Sand Mines : बालू का अवैध धंधा करने वालों को सबक सिखाएगा खनन विभाग, इस तरीके से तुरंत पकड़े जाएंगे फर्जी चालान
फर्जी चालान को लेकर खनन विभाग पूरी तरह से सख्त हो गए हैं। बालू माफिया अब फर्जी चालान पर बालू नहीं बेच पाएंगे। खनन विभाग ने फर्जी चालान के बारे में आसानी से पता लगाने का तरीका खोज निकाला है। इस तरीके से फर्जी चालान लेकर चलने वाले तुरंत पकड़ में आ जाएंगे। मुख्य सचिव के निर्देश के बाद जिलों में यह कार्य शुरू भी हुआ।
राज्य ब्यूरो, पटना। Sand Mining बालू घाटों से जारी होने वाले ई-चालान में ठेकेदारों के स्तर पर गड़बड़ी का मामला नया नहीं है। मामले की जानकारी होने के बाद से इसे लेकर सख्ती हो रही है लेकिन, कई जिलों से अब भी गड़बड़ी की शिकायतें आ रही हैं। जिसके बाद खान एवं भू-तत्व विभाग ने नए सिरे से फर्जी ई-चालान को लेकर दिशा निर्देश जारी किए हैं।
विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पिछले दिनों ई-चालान में गड़बड़ और फर्जी चालान जारी होने के बाद मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा के स्तर पर एक बैठक कर निर्णय लिया गया था कि जो घाट चालू हैं उनसे जारी होने वाले ई-चालान विभाग के स्तर पर जारी होंगे। साथ ही यह वाटर मार्क युक्त चालान होंगे।
कुछ जिलों में अब भी घाटों से चालान जारी हो रहे
इस पूरी कवायद का मकसद फर्जी चालान के कारोबार पर रोक लगाना था। मुख्य सचिव के निर्देश के बाद जिलों में यह कार्य शुरू भी हुआ। लेकिन, कुछ जिलों में अब भी घाटों से चालान जारी हो रहे हैं।
इसके अलावा खनिज पदाधिकारियों को निर्देश दिए गए थे कि उनके स्तर पर प्रत्येक सप्ताह कम से कम पांच बालू घाट का निरीक्षण कर फर्जी ई-चालान रोक के निर्देश दिए गए थे।
जिलों में यह कवायद चल रही है। अधिकांश जिलों में वाटर मार्क युक्त ई-चालान भी जारी हो रहे हैं। बावजूद सभी जिलों को नए सिरे से यह निर्देश दिए गए हैं कि जहां अब तक यह व्यवस्था प्रभावी नहीं हुई है उन जिलों में फर्जी चालान पर रोक के लिए जरूरी कदम उठाए जाएं। ताकि करोड़ों रुपये की राजस्व चोरी पर अंकुश लगाया जा सके। जिलों को इस आदेश का अनुपालन गंभीरता से करने के निर्देश दिए गए हैं।
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