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Bihar News: शीत लहर कब चलती है, बच्चों के लिए कितना खतरनाक? पढ़ें इससे बचाव के उपाय

Cold Wave Precautions शीतलहर के कारण कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न होती है एवं कई दफे यह जानलेवा भी साबित होता है। शीतलहर का सबसे ज्यादा खतरा बच्चों और बुजुर्गों को रहता है। शीतलहर तब चलती है जब मैदानी इलाके में तापमान 7 डिग्री से नीचे चला जाए और तेज हवा चलने लगे। शीत लहर के दौरान मोटे कपड़े जरूर पहनने चाहिए और पूरे शरीर को ढक कर चलना चाहिए।

By Jagran News Edited By: Sanjeev KumarUpdated: Sat, 06 Jan 2024 09:08 AM (IST)
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शीत लहर से बचने के उपाय (जागरण)

डिजिटल डेस्क, पटना। इन दिनों बिहार में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में लोगों को सबसे अधिक चिंता स्कूल जाने वाले बच्चों की होती है। सबसे अधिक परेशानी उस समय होती है जब शीत लहर (Cold Wave) चलती है। शीत लहर के दौरान बच्चे और बुजुर्ग सबसे अधिक बीमार होते हैं।

तो चलिए जानते हैं शीत लहर कब चलती है, बच्चों के लिए कितना खतरनाक है और इससे बचाव के उपाय क्या हैं?

शीत लहर कब चलती है?

जब सर्दी के दिनों में तापमान 7 डिग्री से नीचे चला जाए और इस दौरान तेज हवा भी चले तो यह शीत लहर कहलाती है। यह अवस्था 2-3 दिनों तक लगातार बनी रहती है। अगर तापमान 5 डिग्री से नीचे चला जाए तो यह गंभीर शीत लहर कहलाती है। ला नीना वर्षों के दौरान ठंड की स्थिति अत्यंत तीव्र हो जाती है।

शीत लहर बच्चों और बुजुर्गों को कितना खतरनाक

शीतलहर का सबसे ज्यादा खतरा बच्चों और बुजुर्गों को रहता है। अधिक ठंड होने से श्वसन तंत्रों में संक्रमण बच्चों में दम्मा या खांसी की बीमारी, निमोनिया, डायरिया होने का खतरा बढ़ जाता है। अधिक ठंड लगने से हाइपोथेमिया नामक बीमारी हो सकती है। बुजुर्गों को ठंड लगने से लकवा मारने की घटनाएं भी बढ़ जाती है। अधिक ठंड होने से मांसपेशियों में कंपन पैदा होता है। जिससे कंपकंपी आने लगती है दांत किटकिटाने लगते है। शीतलहर का प्रभाव हृदय, रक्त वाहिनियों पर पड़ता है।

शीत लहर से बचने के उपाय

शीत लहर के दौरान मोटे कपड़े जरूर पहनने चाहिए और पूरे शरीर को ढक कर चलना चाहिए। खासकर कान, नाक और मुंह को जरूर ढक कर चलना चाहिए। सड़क पर चलते समय सावधानी बरतें। रोड के बहुत किनारे से भी नहीं चलें। अनावश्यक घर से बाहर नहीं निकलें।

घने कोहरे की वजह से सड़क हवाई एवं रेल यातायात भी प्रभावित होता है। ठंड के मौसम में जब धूप निकले तो धूप जरूर लें। धूप शरीर को विटामिन डी की कमी को दूर करता है।

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