Bihar Politics : बिहार विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए RJD-JDU आमने-सामने, पढ़िए विश्वास मत की पूरी प्रक्रिया
आज नीतीश सरकार का बहुमत परीक्षण विधानसभा में होने जा रहा है। इस बीच स्पीकर को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष की राजनीतिक गहमागहमी चरम पर है। दोनों ही ओर से अपने-अपने दावे किए जा रहे हैं। ऐसे में यहां जानना जरूरी है कि सदन में किस प्रकार प्रक्रिया आगे बढ़ेगी? स्पीकर अवध बिहारी चौधरी पद पर बने रहेंगे या नहीं? चौधरी पद से हटे तो उनकी जगह कौन लेगा?
राज्य ब्यूरो, पटना। 28 जनवरी को नीतीश कुमार के नेतृत्व में बनी राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) की सरकार सोमवार को विधानसभा में विश्वास मत से गुजरेगी। नीतीश कुमार अपनी सरकार के लिए बहुमत का प्रस्ताव सदन में रखेंगे। उसी के साथ बजट सत्र शुरू हो जाएगा।
सत्ता परिवर्तन के बाद विधान मंडल का यह पहला सत्र है। सत्ता पक्ष और विपक्ष की राजनीतिक गहमागहमी चरम पर है और अपने-अपने दावे के बीच लगभग सभी पार्टियों द्वारा ह्विप भी जारी किया जा चुका है।
बैठक में दो-तीन विधायकों की अनुपस्थिति पर पार्टियों का दावा है कि उन लोगों ने पहले से नेतृत्व की अनुमति ले रखी थी। रविवार शाम जदयू विधायक दल की बैठक में नीतीश ने बिहार के विकास के लिए एकजुट रहने का आह्वान किया और इस लक्ष्य के साथ उन्हें रात्रि विश्राम के लिए होटल चाणक्य पहुंचा दिया गया।
भाजपा के सभी विधायक बोधगया में दो दिवसीय कार्यशाला के समापन के बाद देर शाम पटना लौट आए। उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा के आवास पर बैठक के बाद होटल पाटलिपुत्र एक्जोटिका में उन्हें ठहरा दिया गया। वहीं, कांग्रेस के विधायक भी एक दिन पहले ही हैदराबाद से देर शाम पटना पहुंच गए।
कांग्रेस व वाम दलों के साथ राजद ने अपने सभी विधायकों को तेजस्वी यादव के सरकारी बंगले में ठहराया है। वहां रात दस बजे अचानक पुलिस पहुंच गई। आनंद मोहन के छोटे बेटे ने बड़े भाई चेतन आनंद के लापता होने की बात कही थी।
हालांकि, राजद विधायक चेतन आनंद द्वारा वहां अपनी मर्जी से होने की बात कहने पर पुलिस लौट गई। राज्य पुलिस मुख्यालय ने विधायकों की खरीद-फरोख्त को रोकने व उस पर नजर रखने के लिए अलर्ट जारी किया है।
विधायकों के साथ मिलने-जुलने वालों पर भी नजर रखी जा रही है। हालांकि, इस अलर्ट को लेकर आलाधिकारी कुछ बोलने से परहेज करते रहे। यह जानकारी भी मिल रही कि केंद्रीय जांच एजेंसियां भी विधायकों पर नजर रख रही हैं।
विधानसभा अध्यक्ष के विरुद्ध आएगा अविश्वास प्रस्ताव
विश्वास प्रस्ताव पर मतदान के पहले विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी को अध्यक्ष के आसन से हटाने के लिए अविश्वास प्रस्ताव लाया जाना है। राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर के दोनों सदनों के संयुक्त संबोधन के बाद इसकी प्रक्रिया होगी।
राज्यपाल के विदा होने के बाद जब विधानसभा अध्यक्ष सदन में आएंगे, तब संसदीय कार्य मंत्री उनको पदमुक्त किए जाने का प्रस्ताव पढ़ेंगे। उसके समर्थन में सत्ता पक्ष के सदस्य अपनी सीट पर खड़े हो जाएंगे।
विधानसभा अध्यक्ष को पदमुक्त किए जाने का प्रस्ताव विधानसभा सचिव द्वारा पढ़ा जाएगा और अध्यक्ष को अपनी कुर्सी से हटना पड़ेगा। विधानसभा अध्यक्ष के आसन से हटते ही विधानसभा उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी अध्यक्ष के आसन पर चले जाएंगे।
इसके बाद विश्वास प्रस्ताव की कार्रवाई आरंभ होगी। नीतीश कुमार अपनी सरकार के लिए बहुमत का प्रस्ताव पढ़ेंगे। उसके बाद विधानसभा उपाध्यक्ष द्वारा मतदान कराया जाएगा। तत्पश्चात नेता प्रतिपक्ष और मुख्यमंत्री सदन को संबोधित करेंगे।
इससे पहले राजद प्रवक्ता मनोज झा ने स्पष्ट कहा है कि विधानसभा अध्यक्ष को हटाने वाला नोटिस 122 विधायकों के हस्ताक्षर से ही वैधानिक होगा। सत्ता पक्ष को इसका ध्यान रखना होगा। हालांकि, संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी द्वारा यह संख्या मात्र 38 बताई जा रही है।
सम्राट प्रस्तुत करेंगे 14 अध्यायों वाली आर्थिक समीक्षा की रिपोर्ट
बजट सत्र के पहले दिन उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट सदन के समक्ष प्रस्तुत करेंगे। सम्राट के पास वित्त विभाग का दायित्व भी है और इस भूमिका में उनके लिए यह पहला अवसर है। कुल 14 अध्याय वाली इस रिपोर्ट में राज्य के सामाजिक और आर्थिक क्षेत्र में हुए विकास का विवरण होगा।
राज्य की विकास दर और प्रति व्यक्ति आय के साथ कृषि, उद्यम, श्रम, रोजगार, कौशल, आधारभूत संरचना, ई-शासन, ऊर्जा, ग्रामीण विकास, नगर विकास, मानव विकास, बाल विकास, पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन, बैंकिंग और आपदा प्रबंधन के बारे में विस्तृत जानकारी रहेेगी।
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