Bihar News 2024 के लोकसभा चुनाव में 4 महीने से भी कम समय बचा है। ऐसे में बिहार की सियासत में हलचल तेज हो गई है। जहां भाजपा अपने पिछले रिकॉर्ड को कायम रखने के लिए हर स्तर पर रणनीति बना रही है वहीं इस बार आरजेडी भी अपनी पुरानी रणनीति में बदलाव करते हुए लालू के हाथ में कमान सौंप दी है।
By Sunil RajEdited By: Deepti MishraUpdated: Thu, 21 Dec 2023 03:59 PM (IST)
सुनील राज, पटना। Bihar News: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए राजनीतिक दल रणनीति बनाने में जुटे हैं, वहीं राष्ट्रीय जनता दल बिहार की 40 लोकसभा सीटों पर कराए गए सर्वे के नतीजों के आंकड़ों की समीक्षा में जुटा है। इस सर्वे रिपोर्ट में लोकसभा क्षेत्रों की आबादी, जाति की बहुलता के साथ पूर्व में हुए चुनाव के परिणाम और वोट अंतर से जुड़े आंकड़े सम्मिलित किए गए हैं।
इस बार लालू ने अपने हाथ में ली कमान
रिपोर्ट की प्रति राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को मिल चुकी है। रिपोर्ट का विश्लेषण किया जा रह है। इसके आधार पर ही सहयोगी दलों के साथ सीटों के तालमेल पर आगे बात होगी।
राष्ट्रीय जनता दल पिछले लोकसभा चुनाव के परिणामों को देखते हुए इस बार काफी सोच समझकर चुनावी तैयारियों को अंजाम दे रहा है।
2019 में खाता भी नहीं खुल सका था RJD का
2019 के लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल के साथ-साथ महागठबंधन में इसके सहयोगी रहे दल कांग्रेस, हम (से.), विकासशाील इंसान पार्टी और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा।
बमुश्किल कांग्रेस एक सीट जीतने में सफल हो पाई थी।
2019 के लोकसभा चुनाव में राजद ने 20 सीटों पर चुनाव लड़ा था। इनमें एक सीट आरा राजद ने अपने कोटे से सहयोगी भाकपा माले को दी थी।
इसके अलावा सहयोगी रही कांग्रेस नौ, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी पांच, विकासशील इंसान पार्टी और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने तीन-तीन सीटों पर चुनाव लड़ा था।
सहयोगी दल भी राजद की नहीं कर सकी थी मदद
लेकिन, सहयोगी दलों के तमाम सहयोग और कोशिशों के बाद भी भाजपा-जदयू और लोक जनशक्ति पार्टी की आंधी में राजद एक भी सीट जीतने में सफल नहीं हो पाया।
पिछले चुनावी नतीजों को देखते हुए राजद ने इस चुनाव में पूर्व निजी एजेंसी का सहयोग लेकर बिहार की लोकसभा की सभी 40 सीटों का सर्वे कराया है।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि सर्वे रिपोर्ट का विश्लेषण लालू प्रसाद यादव स्वयं कर रहे हैं। रिपोर्ट में राजद और उसके सहयोगी के मिले वोट प्रतिशत, राजद ने किन-किन सीटों पर कांटे की टक्कर दी, लेकिन अंतिम दौर में उसे पराजित होना पड़ा, इसकी वजह क्या रही ऐसे तमाम तथ्य हैं। इसके अलावा जातियों का प्रतिशत, मतदाताओं का रुझान जैसे तथ्य भी शामिल हैं।
रिपोर्ट का विश्लेषण करने के बाद ही लालू सहयोगी दल से करेंगे बात
पार्टी के अंदरखाने के सूत्र बता रहे हैं कि रिपोर्ट का विस्तृत विश्लेषण करने के बाद राजद प्रमुख लालू प्रसाद अपने प्रमुख सहयोगी दलों के साथ बैठक करेंगे। जिनके समक्ष रिपोर्ट के आंकड़े रखे जाएंगे। इसके बाद सीटों के तालमेल पर सहयोगी दलों के साथ बातचीत और सीट बंटवारे को अंतिम रूप देने पर अंतिम सहमति बनाई जाएगी।
पार्टी प्रवक्ता चितरंजन गगन कहते हैं जनवरी-फरवरी के मध्य तक तमाम पहलुओं पर सहयोगियों से बातचीत संभव है। बैठक की जानकारी स्वयं लालू प्रसाद सार्वजनिक करेंगे।
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