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Road Safety Bihar: दुर्घटना के बाद आश्रितों को मुआवजा मिलने में देरी, यहां जानें बीमा के लिए जरूरी दस्तावेज

Road Safety With Jagran वाहन दुर्घटना सहायता निधि का गठन किया गया है। राज्य सरकार ने यह नई व्यवस्था की है। मुआवजे के लिए 50 करोड़ रुपये की राशि भी बिहार वाहन दुर्घटना सहायता निधि के रूप में दी गई है।

By Kumar RajatEdited By: Akshay PandeyUpdated: Tue, 22 Nov 2022 11:55 PM (IST)
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बिहार में आश्रितों को मुआवजा मिलने में देरी। सांकेतिक तस्वीर।
राज्य ब्यूरो, पटना : राज्य में सड़क दुर्घटनाओं में मृत्यु तथा गंभीर रूप से घायलों के लिए बिहार वाहन दुर्घटना सहायता निधि का गठन किया गया है। इसके तहत दुर्घटना में मृतक के आश्रितों को पांच लाख जबकि गंभीर रूप से घायलों को 50 हजार रुपये का मुआवजा दिया जाता है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद राज्य सरकार ने यह नई व्यवस्था की है। सड़क दुर्घटना के मुआवजे के लिए 50 करोड़ रुपये की राशि भी बिहार वाहन दुर्घटना सहायता निधि के रूप में दी गई है। पिछले साल 15 सितंबर से योजना लागू होने के बाद से अब तक कुल 662 पीड़ितों व आश्रितों को राशि का भुगतान किया गया है। हालांकि बड़ी संख्या में मुआवजा के आवेदन लंबित भी हैं।

पटना हाई कोर्ट के अधिवक्ता प्रत्यूष कुमार कहते हैं कि बड़ी दुर्घटनाएं होने पर सरकार और प्रशासन दोनों ही अलर्ट हो जाते हैं, जिसके बाद मुआवजा राशि मिल जाती है, मगर जिन दुर्घटनाओं में कम लोग मरते हैं या घायल होते हैं, उनके आश्रितों को मुआवजा मिलने में देर होती है। कई बार दस्तावेज के अभाव में भी मुआवजे का इंतजार बढ़ जाता है। उदाहरण के लिए दो दिन पूर्व वैशाली में अनियंत्रित ट्रक से कुचलकर आठ लोगों की मौत के मामले में कुछ घंटे के अंदर ही मुआवजा राशि दे दी गई।

वैज्ञानिक जांच में नहीं बताया जा रहा कारण

सड़क दुर्घटनाओं की संयुक्त और वैज्ञानिक जांच के लिए तीन विभागों का संयुक्त सड़क सुरक्षा जांच दल बनाया गया है। इसमें परिवहन, पुलिस और पथ निर्माण विभाग के पदाधिकारी होते हैं, जो किसी भी बड़ी दुर्घटना के बाद घटनास्थल पर जाकर कारणों और निदान की पड़ताल के साथ उसकी विस्तृत रिपोर्ट बनाते हैं। परिवहन विभाग के अनुसार, वर्ष 2021 में हुई सभी 95 गंभीर सड़क दुर्घटनाओं की जांच रिपोर्ट मिली है। वहीं वर्ष 2022 में 52 गंभीर सड़क दुर्घटनाओं में से 44 दुर्घटनाओं की ही जांच रिपोर्ट मिली है। हालांकि मुख्यालय स्तर के अफसरों ने संयुक्त रूप से दी जा रही जांच रिपोर्ट में कई कमियां भी इंगित की है। जांच दल को घटना के स्पेसिफिक कारण के साथ अनुशंसा करने को कहा गया है।

2200 से अधिक पुलिसकर्मियों को मिला प्रशिक्षण

परिवहन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, सभी जिलों के यातायात व पुलिसकर्मियों को सड़क सुरक्षा विषय पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। अभी तक 89 बैच में 2200 से अधिक पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। पिछले साल 2021-22 में 13 प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिनमें 426 प्रतिभागियों को भी प्रशिक्षित किया गया है।

 दुर्घटना बीमा के लिए जरूरी दस्तावेज

- थानाध्यक्ष द्वारा दुर्घटना जांच रिपोर्ट।

- चिकित्सा प्रभारी द्वारा दुर्घटना जांच रिपोर्ट।

- दुर्घटना वाले वाहन का निबंधन, बीमा एवं वाहन स्वामी का नाम व पता।

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