Bihar Politics: बिहार की वो सीटें, जहां नीतीश कुमार को मिली सीधी चुनौती, क्या इस बार 'खेल' कर पाएंगे लालू यादव?
बिहार की सभी 40 लोकसभा सीटों पर ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए NDA ने 2019 में 39 सीटों पर जीत दर्ज की थी। 2019 में भी जेडीयू भाजपा और लोजपा एक साथ थे। इस बार जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा भी एनडीए के साथ आ गए हैं। ऐसे में बिहार में एनडीए को पटखनी देना लालू यादव के नेतृत्व वाले महागठबंधन के लिए आसान नहीं होगा।
भुवनेश्वर वात्स्यायन, पटना। जदयू ने रविवार को अपने प्रत्याशियों के नाम की घाेषणा कर दी। उसके साथ ही राजनीतिक गलियारे में यह जोड़-घटाव आरंभ हो गया कि 2019 में जदयू ने जो 16 सीटें जीतीं थी, उनमें वह अपने किस प्रतिद्वंद्वी के साथ अपेक्षाकृत अधिक सहज रहा?
आंकड़े बता रहे हैं कि जदयू ने राजद के प्रत्याशियों को आठ सीटों पर हराया। इसके अलावा, कांग्रेस को पांच सीटों पर पराजित किया था। जबकि एक पर कांग्रेस उम्मीदवार के सामने हार का सामना करना पड़ा था।
इन दो बड़ी पार्टियों के अलावा, दो सीटों पर जदयू का सीधा मुकाबला हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) से था। एक सीट पर रालोसपा के प्रत्याशी उपेंद्र कुशवाहा को भी जदयू ने हराया था। यानी जदयू के सामने जब राजद के प्रत्याशी थे तब जदयू के वोटर कुछ अधिक सक्रिय दिखे।
जब जदयू के सामने राजद के उम्मीदवार थे
पिछली बार आठ सीटों पर जदयू का राजद से मुकाबला था। छह सीटों पर जदयू प्रत्याशी की जीत दो लाख से अधिक मतों से हुुई। इनमें दो सीटों पर जीत का अंतर तीन लाख मतों से भी अधिक था। झंझारपुर में जदयू की जीत 3.22 लाख मतों से हुई थी।
मधेपुरा में जीत का अंतर 3.01 लाख मतों का था। सीतामढ़ी में 2.50 लाख, भागलपुर में 2.77 लाख, बांका में 2.00 लाख तथा गोपालगंज में 2.86 लाख मतों के अंतर से जीत मिली।
सिवान में 1.16 लाख मतों के अंतर से राजद प्रत्याशी को हराया। जदयू को राजद ने सबसे बड़ा मुकाबला जहानाबाद सीट पर दिया था। वहां से राजद प्रत्याशी की हार मात्र 1,751 वोटों से हुई थी।कारकाट सीट पर जदयू ने रालोसपा प्रत्याशी उपेंद्र कुशवाहा को 84,542 मतों से पराजित किया था। राजग में यह सीट इस बार उपेंद्र कुशवाहा के दल राष्ट्रीय लोक मोर्चा को मिल गई है।
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