लिया है। (जागरण ग्राफिक)

राज्य ब्यूरो, पटना। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने राज्य में वक्फ बोर्ड से जुड़ी सारी संपत्तियों का निबंधन कराना अनिवार्य कर दिया है। साथ ही, विभाग ने वक्फ विकास योजना अन्तर्गत वक्फ की प्रबंध समिति का गठन सुनिश्चित करने को कहा है।

बुधवार को विभाग के सचिव मो. सोहैल की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में बहुउद्देशीय भवन के निर्माण की समीक्षा की गई। बैठक में सचिव ने सभी पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि वक्फ की सभी संपत्तियों का निबंधन एवं प्रबंध समिति का गठन यथाशीघ्र करा लिया जाए।

सचिव ने हज भवन में आयोजित बैठक में अल्पसंख्यक कल्याण छात्रावास योजना, राज्य कोचिंग योजना, प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम, वक्फ विकास योजना, अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय योजना, मुख्यमंत्री विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना तथा मदरसा सुदृढ़ीकरण योजना आदि की समीक्षा की।

छात्रों को मिलेंगे प्रतिमाह 1 हजार रुपये 

सचिव की ओर से अल्पसंख्यक कल्याण छात्रावास निर्माण योजना अंतर्गत संचालित सभी छात्रावासों को पूर्ण आवासन क्षमता के साथ संचालित करने का निर्देश जिलों को दिया गया। बैठक में छात्रावास में आवासित छात्रों को प्रतिमाह एक हजार रुपये के अनुदान की राशि का नियमित भुगतान करने, नौ किलोग्राम चावल एवं छह किलोग्राम गेहूं यानी कुल 15 किलोग्राम खाद्यान्न आदि का भुगतान सुनिश्चित करने का निदेश दिया गया।

सचिव ने निर्देश दिया कि जिन जिलों में बालक एवं बालिका छात्रावास के निर्माण हेतु सुयोग्य भूमि उपलब्ध नहीं है, उन जिलों में जिलाधिकारी की अनुशंसा के साथ भूमि उपलब्ध कराने का प्रस्ताव विभाग को भेजें।

ग्रामीण सोलर स्ट्रीट लाइट योजना में सुस्त एजेंसियों पर होगी कार्रवाई

पंचायती राज विभाग ने मुख्यमंत्री ग्रामीण सोलर स्ट्रीट लाइट योजना की धीमी रफ्तार पर कई एजेंसियों को फटकार लगाई है। विभाग ने संबंधित जिलों के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी, जिला परिषद एवं पंचायत राज अधिकारियों को कहा है कि वे सुस्त एजेंसियों के विरूद्ध कार्रवाई करें। यह सुस्ती उत्तर बिहार में इस योजना की समीक्षा के दौरान पकड़ में आई है। बैठक की अध्यक्षता विभाग के निदेशक आनन्द शर्मा ने की।

समीक्षा के दौरान बताया गया कि सहरसा जिले में सोलर लाइट लगाने की योजना बेहद धीमी रफ्तार से चल रही है। मधेपुरा के लिए चयनित एजेंसी काम ही नहीं कर रही है। गोपालगंज में तो अभी पहले चरण का काम भी शुरू नहीं किया गया है। उत्तर बिहार के संबंधित अधिकारियों को कहा गया कि पहले सुस्त एजेंसियों को नोटिस दें। उसके बाद भी काम में तेजी नहीं आती है तो करार के नियमों के अनुसार कार्रवाई करें।

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