Bihar Politics: इधर बिहार को विशेष राज्य का दर्ज नहीं मिलने पर रोष, उधर RJD ने अलग दावे से बढ़ाई NDA की टेंशन!
एक तरफ बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग पर सियासत छिड़ी है। दूसरी ओर राजद ने एक और मुद्दा आगे कर दिया है। अपराध को लेकर राजद ने एनडीए सरकार पर करारा हमला बोला है। राजद ने बिहार में बढ़ रहे अपराध को लेकर बड़ा दावा किया है। पार्टी ने कहा कि एनडीए सरकार में क्राइम रेट 224 तक पहुंच चुका है।
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Politics News Hindi एक तरफ बिहार को विशेष राज्य (Bihar Special Status) का दर्जा नहीं मिलने को लेकर राजनीति गर्म है। वहीं, दूसरी ओर राजद (RJD) ने एक अलग दावे से एनडीए की टेंशन बढ़ा दी है।
राष्ट्रीय जनता दल ने दावा किया है कि भाजपा (BJP) और जदयू (JDU) की नकारात्मक और दुष्प्रचार की राजनीति का खमियाजा बिहार को भुगतना पड़ रहा है।राजद ने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रह गई है। सुशासनी सरकार और पुलिस हुक्मरानों द्वारा अपराध नियंत्रण पर हर दावे और उच्च स्तरीय समीक्षा के बाद भी राज्य में हत्या, अपहरण, लूट, डकैती, छेड़खानी और दुष्कर्म की एक श्रृंखला सी बन गई है।
यह दावा राजद प्रवक्ता चितरंजन गगन, मृत्युंजय तिवारी और आरजू खान ने सोमवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में किया। राजद प्रवक्ताओं ने कहा कि राज्य की वर्तमान सरकार की बुनियाद ही दुष्प्रचार, झूठे दावे और नकारात्मक सोच पर टिकी हुई है।उन्होंने कहा कि 1990 में लालू प्रसाद (Lalu Yadav) जब बिहार के मुख्यमंत्री बने थे, उस समय बिहार का क्राइम रेट 145 था और जब राबड़ी देवी ने 2005 में जब मुख्यमंत्री का पद छोड़ा तो उस समय बिहार का क्राइम रेट 108 था, लेकिन बिहार में जब एनडीए की सरकार बनी तो क्राइम रेट 108 से बढ़कर 224 तक पहुंच गया।
महिलाओं के खिलाफ हुए अपराध को लेकर राजद का दावा
राजद ने दावा किया कि एनडीए शासनकाल में सभी प्रकार के अपराधों में तीन से चार गुना की बढोत्तरी हुई है। विशेष कर महिलाओं के खिलाफ अपराध में तो अप्रत्याशित वृद्धि हुई है।राजद प्रवक्ताओं ने कहा कि बिहार सरकार और एनसीआरबी के आंकड़ों को आधार मान लिया जाए तो राजद शासनकाल मे प्रतिघंटा औसत 11 संज्ञेय अपराध दर्ज होते थे, वहीं एनडीए की सरकार में दर्ज होने वाले संज्ञेय अपराध की संख्या प्रतिघंटा औसत 21 यानी दोगुना तक पहुंच गई है।
दुष्कर्म की घटनाओं में सौ प्रतिशत बढोत्तरी के साथ प्रतिदिन 4 मामले दर्ज हुये जबकि राजद शासनकाल में प्रतिदिन का औसत दो है। राजद शासनकाल में प्रतिदिन अपहरण की औसतन 4 घटनाएं दर्ज हो रहीं थी, तो वहीं एनडीए शासनकाल में चैगुना बढ़ोतरी के साथ प्रतिदिन औसत 16 घटनाएं दर्ज हुईं।सबसे महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि राजद शासनकाल में रिकवरी रेट 97 प्रतिशत था वहीं एनडीए शासनकाल में वह घटकर 43 प्रतिशत हो गया यानी 57 प्रतिशत अपहृतों की हत्या कर दी गई।
एनडीए शासन की इससे बड़ी अक्षमता और क्या होगी कि अभियुक्तों को सजा दिलवाने के मामले में बिहार सबसे निचले पायदान पर है। प्रेस कांफ्रेंस में संजय यादव, मदन शर्मा, फैयाज आलमव अन्य नेता उपस्थित रहे।यह भी पढ़ें-Bihar Special Status: मोदी सरकार ने मोड़ा मुंह, लालू ने भी मांग लिया इस्तीफा; टेंशन में CM नीतीश!
'बिहार नहीं तो क्या गुजरात को मिलेगा विशेष दर्जा', Pappu Yadav ने केंद्र को दी वॉर्निंग; कहा- नहीं चलने देंगे ऐसी सरकार
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।