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    Police Encounter: पुलिस और बालू माफिया गैंग के बीच मुठभेड़, एके- 47 के साथ चार आरोपी गिरफ्तार

    पटना के बिहटा में पुलिस और बालू माफिया संजय सिंह गिरोह के बीच मुठभेड़ हुई। अपराधियों ने एके-47 से फायरिंग की जिसके जवाब में पुलिस ने भी फायरिंग की। पुलिस ने चार अपराधियों को गिरफ्तार कर एके-47 सहित कई हथियार बरामद किए। गिरोह पर रंगदारी वसूलने और अवैध बालू खनन का आरोप है।

    By Ashish Shukla Edited By: Krishna Parihar Updated: Sun, 24 Aug 2025 11:15 PM (IST)
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    पुलिस और बालू माफिया गैंग के बीच मुठभेड़

    जागरण संवाददाता, पटना। बिहटा थाना क्षेत्र के अमनाबाद सोन नद इलाके में रविवार की सुबह पुलिस टीम और बालू माफिया संजय सिंह गिरोह के बीच फायरिंग हो गई। अपराधियों ने करीब तीन दर्जन राउंड फायरिंग की, जिसमें एके 47 राइफल का भी इस्तेमाल किया।

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    जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी घेराबंदी कर फायरिंग की। करीब चार घंटे तक चली इस कार्रवाई में पुलिस ने गिरोह के चार अपराधियों को दबोच लिया। इनके पास से एके-47 सहित अन्य हथियार बरामद किया।

    गिरफ्तार अपराधियों की पहचान छपरा जिले के डोरीगंज निवासी संजय राय, अजीत कुमार, पालीगंज का सोनू कुमार और भोजपुर के शिवगंज निवासी यश कुमार के रूप में हुई है। इनके पास एके-47 के अलावा .315 बोर राइफल, 160 जिंदा कारतूस और दो मोबाइल भी जब्त किए गए हैं।

    एसएसपी कार्तिकेय के शर्मा ने बताया कि अमनाबाद सोन नद क्षेत्र में संजय सिंह के गैंग द्वारा नाविकों में दहशत फैलाने के लिए फायरिंग कर रंगदारी वसूली जाने एवं अवैध बालू खनन का कारोबार किए जाने की सूचना प्राप्त हुई।

    सत्यापन के बाद एसपी पश्चिमी भानु प्रताप सिंह के नेतृत्व में दानापुर थानाध्यक्ष प्रशांत कुमार भारद्वाज और उनकी टीम ने अमनाबाद सोन नदी क्षेत्र में छापेमारी शुरू की।

    जैसे ही कार्रवाई की भनक बदमाशों को लगी, उन्होंने पुलिस टीम पर अंधाधुंध गोलियां चलानी शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी एक दर्जन से अधिक राउंड फायर किए।

    मुठभेड़ में गनीमत रही कि कोई पुलिसकर्मी घायल नहीं हुआ। पुलिस ने चार अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया। इस बीच पांच से सात अपराधी मौका पाकर फरार हो गए। इनके खिलाफ पहले से कई आपराधिक मामले दर्ज हैं।

    गिरोह रोज वसूलता था चार से छह हजार रंगदारी

    सूत्रों की मानें तो गिरोह रोजाना चार से छह हजार रुपये रंगदारी वसूलता था। विरोध करने पर हथियारों का इस्तेमाल कर दहशत फैलाते थे। यही नहीं, अवैध बालू कारोबार के जरिए यह गैंग लाखों की कमाई कर चुका है और इलाके में लंबे समय से सक्रिय है।

    एके 47 बरामदगी के बाद सप्लायर की तलाश तेज

    गिरफ्तार बदमाशों से पूछताछ कर यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि एके-47 जैसे हथियार उन्हें किस स्रोत से मिले। गिरोह के पास यह हथियार कहां से आया? इसके पीछे कौन है? सप्लायर कौन है? इसके बारे में पता लगाने की कोशिश की जा रही है।

    इस बात से भी इन्कार नहीं किया जा सकता है कि गिरोह के पास और अत्याधुनिक हथियार ना हो। साथ ही पुलिस यह भी जानने में जुटी है कि गिरोह का नेटवर्क किन-किन जिलों तक फैला हुआ है।

    बताया जा रहा है कि सोन नद क्षेत्र में संजय सिंह गिरोह के आतंक के चलते नाविक और आम लोगों में दहशत था। पुलिस की मानें तो जब तक फरार गिरोह के सदस्य पकड़े नहीं जाते, अभियान जारी रहेगा।

    वर्चस्व को लेकर दो गिरोह में होते रहता भिड़ंत

    सूत्रों की मानें तो संजय सिंह पहले कुख्यात मानिक गिरोह का करीबी था, लेकिन दोनों के बीच मतभेद हो गया। इसके चलते उससे अलग होकर पांडव गिरोह खड़ा कर लिया। तब से दोनों गैंग में वर्चस्व की जंग चल रही है। बालू खनन पर कब्जे की लड़ाई में अक्सर इन गिरोहों के बीच भिड़ंत होती रहती है, जिसमें कई बार फायरिंग की सूचना भी मिलते रही।