Shyam Rajak: RJD में क्यों चले गए थे श्याम रजक? JDU में वापसी के बाद खुलकर बताया सबकुछ
श्याम रजक ने हाल ही में राजद से इस्तीफा दिया था। उनके द्वारा राजद प्रमुख को भेजे गए पत्र की काफी चर्चा हुई थी। उन्होंने इस्तीफे के साथ लिखा था कि मैं शतरंज का शौकीन नहीं था इसलिए धोखा खा गया। आप मोहरे चल रहे और मैं रिश्तेदारी निभा रहा था। अब श्याम रजक फिर से जदयू में वापस आ गए हैं।
राज्य ब्यूरो, पटना। एक समय नीतीश कुमार की सरकार में मंत्री रहे श्याम रजक रविवार को फिर से जदयू में शामिल हो गए। जदयू प्रदेश कार्यालय में आयोजित मिलन समारोह में जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने उन्हें व उनके समर्थकों को जदयू की सदस्यता दिलायी।
संजय झा ने कहा कि श्याम रजक की यह घरवापसी है। सभी को पता है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दलित समाज में हाशिए पर रह गए लोगों को आगे लाने के लिए महादलित की श्रेणी बनायी।
महादलित समाज के बच्चों की संख्या सबसे अधिक थी, जो स्कूल नहीं जाते थे। उन्हें स्कूल पहुंचाने व इस समाज के लोगों के उत्थान के लिए कई योजनाएं शुरू की।
जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने इस अवसर पर कहा कि श्याम रजक ने ऐसे समय में घरवापसी की है जब सभी को चुनाव की तैयारी में लगना है। उनके आने से पार्टी के संगठन को मजबूती मिलेगी। पार्टी उनके मान-सम्मान का पूरा ख्याल रखेगी।
मिलन समारोह में श्याम रजक ने कहा कि नीतीश कुमार की सोच बिहार के विकास की है। उनके नेतृत्व में उन्होंने काम किया है। योजनाओं के माध्यम से उन्होंने बिहार की तस्वीर बदली है। भावावेश में वह राजद में चले गए थे। पर वहां समाजवाद की जगह परिवारवाद और भ्रष्टाचार दिखा।
क्या बोले श्याम रजक?
श्याम रजक ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर ने उन्हें कहा था कि जहां स्वाभिमान और मान-सम्मान को महत्व नहीं मिले तो वह जगह छोड़ देनी चाहिए। इन दिनों वह राजद में अपमानित महसूस कर रहे थे।
लोग कह रहे कि मैं सत्ता के लिए जदयू में आ गया हूं। उन्हें यह मालूम होना चाहिए कि जिस समय मैं राजद में गया था, उस समय जदयू का विधायक था। इस्तीफा देकर गया था।
मिलन समारोह में मंत्री विजय चौधरी, बिजेंद्र प्रसाद यादव, सुनील कुमार, रत्नेश सदा, जदयू के राष्ट्रीय महासचिव मनीष वर्मा, पूर्व सांसद चंद्रेश्वर चंद्रवंशी, विधान पार्षद संजय कुमार सिंह व रवींद्र सिंह भी मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन प्रो. नवीन आर्या चंद्रवंशी ने किया।
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