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जाति आधारित गणना पर आपत्ति जताने वालों को RJD का जवाब, तेजस्वी यादव ने PM मोदी का नाम लेकर BJP के पाले में डाली गेंद

बिहार में जाति आधारित गणना के आंकड़ों की रिपोर्ट जारी होने के बाद से ही नीतीश सरकार को विपक्षी दल ही नहीं अपनी ही पार्टी के नेताओं की आलोचना झेलनी पड़ रही है। नीतीश के कई मंत्रियों को गणना के आंकड़ों को लेकर फोन तक आ रहे हैं। इस असहज स्थिति को लेकर राजद नेता तेजस्वी यादव और सांसद मनोज झा ने पलटवार किया है।

By AgencyEdited By: Yogesh SahuUpdated: Sat, 07 Oct 2023 05:05 PM (IST)
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जाति आधारित गणना पर आपत्ति जताने वालों को RJD का जवाब
एएनआई, पटना। बिहार में हुई जाति आधारित गणना (Bihar Caste Based Survey) के आंकड़ों की आलोचना करने वालों को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने खरी-खरी सुनाई है। राजद का कहना है कि बिहार ने सर्वे के माध्यम से सही आंकड़े जुटाए हैं। ये आंकड़े वैज्ञानिक ढंग से जुटाए गए हैं। इन पर यदि किसी को आपत्ति है तो केंद्र सरकार को कहकर सही ढंग से पूरे देश में जनगणना के साथ जाति की गणना भी करवा सकता है।

बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने शनिवार को मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि कई जगहों पर जातिगत जनगणना की मांग उठ रही है। ये काम मानवता के लिए हुआ है।

सरकार के पास डाटा होना चाहिए। उसी हिसाब से योजनाएं बनाई जाएंगी। हम कई बार मांग कर चुके हैं... देश भर में जातिगत जनगणना होनी चाहिए, यहां तो जनगणना भी नहीं हो रही है। आपको पता होना चाहिए कि आपकी आबादी कौन सी स्थिति में है।

बिहार ने इतिहास बनाने का काम किया : तेजस्वी यादव

तेजस्वी यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि बिहार हमेशा देश को राह दिखाता है। बिहार की धरती ने एक बार फिर इतिहास बनाने का काम किया है।

नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार ने जो जाति आधारित गणना कराई है। अब तक 31 के बाद किसी राज्य के पास उनकी आबादी का सही आंकड़ा, साइंटिफिक डेटा नहीं था।

अब पहला राज्य बिहार बना है, जो जानता है कि उसकी आबादी की स्थिति क्या है। साइंटिफिक डेटा है। इस चीज की मांग पूरे देश में हो ही रही है। मुझे बड़ी खुशी है कि और राज्य भी इस काम को करने जा रहे हैं।

जनगणना में एक कॉलम और जोड़ना था : उप मुख्यमंत्री

हालांकि, ये काम तो मोदी जी को कराना चाहिए था। भारत सरकार को कराना चाहिए था, क्योंकि जनगणना का अधिकार उनके पास है, लेकिन हम लोग सर्वे कर सकते हैं। जनगणना का जो अधिकार उन्हें मिला है, उसमें एक ही कॉलम तो जोड़ना था। 

कास्ट का कॉलम, लेकिन कॉलम तो छोड़िए, जनगणना 2021 में होनी थी, अब 2023 खत्म होने वाला है, लेकिन अब तक कब होगी, इसका कोई अता-पता नहीं है।

तेजस्वी ने कहा कि जो लोग भी इसे लेकर आपत्ति जता रहे हैं, बढ़ा दिया गया, घटा दिया गया। अरे भाई अगर इतनी ही आपत्ति बिहार सरकार के आंकड़े से है तो बोल दीजिए मोदी जी को, भारत सरकार जनगणना करा दे। पता चल जाएगा।

मान लीजिए अगर लोग कह रहे हैं कि यादवों का आंकड़ा बढ़ा दिया गया। 1931 में जो हुई थी आखिरी तो उसमें यादवों की क्या आबादी थी।

कुछ लोग केवल बकवास करते हैं : तेजस्वी

उन्होंने कहा कि 11 फीसदी आबादी थी। बिहार, ओडिशा और झारखंड एक राज्य था। सबसे ज्यादा आबादी यादवों की इन सभी राज्यों में से बिहार में स्वाभाविक रूप से बढ़ी।

अगर हमको घटाना-बढ़ाना होता या किए होते तो मुख्यमंत्री अपनी जाति का आंकड़ा नहीं बढ़ा लिए होते? ये बेकार की बातें जो कुछ लोग कहते हैं, केवल बकवास करते हैं।

यही लोग जो आपत्ति दर्ज कर रहे हैं, कितनी भारी मुसीबत पैदा की इन लोगों ने, ये चाहते ही नहीं थे कि सर्वे हो। ये जो देर हुई है, उसी का नतीजा है।

उन लोगों को समझना चाहिए कि कुछ भी घटाया-बढ़ाया नहीं गया है। जो रिकॉर्ड है, वो एकदम बढ़िया है, साइंटिफिक डेटा बिहार के पास आया है, उस हिसाब से आगे की योजनाएं हम बनाएंगे।

पीएम को इन आंकड़ों का स्वागत करना चाहिए : मनोज झा

इधर, राजद सांसद मनोज झा (RJD MP Manoj Jha) ने जाति आधारित गणना को लेकर कहा कि इस सर्वेक्षण के जरिए बिहार ने एक मिसाल कायम की है... तेजस्वी यादव ने जो लिखा है कि वह किसी के खिलाफ नहीं है। इससे एक अधिक संवेदनशील समाज बनेगा।

झा ने जोर देकर कहा कि पीएम को भी इन आंकड़ों का स्वागत करना चाहिए, तभी हम उस समाज को हासिल कर सकते हैं जिसकी कल्पना 50-60 साल पहले संविधान में की गई थी।

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