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KK Pathak के नक्शे कदम पर IAS S. Siddharth, बिहार के स्कूलों में होने जा रहा ये बड़ा बदलाव

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ पूर्व एसीएस केके पाठक के नक्शे कदम पर चल रहे हैं। एस सिद्धार्थ भी शिक्षा को लेकर जीरो टॉलरेंस पॉलिसी पर काम कर रहे हैं। अब उन्होंने फैसला किया है कि अगर पाठ्यक्रम पूरा नहीं होता है तो स्कूलों में अतिरिक्त कक्षाएं चलेंगी। वहीं जो भी शिक्षक पढ़ाने में अक्षम हैं तो उनको अतिरिक्त प्रशिक्षण दिया जाएगा।

By Dina Nath Sahani Edited By: Rajat Mourya Updated: Fri, 05 Jul 2024 12:05 PM (IST)
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शिक्षा विभाग के ACS एस. सिद्धार्थ और केके पाठक। (फाइल फोटो)

राज्य ब्यूरो, पटना। IAS S. Siddharth राज्य के तमाम सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनायी जाएगी। इसमें लापरवाही बरतने वाले शिक्षकों पर सख्त कार्रवाई होगी। पाठ्यक्रम के आधार पर बच्चों की पढ़ाई होगी। यदि पाठ्यक्रम पूरा नहीं हुआ तो अतिरिक्त कक्षाओं का संचालन कर पाठ्यक्रम पूरा कराया जाएगा।

यहां तक कि पढ़ाने में अक्षम शिक्षकों को अतिरिक्त प्रशिक्षण भी मिलेगा। इसके लिए प्रधानाध्यापकों द्वारा जिला शिक्षा पदाधिकारी को प्रस्ताव दिए जाएंगे। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ की ओर से सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है।

शिक्षकों के लिए नए निर्देश

निर्देश के मुताबिक, सभी शिक्षक अपने डिजिटल लैब मोबाइल के माध्यम से अपनी उपस्थिति बनाएंगे। विशेष परिस्थिति में किसी शिक्षक को छुट्टी की आवश्यकता होगी, तो उस संबंध में वे औपचारिक रूप से अनुमति प्राप्त करने के उपरांत ही अवकाश पर प्रस्थान करेंगे। यदि कोई शिक्षक सही से नहीं पढ़ा पाते हों, तो प्रधानाध्यापक का यह दायित्व होगा कि ऐसे शिक्षकों को चिह्नित करते हुए उनके विशेष प्रशिक्षण का प्रस्ताव जिला शिक्षा पदाधिकारी को देंगे।

ऐसा नहीं किया जाना प्रधानाध्यापक की लापरवाही मानी जाएगी। विद्यालयों में सरकार द्वारा निर्धारित गुणवत्ता एवं पाठ्यक्रम के अनुरूप ही बच्चों को शिक्षा दी जाएगी। इसकी निगरानी प्रधानाध्यापक द्वारा की जाएगी। इसमें किसी भी प्रकार की कोताही नहीं बरती जाएगी।

कला, संगीत, शिल्प कला एवं खेल पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। मिशन दक्ष की कक्षाएं हर दिन चलेंगी। शनिवार को बच्चों के कौशल विकास पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा।

बच्चों को होमवर्क देना अनिवार्य

अपर मुख्य सचिव डॉ. सिद्धार्थ के निर्देश के मुताबिक शिक्षकों द्वारा बच्चों को नियमित रूप से होमवर्क देना अनिवार्य है। होमवर्क का मूल्यांकन गुणवत्तापूर्ण तरीके से शिक्षकों द्वारा नियमित रूप से किया जाएगा। होमवर्क की पूरी निगरानी प्रधानध्यापक अपने स्तर से करेंगे। इस वर्ष सितंबर-अक्तूबर में सभी विद्यालयों में अध्ययनरत बच्चों का मिड टर्म मूल्यांकन होगा।

प्रधानाध्यापक सुनिश्चित करेंगे कि सभी बच्चे सही से पढ़ें एवं एक संतोषप्रद मानक अकादमिक स्तर प्राप्त करें। आवश्यकता होने पर प्रधानाध्यापक द्वारा कमजोर छात्रों के लिए विद्यालय अवधि के उपरांत विशेष कक्षा की व्यवस्था की जाएगी। मिशन दक्ष की अतिरिक्त कक्षाएं नियमित रूप से तय अवधि में संचालित होंगी।

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