अंबेडकर को 'रामजी' कहने पर भड़के जदयू नेता, कहा- पहले CM योगी अपना सही नाम लिखें
जदयू नेता ने डा. अंबेडकर को उनके बीच के नाम 'रामजी' से पुकारे जाने को साजिश करार दिया। सीएम योगी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि पहले वे अपना सही नाम लिखें।
By Ravi RanjanEdited By: Updated: Sat, 31 Mar 2018 09:55 PM (IST)
पटना [राज्य ब्यूरो]। जदयू के राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक ने उत्तर प्रदेश की सरकार द्वारा सभी सरकारी पत्राचार में डा. अंबेडकर को उनके बीच के नाम 'रामजी' से पुकारे जाने को साजिश करार दिया है। उन्होंने कहा कि मनुवादी सोच के लोगों द्वारा देश में आवश्यक एजेंडे को बदलने के कुचक्र के तहत ऐसा किया जा रहा है। श्याम रजक ने कहा कि योगी आदित्यनाथ पहले अपना असली नाम ठाकुर अजीत सिंह बिष्ट का इस्तेमाल क्यों नहीं कर रहे?
श्याम रजक ने कहा कि यूपी सरकार द्वारा डा. अंबेडकर के संबंध में अधिसूचना मनुवाद का एजेंडा लागू करने का प्रयास है। यह दलितों को अपने अधिकार के लिए संघर्ष करने के एजेंडे से भटकाने का प्रयास है। बाबा साहेब के नाम में से केवल 'रामजी' का चुना जाना क्या भाजपा द्वारा उनके 'शुद्धीकरण' का प्रयास है? उनका पूरा नाम डा. भीम राव रामजी सकपाल अंबेडकर था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पूरा नाम नरेंद्र भाई दामोदर भाई मोदी क्यों नहीं लिया जा रहा?श्याम रजक जदयू के वरिष्ठ नेता हैं और जदयू इस समय भाजपा के साथ मिलकर प्रदेश में सरकार चला रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं।
जदयू नेता ने कहा कि यह सही है कि बाबा साहेब के पिता का नाम रामजी था और महाराष्ट्र की परंपरा के मुताबिक उन्होंने इसे अपने नाम में शामिल किया, लेकिन यह भी सत्य है कि अंबेडकर उनका पारिवारिक नाम नहीं था, यह नाम उन्हें उनके शिक्षक ने दिया था। बाबा साहेब का पारिवारिक नाम सकपाल था।उन्होंने कहा कि अगड़ी जाति का वर्चस्व कायम रखने के इच्छुक लोग शुद्धिकरण के बहुत शौकीन हैं। ऐसा कर वह दलितों का अपमान करते हैं। बाबा साहेब की मूर्ति तोडऩे वाले लोग रामजी लिखकर क्या साबित करना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि आदित्यनाथ सरकार ने यह काम उस समय किया है जब दलित संविधान में सुनिश्चित किए गए अपने अधिकारों की प्राप्ति के लिए संघर्ष कर रहे हैं और उनपर हर तरफ से हमले किए जा रहे हैं। एससी-एसटी एक्ट को कमजोर किया जा रहा है।
बता दें कि उत्तर प्रदेश में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर का नाम बदला जायेगा। भीमराव अंबेडकर के नाम के साथ अब उनके पिता 'रामजी मालोजी सकपाल' का नाम भी जोड़ा जायेगा। राज्यपाल राम नाइक की सलाह के बाद इस फैसले को लिया गया है। अब उनका नाम 'डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर' हो जायेगा।
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