Sharda Sinha News: सहेलियों संग गा रही थीं शारदा सिन्हा, प्रधानाचार्य ने बुलाकर रिकॉर्ड कर लिया था गीत
शारदा सिन्हा ने मैथिली लोक गीतों में अपनी पहचान बनाई। उनका जन्म सुपौल जिले के हुलास गांव में हुआ था। उन्हें 1991 में पद्मश्री और 2018 में पद्मभूषण से सम्मानित किया गया। शारदा सिन्हा ने भोजपुरी और हिंदी फिल्मों में भी गाया है। उनके गाए गीत आज भी लोगों के दिलों में बसे हैं। उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार और राष्ट्रीय अहिल्या देवी पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया।
परिवार का मिलता रहा सहयोग
छठ गीतों के प्रति बढ़ता रहा आकर्षण
शारदा सिन्हा के लिए हृदय नारायण ने लिखे गीत
गले को ठंडा रखने के लिए खाती थीं पान
आंगन से आरंभ हुआ लोक गीतों का सफर
फिल्मों में गाने का मिला था मौका
शारदा सिन्हा के चर्चित गीत
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रामजी से पूछे जनकपुर के नारी -
केलवा के पात पर उगेलन सुरुज देव -
कांचहि बांस के बहंगिया -
आन दिन उगइ छ हो दीनानाथ -
कहे तोसे सजना तोहरी सजनिया -
बाबुल जो तूने सिखाया जो तुमसे पाया -
तार बिजली से पतले हमारे पिया -
पनिया के जहाज से पलटनिया बनि अइह पिया -
पिरितिया काहे ना लगवले -
पटना से बैदा बोलाइ द -
बताव चांद केकरा से कहां मिले जाला
कई पुरस्कार से हुईं थी सम्मानित
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1991 : पद्मश्री सम्मानित -
2001 : संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार -
2006 : राष्ट्रीय अहिल्या देवी पुरस्कार -
2015 : बिहार सरकार की ओर से सम्मानित -
2018 : पद्मभूषण सम्मान से सम्मानित