GST Revised Return: रिवाइज्ड रिटर्न फाइल होने पर बढ़ गया 1000 करोड़ का राजस्व, इनपुट टैक्स क्रेडिट में गड़बड़झाला
जीएसटी की गुणवत्तापूर्ण रिटर्न का उद्देश्य कर संग्रह में बढ़ोतरी और करदाताओं को परेशानी से बचना है। रिटर्न के विश्लेषण में पता चला कि करदाताओं द्वारा इनपुट टैक्स क्रेडिट यानी आइटीसी जो कि जीएसटी कानून के प्रविधानों के अंतर्गत मान्य नहीं है को सही कॉलम में दर्ज नहीं किया जा रहा था। इस कारण राज्य सरकार को वांछित राजस्व की प्राप्ति नहीं हो पा रही थी।
राज्य ब्यूरो, जागरण। GST Revised Return माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के जरिये कर चोरी को रोक देने का लक्ष्य था, लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा। चूंकि जीएसटी में रिटर्न दाखिल होने के बाद ही सरकारी खजाने में कर की राशि आती है।
प्रारंभिक चरण में कर चोरी के लिहाज से कुछ कारोबारी रिटर्न भरने में कोताही ही नहीं, गड़बड़ी भी किए। विशेष अभियान चलाया गया तो रिटर्न के कॉलम भी सही तरीके से भर दिए गए और सरकारी खजाने में हजार करोड़ के लगभग अतिरिक्त राजस्व भी आया।
दरअसल, करदाताओं द्वारा सिर्फ रिटर्न दाखिल कर देना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि यह भी आवश्यक है कि रिटर्न विवरणियां सही तरीके से भरी जाएं। वाणिज्य कर विभाग द्वारा जीएसटी की गुणवत्तापूर्ण रिटर्न दाखिल करने के लिए विशेष अभियान चलाया गया। इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ा।
पूर्व के वर्षों के इनपुट टैक्स क्रेडिट, विशेषकर आइजीएसटी, का रिवर्सल करवाया गया। इससे सरकार को पिछले वित्तीय वर्ष (2023-24) में लगभग हजार करोड़ का अतिरिक्त राजस्व मिला।
गड़बड़झाला आईटीसी से
जीएसटी की गुणवत्तापूर्ण रिटर्न का उद्देश्य कर संग्रह में बढ़ोतरी और करदाताओं को परेशानी से बचना है। रिटर्न के विश्लेषण में पता चला कि करदाताओं द्वारा इनपुट टैक्स क्रेडिट यानी आइटीसी, जो कि जीएसटी कानून के प्रविधानों के अंतर्गत मान्य नहीं है, को सही कॉलम में दर्ज नहीं किया जा रहा था। इस कारण राज्य सरकार को वांछित राजस्व की प्राप्ति नहीं हो पा रही थी। यह एक तरह से आइटीसी की चोरी थी।ये भी पढ़ें- Bihar Special Status: क्या बिहार को मिलेगा विशेष राज्य का दर्जा? निर्मला सीतारमण ने दे दिया फाइनल जवाबये भी पढ़ें- Rohini Acharya: 'रोहिणी आचार्य के साथ क्यों घूम रहे थे...', भोला यादव का नाम लेकर RJD पर भड़की जदयू
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