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ठनी है शहाबुद्दीन और सीएम नीतीश में ...आगे-आगे देखिए होता है क्या?

शहाबुद्दीन की जमानत के बाद बिहार की राजनीति में हड़कंप मचा हुआ है। शहाबुद्दीन ने नीतीश कुमार के खिलाफ क्या बोला? विपक्ष के हमले तेज हो गए हैं। अब आगे-आगे देखिए होता है क्या.....

By Kajal KumariEdited By: Updated: Tue, 13 Sep 2016 08:18 PM (IST)
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पटना [काजल]। सिवान में दो भाइयों की तेजाब से नहला कर हत्या कर दी गई थी। उसके बाद हत्या के चश्मदीद गवाह एक अन्य भाई को भी गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया गया था। ग्यारह साल पहले इन मौतों से पूरा बिहार दहल गया था। सिवान के साहेब कहे जाने वाले मोहम्मद शहाबुद्दीन की रिहाई के बाद वो पूरा मंजर एक बार फिर लोगों की आंखों के सामने घूम गया है।

जेल से बाहर आते ही पुराने रौ में दिखे शहाबुद्दीन

इस मर्डर केस के आरोपी राजद के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन को इस केस में सजा हुई थी और उन्हें जेल के सलाखों के पीछे पहुंचा दिया गया था। इस केस की वर्षों सुनवाई चली और पटना हाईकोर्ट ने आठ सितंबर को उन्हें जमानत दे दी और शनिवार दस सितंबर को वे भागलपुर जेल से बाहर आ गये ।

जेल से निकलने के बाद पुलिस और प्रशासन को धता बताते हुए शहाबुद्दीन अपने पुराने रौ में नजर आए। उनकी अगुवानी के लिए राज्य के कुछ मंत्रीगण, विधायक गण कुल तेरह सौ गाड़ियां और अपार जनसमूह जेल के बाहर मौजूद था। अपने काफिले के साथ ही शहाबुद्दीन अपने घर सीवान रवाना हुए और रास्ते में भी लोगों ने उन्हें माला पहनाकर जगह-जगह उनका स्वागत किया।

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नीतीश को परिस्थितिवश और लालू को नेता कह मचा दिया हड़कंप

शहाबुद्दीन ने जेल से बाहर निकलते ही राजनीतिक बयानबाजी का पुराना हिसाब लगाते हुए प्रदेेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को परिस्थितिवश नेता और लालू यादव को अपना नेता कह तूफान मचा दिया। इस बयान के बाद महागठबंधन के बीच बढ़ी तल्खी एेसी नजर आई कि नीतीश कुमार को अपनी काबिलियत और अपने जनादेश के बारे में अपनी बात कहनी पड़ी।

नीतीश ने कहा- मुझपर असर नहीं, मुझे अपने काम से मतलब

नीतीश कुमार ने यह साफ कर दिया कि कौन क्या कहता है? इससे मुझपर कोई फर्क नहीं पड़ता। जनता ने काम करने के लिए जनादेश दिया है और मैं अपना काम करता रहूंगा। उन्होंने इससे ज्यादा कहना, इस मामले को तूल देना सही नहीं समझा, लेकिन इस मामले को लेकर विरोधियों का सामना करना उनके लिए इतना आसान नहीं है। शहाबुद्दीन से दूरी और उनके तल्ख बयान साथ ही जदयू के एक नेता का शहाबुद्दीन के साथ होना, ये तमाम बातें उनकी परेशानी का सबब बन गए हैं।

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जदयू परेशान, बुलाई हाई लेवल मीटिंग

सीवान में भी शहाबुद्दीन ने मीडिया से बातचीत करते हुए राज्य के राजनीतिक माहौल के बारे में, महागठबंधन के बारे में इतना कुछ कह दिया कि बिहार की राजनीति में उथल-पुथल मच गई है और इसे लेकर जदयू की हाई लेवल की मीटिंग भी बुलाई गई है। मीटिंग में इस बात को लेकर काफी चर्चा हो रही है कि इस मामले से कैसे निपटा जाए?

लालू ने साध रखी है चुप्पी

उधर लालू ने इस मामले में चुप्पी साध रखी है लेकिन उनके चहेते रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि हमलोग नीतीश कुमार को मजबूरीवश लालू यादव के कहने के बाद ही उन्हें मुख्यमंत्री मानते हैं। उनके इस बयान पर तनातनी चल रही है। इसके साथ ही महागठबंधन के दरार को भरने के लिए तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा कि महागठबंधन पर्वत की तरह मजबूत है।

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गठबंधन की वजह से नीतीश बने मुख्यमंत्री : शहाबुद्दीन

शहाबुद्दीन का यह कहना कि नीतीश कुमार जनता के नेता नहीं हैं वो गठबंधन की वजह से मुख्यमंत्री बन गए हैं जैसे मधु कोड़ा झारखंड में बन गए थे, यह बिहार के महागठबंधन के लिए बड़ी बात है। शहाबुद्दीन जेल में दरबार लगाते थे और बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद उसके दो नेताओं ने जेल में जाकर उनसे मुलाकात की थी। इसके बाद पत्रकार राजदेव की हत्या हो गयी थी, सबने एक सुर से बिहार में जंगलराज की वापसी का की बात कही थी।

विपक्ष ने कहा - सुशासन और शहाबुद्दीन साथ नहीं चल सकते

विपक्षी पार्टियां तो इसे सीधे राज्य सरकार की मदद और पूरी तरह से राजनीतिक बिसात बिछाकर पूरे प्लान के तहत उसकी जमानत करायी गई है। विपक्ष ने जमकर इसकी भर्त्सना की और आज राजग के नेता राज्यपाल से मिलकर इस बारे में उन्हें ज्ञापन सौंपेंगे। विपक्ष का कहना है कि सुशासन और शहाबुद्दीन साथ-साथ नहीं चल सकते? किसी एक को खत्म होना ही होगा। महागठबंधन की क्या स्थिति है खुलकर सामने आ गया है।

पूरे देश में हो रही शहाबुद्दीन की चर्चा

पत्रकार राजदेव हत्याकांड की भी मिस्ट्री अभी तक सुलझी नहीं है, इस बीच तेजाब कांड में शहाबुद्दीन की जमानत बड़ी बात कही जा सकती है। जनता भी इस जमानत से हैरान है। उसकी जमानत के बाद पूरे देश में इस बात की चर्चा हो रही है कि कैसे उसे जमानत मिल गयी?

शहाबुद्दीन के खिलाफ केस लड़ेंगे प्रशांत भूषण

देश के प्रख्यात वकील प्रशांत भूषण ने उनके खिलाफ केस लड़ने की भी बात कही है। अगर तेजाब कांड में अपने तीन बेटों को खो चुके चंदा बाबू साथ देंगे तो यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट भी जा सकता है और शहाबुद्दीन की जमानत पर फिर से केस की बात होगी और फैसला अब सुप्रीम कोर्ट लेगा, इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं।

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आगे-आगे देखिए होता है क्या?

शहाबुद्दीन भले ही जेल से बाहर आ गए हों और बाहर निकलते ही अपनी राजनीति फिर से चमकाने में लग गए हों लेकिन बिहार में सुशासन की सरकार है, जिसके प्रणेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं, लालू यादव नहीं। बयानबाजी और कयासबाजी चलती रहेगी, लेकिन नीतीश कुमार अब इस मामले को पार्टी नेताओं से मिलकर जल्द निपटा लेंगे एेसी बातें भी सामने आ रही हैं।......आगे-आगे देखिए होता है क्या?

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