Misa Bharti : मीसा भारती के ससुराल में दस्तावेजों की खोज, किसानों से जुड़ा है ये मामला
राजद प्रमुख लालू यादव की बेटी व राज्यसभा सांसद मीसा भारती का ससुराल बिहटा प्रखंड के कुंजवां गांव में है। गांव में पहुंचने पर किसान बताते हैं कि यहां बेटी की शादी के लिए पुश्तैनी जमीन बेचने के अलावा कोई उपाय नहीं है। आर्थिक रूप से कमजोर हुए किसानों की जमीन भी नहीं बिक पा रही है क्योंकि रजिस्टर टू में किसानों का रिकॉर्ड नहीं मिल रहा है।
रवि शंकर, बिहटा। गन्ना की मिठास वाली भूमि पर धान-गेहूं के लिए सिंचाई भर पानी नहीं मिलता है। राजकीय नलकूप खराब है और सोन नहर का मनेर वितरण से पानी मिलना बंद हो चुका है। नकदी फसल के अभाव में किसानों की अर्थव्यवस्था गड़बड़ हो गई है। यह पीड़ा है बिहटा प्रखंड के कुंजवां गांव की।
राजद नेत्री व राज्यसभा सदस्य मीसा भारती (Misa Bharti) का ससुराल इसी गांव में है। बिहटा-लई रोड से कुंजवां के लिए संपर्क पथ है। मुख्य मार्ग छोड़कर गांव की ओर बढ़ने पर टूटी सड़क के दोनों ओर खेतों में गेहूं की फसल की कटनी हो रही है।
नकदी फसल गन्ना की खेती हाथ से निकल गई
गांव में पहुंचने पर किसान बताते हैं कि यहां बेटी की शादी के लिए पुश्तैनी जमीन बेचने के अलावा कोई उपाय नहीं है। बिहटा चीनी मिल बंद होने के बाद नकदी फसल गन्ना की खेती हाथ से निकल गई।आर्थिक रूप से कमजोर हुए किसानों की जमीन भी नहीं बिक पा रही है, क्योंकि बिहटा अंचल कार्यालय से रजिस्टर टू में कुंजवा गांव के किसानों का रिकॉर्ड नहीं मिल रहा है। किसानों को परेशान किया जा रहा है। किसानों की पैतृक भूमि का रिकॉर्ड ऑनलाइन भी नहीं किया।
नतीजा अंचल कार्यालय, एलआरडीसी एवं एडीएम कार्यालय का चक्कर लगा कर लोग परेशान हो गए हैं। संपत्ति के आपसी बंटवारा के बाद, मृत्यु प्रमाण पत्र, वंशावली के साथ आनलाइन करने के बाद भी मालगुजारी रसीद और एलपीसी सुलभ नहीं हो पा रही है।
आंगनबाड़ी भवन अतिक्रमण का शिकार
गांव में बच्चों को पोषाहार के लिए आंगनबाड़ी केंद्र भवन का निर्माण कराया है। हालांकि यह भवन अवैध कब्जा में है। नाला निर्माण हुआ लेकिन पानी का बहाव नहीं होता। सड़क जर्जर हो गई है।
बेरोजगारी की समस्या तो यथावत है। खेती करना मुश्किल हो गई तो किसान निजी कंपनियों को किराये पर देने लगे हैं। गांव को आदर्श ग्राम बनाने के लिए चयन किया गया था लेकिन सूरत नहीं बदल सकी।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।