Bihar Politics: 'नीतीश खुद चलकर लालू के पास आए थे...', RJD नेता ने खोल दी अंदर की बातें; क्या CM देंगे जवाब?
राजद सांसद मनोज झा ने 2022 का हवाला देकर कहा कि नीतीश कुमार खुद चलकर हमारे नेता के पास आए थे। अपनी पीड़ा बताई कि भाजपा के साथ वह काफी परेशान हैं। उनके विधायकों को तोड़ने की कोशिश की जा रही है। हमारे नेता लालू प्रसाद का मानना है कि नीतीश कुमार परिवार के सदस्य हैं लिहाजा उनकी मदद का निर्णय हुआ।
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में महागठबंधन की सरकार टूटने के बाद से ही जदयू और राजद के बीच क्रेडिट लेने की होड़ मची हुई है। किसके विजन पर नौकरियां दी गई, नई पॉलिसी लागू की गई, इसे लेकर दोनों दल के वरिष्ठ नेताओं के बीच तू-तू मैं-मैं जारी है। इसी कड़ी में अब राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता व राज्यसभा सदस्य मनोज झा ने कहा है बीते 17 महीने में प्रदेश में जितनी भी नौकरी दी गई उनका सारा क्रेडिट उक्त सरकार में उप मुख्यमंत्री रहे तेजस्वी यादव को जाता है। मनोज झा बीते तीन-चार दिनों से पटना में हैं और बुधवार को राजद कार्यालय में स्थानीय मीडिया से बात कर रहे थे।
मनोज झा ने 2022 का हवाला देकर कहा कि नीतीश कुमार खुद चलकर हमारे नेता के पास आए थे। अपनी पीड़ा बताई कि भाजपा के साथ वह काफी परेशान हैं। उनके विधायकों को तोड़ने की कोशिश की जा रही है। हमारे नेता लालू प्रसाद का मानना है कि नीतीश कुमार परिवार के सदस्य हैं लिहाजा उनकी मदद का निर्णय हुआ, लेकिन तेजस्वी यादव की शर्त थी कि हमारे चुनावी घोषणा पत्र में 10 लाख नौकरियां को जो वादा किया गया है हम उसे लागू करेंगे।
'हमने जो कहा था उसे पूरा किया'
मनोज झा ने आगे कहा कि इसके पहले 17 वर्षों तक उनका शासन था वह बताएं उसे दौरान कितने लोगों को नौकरियां दी गई। 17 वर्ष बनाम 17 महीने की रिपोर्ट तो सबके सामने है। बिहार के गांव-गांव से सभी परिवार के काम से कम एक युवा को नौकरी दी गई है आज जब सरकार टूट चुकी है तो बिहार का युवा स्तब्ध है उसके मन में निराशा का भाव है। मनोज झा ने कहा हमने जो कहा था उसे पूरा किया है। जाति आधारित गणना कराई गई उसके आधार पर आरक्षण का दायरा बढ़ाया गया।'युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ नहीं होना चाहिए'
राजद प्रवक्ता ने कहा कि सरकार से अलग होने के पूर्व तेजस्वी यादव ने विभिन्न विभागों में डेढ़ लाख से ज्यादा पद सृजित किए हैं। हमारा सरकार से आग्रह है बदले की राजनीति में युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं होना चाहिए। जो पद सूचित किए गए हैं उन पर 30 से 40 दिनों के अंदर बहाली हो। आशा कार्यकर्ता और ममता के मानदेय का प्रस्ताव भी मंत्रिमंडल की दो बैठकों से लाया जा रहा है। इनके साथ राजनीति नहीं होनी चाहिए। ममता और आशा का मानदेय जो तेजस्वी यादव बना कर आए थे उसके अनुरूप उसमें वृद्धि होनी चाहिए।
मनोज झा ने कहा नीतीश कुमार कह रहे हैं की जो नियुक्तियां हुई है वह उनका विजन है तो उन्हें बताना चाहिए कि पिछले 17 वर्षों में इन लोगों ने कितनी नौकरियां दी कितनी नियुक्तियां की। उन्होंने कहा हमसे राजनीतिक लड़ाई लड़नी है लड़े, लेकिन रोजगार बाधित न करें, वरना हम सरकार में नहीं है तो सड़क से ही युवाओं के अधिकारों की लड़ाई लड़ेंगे।
जाति आधारित गणना को लेकर कहा कि इसका सारा क्रेडिट तेजस्वी यादव को जाता है। उन्हीं के कहने पर राहुल गांधी और डीएमके ने भी अपना सहयोग दिया था। दिल्ली जब प्रधानमंत्री से लोग मिलने गए थे उसे वक्त प्रधानमंत्री से सारी बातें खुद तेजस्वी यादव ने की थी। उन्होंने कहा कि पार्टी इस सहयोग के लिए कांग्रेस और डीएमके को धन्यवाद देती है। प्रेस कांफ्रेंस में श्याम रजक, शक्ति सिंह यादव, चितरंजन गगन व अन्य नेता भी उपस्थित रहे।
ये भी पढ़ें- Bihar Politics: लालू यादव को किसने किया बर्बाद? डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने दिया करारा जवाब, इस बयान से मच सकता है सियासी बवालये भी पढ़ें- 'बच्चे को क्या पता...', तेजस्वी का नाम सुनते ही भड़के मुख्यमंत्री Nitish Kumar, I.N.D.I.A पर भी निकाली भड़ास
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।