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Bihar News: बिहार में चलती ट्रेन से हुआ नए नवेले अफसर का अपहरण, गया में ज्वाइन करनी थी ड्यूटी

Patna Crime पटना के खुसरूपुर से नव चयनित ग्रामीण विकास पदाधिकारी को अपहरण का मामला सामने आया है। जानकारी के अनुसार कोशी एक्सप्रेस पूर्णिया-हटिया कोशी एक्सप्रेस ट्रेन से नव चयनित ग्रामीण विकास पदाधिकारी दीपक कुमार पाठक का अपहरण किया गया। अपराधियों ने सोमवार की सुबह घटना को अंजाम दिया। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए उन्हें बख्तियारपुर से बरामद कर लिया है। फिलहाल पूछताछ चल रही है।

By vidya sagar Edited By: Shashank Shekhar Updated: Mon, 15 Jul 2024 03:18 PM (IST)
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कोशी एक्सप्रेस से ग्रामीण विकास पदाधिकारी का अपहरण। फोटो- जागरण

संवाद सूत्र, खुसरूपुर (पटना)। Patna Crime बेखौफ अपराधियों ने सोमवार की सुबह 9.15 बजे पूर्णिया-हटिया कोशी एक्सप्रेस ट्रेन से नव चयनित ग्रामीण विकास पदाधिकारी दीपक कुमार पाठक का अपहरण कर पुलिस को चुनौती दी है। 

प्राप्त जानकारी के अनुसार, अपहृत दीपक कुमार पाठक बख्तियारपुर में बरामद हो गए हैं। एसडीपीओ 2 अभिषेक सिंह द्वारा थाना पर पूछताछ की जा रही है।

बताया जाता है कि बेगूसराय जिला के तेघरा थाना क्षेत्र के अम्बा निवासी रामानंद पाठक के पुत्र दीपक को स्वजनों ने हाथीदह में ट्रेन चढ़ाया। उन्हें गया में योगदान देना था। हथियारबंद अपराधियों ने कोशी से दीपक को जबरन उतार लिया।

मामले की जांच में जुटी पुलिस

नजाकत को भांपते हुए दीपक प्लेटफॉर्म से खेत की ओर भागने लगे। भागने के दौरान ही फोन से उन्होंने स्वजनों को सूचना दी। इस बीच दीपक का फोन स्विच ऑफ बताने लगा। फोन की सूचना पर अम्बा से उनके स्वजन खुसरूपुर पहुंच जीआरपी और स्थानीय थाना को सूचना दी है।

दीपक के चचेरे भाई हरिशंकर पाठक ने बताया कि दीपक शादीशुदा हैं और उन्हें दो बच्चे हैं। फिलहाल वे छौराही प्रखंड कार्यालय में लेखापाल के पद पर कार्यरत हैं। बीपीएससी से वे आरडीओ के लिए चयनित हुए हैं। जीआरपी ने बताया कि दीपक की मोबाइल नंबर के माध्यम से जांच शुरू की गई है।

कोशी एक्सप्रेस से खुसरूपुर से कथित बीडीओ के अपहरण की सूचना पर पुलिस घंटों हल्कान रही और अपहृत होटल के कमरे में आराम फरमा रहा था। बख्तियारपुर स्टेशन के बगल के एक होटल से बरामदगी के बाद पुलिस ने अपहृत दीपक कुमार से जब पूछताछ की।

फिर इसने कभी मंझौली में ट्रेन से उतारने तो कभी गया पहुंचने पर जान से मारने की धमकी देकर भरमाने का प्रयास किया, लेकिन जब जांच और पूछताछ का दायरा बढ़ा तो इसने अपहरण के साजिश की पूरी कहानी खोल दी।

बख्तियारपुर में ही उतर कर लिया मोबाइल बंद

दीपक पहले से पूर्व निर्धारित साजिश के तहत खुसरूपुर के बजाय बख्तियारपुर में ही ट्रेन से उतर गया, जहां उसने तीन दिनों के लिए कमरा बुक करा रखा था। पूछताछ में जब योगदान से जुड़े मामले की तहकीकात हुई तो पता चला कि दीपक दूसरे हम नाम की बीपीएससी द्वारा प्रकाशित सूची में नाम दिखाकर घर वालों को गुमराह किया।

पूजा पाठ मिठाई वितरण के बाद योगदान के बहाने निकला और अपहरण की साजिश रच दी । सूत्रों की मानें तो इसने समय से नहीं पहुंचने के कारण चयन रद्द होने का भी फर्जी पत्र बना रखा था जो दो दिन बाद घर लौटकर परिवार को दिखाता।

मामले के पटाक्षेप होने के बाद पुलिस ने इसे हिरासत में ले लिया है। इधर, परिवार वाले भी बरामदगी की सूचना पर यहां पहुंच चुके हैं। एसपी रेल ने बरामदगी की पुष्टि करते हुए बताया कि छानबीन में अपहरण की बात झूठी निकली।

बंद मोबाईल फोन की तकनीकी अनुसंधान के बाद अपहृत का लोकेशन यहां मिलने के बाद एसडीपीओ अभिषेक कुमार सिंह के नेतृत्व में थानाध्यक्ष देवानंद शर्मा, रेल थानाध्यक्ष कंचन कुमारी आदि ने पहले एक दूसरे होटल में छापेमारी की, लेकिन दीपक वहां नहीं मिला।

फिर बगल के होटल में अपने कमरे में मोबाइल बंद कर यह सोता मिला। मामले के उद्भेदन में आरपीएफ इंस्पेक्टर इंचार्ज जवाहरलाल, रेल डीएसपी आदि शामिल रहे।

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