Vehicle Tax Relief: पुरानी गाड़ियों को स्क्रैप कराने पर देनदारी से मिलेगी छूट, सरकार का बड़ा फैसला
बिहार सरकार ने पुराने और खटारा वाहनों को स्क्रैप करने पर लंबित देनदारियों पर एकमुश्त छूट देने का फैसला किया है। सरकारी निजी और व्यावसायिक वाहनों के लिए अलग-अलग छूट का प्रावधान है। 15 साल से पुराने वाहन को स्क्रैप करने पर मोटरवाहन कर हरित कर निबंधन फिटनेस आदि की फीस और अर्थदंड में पूर्ण छूट मिलेगी। इस योजना का लाभ 31 मार्च 2026 तक लिया जा सकता है।
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार सरकार ने पुरानी और खटारा गाड़ियों की स्क्रैपिंग को प्रोत्साहित करने के लिए लंबित देनदारियों पर एकमुश्त छूट का प्रविधान किया है। सरकारी, निजी और व्यावसायिक वाहनों के लिए छूट की अलग-अलग व्यवस्था की गई है।
परिहवन विभाग ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। विभागीय अधिसूचना के अनुसार, 15 साल से पुराने वाहन के स्क्रैप किए जाने पर लंबित देनदारी पर एकमुश्त छूट प्रदान की जाएगी।
पुराने सरकारी वाहनों पर मोटरवाहन कर, हरित कर के साथ निबंधन, फिटनेस आदि की फीस और अर्थदंड दोनों में पूर्णत: छूट दी जाएगी। वहीं, निजी वाहनों पर टैक्स में 90 प्रतिशत, जबकि अर्थदंड में 100 प्रतिशत की छूट का प्रविधान किया गया है।
इसके अलावा, परिवहन वाले व्यावसायिक वाहनों को भी कर में 90 प्रतिशत और अर्थदंड एवं अतिरिक्त फीस में 100 प्रतिशत की छूट का प्रविधान किया गया है। इस योजना का लाभ 31 मार्च, 2026 तक लिया जा सकता है।
जिला खनन कार्यालयों में जब्त वाहनों की होगी पार्किंग की व्यवस्था
बालू-पत्थर व अन्य खनिजों का अवैध खनन जब्त वाहनों को रखने के लिए अब जिला खनन कार्यालयों में ही पार्किंग की व्यवस्था होगी। सरकार ने निर्णय लिया है कि अवैध खनन मामले में जब्त वाहनों की जिला खनन कार्यालय में पार्किंग के लिए रैयती जमीन को किराये या लीज पर लिया जाएगा।खान एवं भू-तत्व विभाग के अपर सचिव की ओर से सभी सहायक निदेशक और सभी खनिज विकास पदाधिकारियों को सरकार के निर्णय से अवगत कराते हुए दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। पत्र में यह जानकारी भी दी गई है कि कुछ जिलों ने पूर्व में ही जिला खनन कार्यालय में पार्किंग के लिए जमीन किराये पर ली है। जिसका किराया आवंटित करने के लिए विभाग से राशि की मांग की जा रही है।
विभाग ने ऐसे जिलों को एक प्रपत्र जारी किया है। जिला खनिज कार्यालयों को इस प्रपत्र में जिला का नाम, मौजा, थाना, रकबा्र प्रतिमाह किराया, कुल किराया, इकरारनामा कब हुआ इससे जुड़ी जानकारी देने को कहा गया है। इसके साथ ही यह निर्देश भी दिए गए हैं कि जिन जिलों में यह कार्य नहीं हुआ है वैसे जिले जब्त वाहनों की पार्किंग के लिए स्थल का चयन करे और किराये या लीज राशि के साथ जमीन का पूरा विवरण सरकार को मुहैया कराएं।
यहां बता दें कि विभाग के स्तर पर पिछले दिनों हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में जिलों के खनिज विकास पदाधिकारियों ने सूचना दी थी कि जब्त वाहनों का रखने में काफी समस्या होती है। इनके लिए पार्किंग का स्थान सुनिश्चित न होने की वजह से जब्त बालू या अन्य खनिजों के चोरी होने का भय भी बना रहता है। जिसके बाद विभाग ने पार्किंग के लिए रैयती जमीन किराये या लीज पर लेने का निर्णय किया है।
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