राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने चुनाव आयोग पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अनदेखी का आरोप लगाया है जिसमें मतदाता सत्यापन के लिए आधार कार्ड को शामिल करने का निर्देश दिया गया था। राज्यसभा सदस्य संजय यादव ने प्रधानमंत्री मोदी पर बिहार की डेमोग्राफी को न समझने का आरोप लगाया। उन्होंने बिहार में शिक्षा संस्थानों की कमी और केंद्रीय विद्यालयों की अनदेखी का मुद्दा उठाया।
राज्य ब्यूरो, पटना। राजद के प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने चुनाव आयोग पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश की अनदेखी करने का आरोप लगाया है।
उन्होंने कहा है कि कोर्ट ने 22 अगस्त को स्पष्ट आदेश दिया है कि मतदाता के सत्यापन के लिए चुनाव आयोग द्वारा अधिसूचित 11 दस्तावेजों के अलावा आधार कार्ड को भी सम्मिलित किया जाए।
इसके बावजूद 23 अगस्त का पूरा दिन बीत जाने के बावजूद अभी तक चुनाव आयोग द्वारा कोर्ट के आदेश पर कोई निर्देश जारी नहीं किया गया है। इस वजह से राजनीतिक दलों के बीएलए द्वारा मतदाता सत्यापन के लिए आधार कार्ड दिए जाने पर बीएलओ आवेदन स्वीकार नहीं कर रहे हैं।
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राजद प्रवक्ता ने कहा है कि चुनाव आयोग जानबूझकर प्रक्रिया को उलझा कर समय बिताना चाह रही है, ताकि शुद्धिकरण की आड़ में मतदाता सूची में हेराफेरी कर सके।
मोदी को नहीं है बिहार की डेमोग्राफी की समझ : संजय यादव
राज्यसभा सदस्य संजय यादव ने शनिवार को बयान जारी कर कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बिहार के डेमोग्राफी की समझ नहीं है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा है कि बिहार की जनता ने हलफनामा दायर करके कह दिया है कि नरेन्द्र मोदी वोट चोरी से प्रधानमंत्री बने हैं।
डेमोग्राफी को लेकर कटाक्ष करते हुए कहा है कि बिहार देश का सबसे युवा प्रदेश है। बिहार की जनसंख्या की 58 प्रतिशत आबादी 18 से 25 वर्ष आयु वर्ग की है। ऐसी स्थिति में बिहार में प्रति एक लाख आबादी पर मात्र सात कॉलेज हैं।
बिहार में 534 प्रखंड हैं और यहां के 398 प्रखंडों में आज भी डिग्री कॉलेज नहीं है और यहां 20 वर्ष से एनडीए की सरकार है। आरोप लगाया कि पिछले दस वर्ष में आपने बिहार को एक भी केंद्रीय विद्यालय नहीं दिया। न ही जवाहर नवोदय विद्यालय दिया है।
हद तो यह है कि आप ही की पार्टी के सांसदों ने आपके मानव संसाधन मंत्रालय को लिख कर मांग की फिर भी आपने उनकी मांग नहीं मानी।
आपकी बिहार के प्रति कैसी सोच है इस बात का अंदाजा इस इससे लगाया जा सकता है कि आपकी कैबिनेट ने देश भर में 85 केंद्रीय विद्यालय और 28 नवोदय विद्यालय की स्वीकृति दी। लेकिन, बिहार से आपका कैसा बैर है कि इनमें से एक भी बिहार को नहीं दिया।
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