भाकपा माले के कार्यक्रम में सलमान खुर्शीद ने कहा कि देश में गुजरात मॉडल नहीं बिहार मॉडल की चर्चा होनी चाहिए। वहीं उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भाजपा को हराने के लिए विपक्ष को एक रोडमैप बनाने का प्रस्ताव दिया।
By Dina Nath SahaniEdited By: Yogesh SahuUpdated: Sat, 18 Feb 2023 09:25 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, पटना। भाकपा माले के महाधिवेशन में राष्ट्रीय सम्मेलन (नेशनल कन्वेंशन) को संबोधित करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने कहा कि गुजरात मॉडल की बात देश में होती है।
लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बिहार मॉडल सबसे अच्छा है।
नीतीश जी को देशभर में घूमकर बिहार मॉडल की चर्चा करनी चाहिए। नीतीश कुमार का शांति और सद्भाव वाला बिहार देशभर में अनुकरणीय है।
सलमान खुर्शीद के अंदाज-ए-बयां पर खूब बजीं तालियां
सलमान खुर्शीद सभागार में लाल रंग के पोस्टर, बैनर और उसी रंग में रंगे प्रतिनिधियों को देखकर नए अंदाज में दिखे। मंच से अपने संबोधन की शुरुआत कुछ इस तरह की, बोले- लाली देखन मैं गई, और मैं
भी हो गई लाल... इस पर प्रतिनिधियों ने खूब तालियां बजाईं।
उन्होंने कहा कि बदलते वक्त और समाज की मांग के साथ भाकपा-माले द्वारा संविधान व लोकतंत्र बचाने के लिए इस मुहिम की शुरुआत स्वागत योग्य है।
मनु स्मृति को संविधान बनाना चाहती है भाजपा: तेजस्वी
उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने लाल सलाम के साथ प्रतिनिधियों का अभिनंदन किया। इस पर प्रतिनिधियों ने उन्हें लाल सलाम कहा। हाल में महागठबंधन जिंदाबाद, फासीवाद हो बर्बाद के नारे लगते रहे।
तेजस्वी ने भाजपा और आरएसएस पर देश में धर्म के नाम पर नफरत फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा-आरएसएस के लोग मंदिर, मस्जिद, गाय की चर्चा करते रहते हैं।
भाजपा और आरएसएस के लोग मनुस्मृति और गोलवलकर की थ्योरी को संविधान बनाना चाहते हैं, लेकिन देश की जनता इसे कभी नहीं होने देगी।
नफरत की राजनीति फैलाने वाले लोग यह जान लें कि देश किसी के बाप का नहीं, जो मुसलमानों से वोटिंग का अधिकार छीन लें।
उन्होंने कहा कि भाजपा माइंड सेट की मीडिया मुद्दा भटकाने का प्रयास करती रहती है। तेजस्वी यादव ने कहा कि आज देश में मोदी की नहीं, मुद्दे की बात करनी चाहिए।
अगर भाजपा को हराना है, तो विपक्ष को एक रोडमैप तैयार करना होगा और कांग्रेस को भी जल्द फैसला लेना होगा।
कांग्रेस और भाजपा के बीच जहां लड़ाई है, वहां कांग्रेस को तैयारी शुरू कर देनी चाहिए।
साथ ही जहां क्षेत्रीय दल मजबूत हैं, सरकार में हैं तो वहां पर क्षेत्रीय दल को ही ड्राइविंग सीट पर रहने दें।
चुनाव में समय बहुत कम, विपक्ष की एकता जरूरी: दीपांकर
माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि आज देश में संविधान खतरे में है। ऐसे में देश में जितनी विपक्षी पार्टियां हैं, उन सभी को एकजुट होना होगा और समय बहुत कम है।
2024 के चुनाव से पहले विपक्ष की एकता जरूरी है। हम सबको देश को बचाने के लिए एक बहुत निर्णायक लड़ाई लड़नी होगी और इसके लिए व्यापक एकजुटता कायम करनी होगी।
उन्होंने कहा कि पहले दौर का आपातकाल आज के आपातकाल के सामने कुछ भी नहीं था। उस आपातकाल के दौरान बिहार से एक आवाज निकली थी। आज का आपातकाल स्थायी है।
मंच पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत सभी अतिथियों को स्मृति चिह्न, शाल और पार्टी की ओर से प्रकाशित स्मारिका देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का संचालन कर रहे माले पोलित ब्यूरो के राजाराम सिंह ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का संदेश पढ़ाते हुए बताया कि आज झारखंड में नए राज्यपाल का शपथ ग्रहण है।
इसलिए वे इस कार्यक्रम में नहीं आए हैं। सोरेन ने खेद जताया है।
मंच पर ये नेता भी मौजूद थे
माले के राज्य सचिव कुणाल, ऐपवा की राष्ट्रीय अध्यक्ष रति राव, असम की चर्चित महिला नेत्री प्रतिमा इंगपी, माले विधायक दल के नेता महबूब आलम, सत्यदेव राम, झारखंड के माले विधायक विनोद सिंह, पोलित ब्यूरो के सदस्य धीरेन्द्र झा, संदीप सौरभ और पूर्व विधायक मंजू प्रकाश।
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