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Samrat Chaudhary: सम्राट चौधरी ने कह दी लालू के दिल पर चोट लगने वाली बात, सियासत हुई तेज; अब क्या करेगी RJD?

Bihar Politics देश में आपातकाल के 49 साल हो गए लेकिन अब भी वे काले दिन लोगों की यादों में बना हुए हैं। पूर्व और दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के दौरान आपातकाल लगाया गया था। इस दौरान लोगों की कई तरह की आजादी छीन ली गई थी। वहीं इस मामले पर अब बिहार में राजनीति तेज हो गई है। सम्राट चौधरी ने लालू यादव पर जमकर निशाना साधा।

By Vikash Chandra Pandey Edited By: Sanjeev Kumar Updated: Wed, 26 Jun 2024 12:48 PM (IST)
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सम्राट चौधरी ने आपातकाल को लेकर लालू यादव पर बोला हमला (जागरण)

राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Politics News: आपातकाल की वर्षगांठ पर बुधवार को भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) की ओर से आपातकाल -लोकतंत्र के साथ विश्वासघात विषयक संगोष्ठी आयोजित की गई। इस दौरान भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सह उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी मुख्य अतिथि थे।

कुछ लोग राजकुमार-राजकुमारी पैदा करने में लगे: सम्राट चौधरी

राजद प्रमुख लालू प्रसाद पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि बिहार के एक नेता कल तक कहते थे कि अब राजा के घर राजा नहीं पैदा होगा, लेकिन वे राजकुमार और राजकुमारी पैदा करने में लग गए। सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार में चारा घोटाला में मुख्यमंत्री जेल गए, लोकतंत्र शर्मसार हुआ।

आज जितने भी नेता देख रहे, वे जेपी आंदोलन की उपज: सम्राट

 सम्राट चौधरी ने कहा कि आज आप जितने भी नेता देख रहे, वे जेपी आंदोलन की उपज हैं, जो आपातकाल के विरुद्ध थे। 

जिस विधेयक को राष्ट्रपति को भेजा गया, उसकी प्रति एक राजकुमार ने फाड़ दिया, क्या यही लोकतंत्र है! युवराज जब राजनीति में आएंगे तो लोकतंत्र को नहीं समझ पाएंगे! उनका इशारा राहुल गांधी की ओर था। कांग्रेस ने कई बार संविधान में परिवर्तन किया।

इंदिरा गांधी की सरकार में धर्मनिरपेक्ष शब्द को जोड़ दिया गया

 स इंदिरा गांधी की सरकार ने उसमें धर्मनिरपेक्ष शब्द को जोड़ दिया गया, लेकिन कांग्रेस की सरकारें जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 को नहीं हटा सकीं।

नरेंद्र मोदी की सरकार ने एक देश-एक संविधान का साहस दिखाते हुए अनुच्छेद-370 का समापन किया। उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि आपातकाल आज इतिहास के पन्नों में दर्ज है और इसी अतीत से हमें वर्तमान को सुधारना है और भविष्य में याद रखना है।

आपातकाल में लोगों के अधिकारों का दमन ही नहीं किया गया, बल्कि भय पैदा किया गया। नसबंदी तक कर दी गई। संविधान बदल दिया गया। कांग्रेस ने संविधान में बदलाव परिवार की जमींदारी को स्थापित करने के लिए किया था। मुख्य वक्ता व संगठन महामंत्री भीखू भाई दलसानिया ने कहा कि आपातकाल के बारे में नई पीढ़ी को पूरी जानकारी देनी चाहिए। संगोष्ठी की अध्यक्षता भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष भारतेंदु मिश्रा ने की। 

आपातकाल में संविधान को रौंदने वाले संविधान रक्षा का कर रहे ढोंग

वहीं पूर्व उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि आपातकाल के दौरान संविधान को रौंदने वाली कांग्रेस द्वारा की जाने वाली संविधान रक्षा की बात हास्यास्पद और बेबुनियाद है। जनता ऐसे दोमुंहे नेताओं और पार्टियों को अच्छी तरह से समझ गई है।

आपातकाल के दौरान नागरिक अधिकारों को छीन लिया गया। अंग्रेजों के शासन के बाद संभवत: वह पहला मौका था, जब आपातकाल के समय अपने ही देश में एक निर्वाचित सरकार द्वारा निरंकुश तरीके से अपने ही लोगों को घोर यातनाएं दी गईं।

स्वतंत्र भारत के इतिहास का वह सबसे काला अध्याय है। कांग्रेस के उस निरंकुश शासन को आज भी लोग भूल नहीं पाए हैं, परंतु आजकल ये लोग संविधान रक्षा करने का ढोंग रच रहे हैं। भाजपा राष्ट्रवाद के सिद्धांत पर चलने वाली पार्टी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मजबूत राष्ट्रवादी सोच, स्वाभिमान और स्वावलंबन के साथ विकसित भारत के निर्माण की ओर तेजी से अग्रसर हैं। 

तेजस्वी चाह रहे वर्चुअल वर्ल्ड से बिहार की राजनीति करना : मनोज शर्मा 

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता मनोज शर्मा ने मंगलवार को बयान जारी कर पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर टेबल पालिटिक्स का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि तेजस्वी वर्चुअल वर्ल्ड से बिहार की राजनीति करना चाहते हैं। उन्हें बताना चाहिए कि जितनी भी घटनाओं का उन्होंने उल्लेख किया है, उनमें से कितने लोगों के यहां वे ढांढस बंधाने पहुंचे? शर्मा ने कहा कि सिर्फ ट्वीट करने और मीडिया में बयान देने भर से राजनीति नहीं होती है। उसके लिए ग्राउंड में भी उतरना पड़ता है।

तेजस्वी तो हेलीकाप्टर में पिकनिक मनाते है और अंतरिक्ष से ट्वीट करते हैं। पीड़ितों के घर कभी आंसू पोंछने नहीं जाते। राजग और विशेषकर भाजपा के नेता-कार्यकर्ता जितनी दूरी राजद से रखते है, उतनी ही दूरी अपराध और आपराधिक मामलों से भी रखते हैं। तेजस्वी ने अपराध की जितनी भी घटनाएं गिनाई हैं, जांच करने पर उनमें से अधिसंख्य मामलों में राजद और महागठबंधन के लोग संलिप्त मिलेंगे।

इसी के साथ तेजस्वी को यह भी समझना होगा कि साधारण अपराध और संज्ञेय अपराध अलग-अलग मामले हैं। राजग की सरकार के दौरान बिहार में संज्ञेय अपराधों की संख्या नहीं के बराबर है। लालू-राबड़ी शासन-काल में ऐसी-ऐसी आपराधिक घटनाएं हुई हैं कि उस पर बालीवुड में फिल्में तक बन गईं।

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