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Bihar News: मिथिलांचल के लोगों की बल्ले-बल्ले, संजय झा ने कर दिया बड़ा एलान; जल्द मिलेगी खुशखबरी

Maithili Bhasha जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने कहा है कि वे जल्द ही केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मिलकर मैथिली को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिलाने की मांग करेंगे। उन्होंने कहा कि मैथिली भाषा का संरक्षण एवं संवर्धन उनकी शीर्ष प्राथमिकता है। केंद्र सरकार द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति ने भी मैथिली को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने की सिफारिश की है।

By BHUWANESHWAR VATSYAYAN Edited By: Sanjeev Kumar Updated: Tue, 08 Oct 2024 12:33 PM (IST)
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मैथिली भाषा को लेकर संजय झा ने दी खुशखबरी (जागरण)
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar News: जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष व राज्यसभा सदस्य संजय झा ने सोमवार को कहा कि मैथिली को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिलाने को वह जल्द ही केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मिलेंगे। इसमें कोई दो राय नहीं हो सकती कि मैथिली भाषा के संरक्षण तथा संवर्धन के लिए अब तक जितने भी काम हुए हैं वह एनडीए की राज्य व केंद्र सरकारों ने किया है। उन्हें उम्मीद है कि केंद्र सरकार विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों के अनुरूप मैथिली को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देगी।

मैथिली भाषा का संरक्षण मेरी पहली प्राथमिकता: संजय झा

संजय झा ने कहा कि मैथिली भाषा का संरक्षण एवं संवर्धन शुरू से मेरी शीर्ष प्राथमिकता रही है। इसे शास्त्रीय भाषा की कोटि में शामिल करने के आधार को उन्होंने वर्ष 2018 मे ही तैयार करा दिया था। उनके प्रयास से केंद्र सरकार द्वारा गठित मैथिली के विद्वानों की विशेषज्ञ समिति ने 31 अगस्त 2018 को अपनी 11 सिफारिशें की थी।

इसमें पहली सिफारिश यह थी कि मैथिली भाषा लगभग 1300 वर्ष पुरानी है। इसके साहित्य का विकास स्वतंत्र रूप से अनवरत होता रहा है। इसलिए इसे शास्त्रीय भाषा की कोटि में रखा जाए। विगत छह वर्षों में समिति की कुछ सिफारिशों पर काम हुआ है पर इसे शास्त्रीय भाषा का दर्जा नही मिल पाया है।

संजय झा ने अटल बिहारी वाजपेयी की दिलाई याद

संजय झा ने कहा कि मु्ख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने मैथिली भाषा को संविधान की अष्टम सूची में शामिल किया था। मिथिलवासियों की दशकों से लंबित मांग पूरी हुई थी। जब 2005 में नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री हुए तो उन्होंने मैथिली को पुन:बीपीएससी के सिलेबस में शामिल किया।

पूर्व में कांग्रेस व राजद गठबंधन की सरकार ने इसे हटा दिया था। नीतीश कुमार के निर्देश पर मधुबनी के सौराठ में मिथिला चित्रकला संस्थान तथा मिथिला ललितकला संग्रहालय की स्थापना की गयी। आजादी के बाद यह ऐतिहासिक पहल है।

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