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Bihar News: बिहार के राजस्व में 8.46 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि, खर्च भी 12.60 फीसद की दर से बढ़ा

Bihar Assembly Monsoon Sessionबिहार विधानसभा में आज वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की ओर से जारी लेखापरीक्षा प्रतिवेदन को पेश किया। रिपोर्ट में यह बात बताई गई है कि प्राप्तियों और व्यय के बीच निरंतर असंतुलन बढ़ते राजकोषीय दबाव का संकेत दे रहा है। वर्ष 2018-19 से वर्ष 2022-23 तक राजस्व प्राप्तियां 172688 करोड़ हो गई।

By BHUWANESHWAR VATSYAYAN Edited By: Sanjeev Kumar Updated: Thu, 25 Jul 2024 06:09 PM (IST)
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सम्राट चौधरी ने पेश किया बिहार का लेखापरीक्षा प्रतिवेदन (जागरण)

राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar News: बिहार को लेकर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की ओर से जारी लेखापरीक्षा प्रतिवेदन को गुरुवार को विधानसभा पटल पर रखा गया। वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने इसके बारे में सदन को विस्तृत जानकारी दी।

रिपोर्ट में इस बात का जिक्र है कि प्राप्तियों और व्यय के बीच निरंतर असंतुलन, बढ़ते राजकोषीय दबाव का संकेत देता है। आंकड़े के हिसाब से वर्ष 2018-19 से 2022-23 के बीच राजस्व प्राप्तियां 8.46 प्रतिशत की औसत वृद्धि दर के साथ है। वहीं राजस्व व्यय 2018-19 से 2022-23 के बीच 12.60 प्रतिशत की वार्षिक दर से बढ़ रहा था।

आंकड़े इस तरह से सामने आए

वर्ष 2018-19 से वर्ष 2022-23 तक राजस्व प्राप्तियां 1,72,688 करोड़ हो गई। राजस्व प्राप्तियों में सहायता अनुदान की हिरसेदारी 2018-19 के 18.70 प्रतिशत से घटकर 2022-23 में 16.81 प्रतिशत हो गयी। सेवाओं के वर्तमान स्तर को बनाए रखने और पिछले दायित्वों के भुगतान के लिए राजस्व व्यय किया जाता है।

इससे राज्य की अवसंरचनात्मक और सेवा क्षेत्र में कोई वृद्धि नहीं होती। राजस्व व्यय 2018-19 के दौरान 1,24, 897 करोड़ से बढ़कर 1,83,976 करोड़ रुपए हो गया। यह 12.60 प्रतिशत की औसत वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ रहा था।

सकल घरेलू उत्पाद में 10.10 प्रतिशत की बढ़ोतरी 

वर्तमान मूल्य पर राज्य का सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) 10.10 प्रतिशत की औसत वृद्धि के साथ रहा। वर्ष 2018-19 के 5,27,976 करोड़ से बढ़कर 2022-23 में 7,51,396 करोड़ रुपए हो गया। तुलनात्मक तरीके जब विश्लेषण किया गया तो 2021-22 की तुलना में जीएसडीपी में 15.55 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई।

 डीसी बिल जमा किए जाने का मामला लंबित 

एसी बिल के माध्यम से निकाले गए अग्रिम धन के विरुद्ध डीसी बिल जमा करने की जरूरत के बाद भी 31 मार्च 2023 तक 7,489,06 करोड़ के 27392 एसी बिल जमा किए जाने को लंबित थे। इनमें से 6,450,17 करोड़ के 26674 एसी बिल 2021-22 की अवधि के थे।

राजस्व बकााए का भी विशेष जिक्र 

सीएजी की रिपोर्ट मे इस बात का जिक्र है कि 31 मार्च 2022 तक बिक्री, व्यापार आदि पर माल एवं यात्रियों पर कर, बिजली पर कर एवं शुल्क , वाहनो पर कर, वस्तुओंं एवं सेवाओं पर कर एवं शुल्क, भू राजस्व, राज्य उत्पाद, मुद्रांक व निबंधन फीस के बकाये 4,022.59 करोड़ रुपए थे। इनमें 1300.42 करोड़ पांच वर्षो से अधिक समय से लंबित थे।

जिला परिवहन अधिकारियों ने वाहनों के फिटनेस का नवीकरण नहीं किया 

कई जिला परिवहन पदाधिकारियाें ने जनवरी 2017 से मार्च 2022 के बीच 20,180 वाहनों के फिटनेस प्रमाण पत्र का नवीकरण नहीं किया। इसके फलस्वरूप 1.27 करोड़ की वसूली नहीं हो सकी।

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