NEET UG Paper Leak: कब पकड़ा जाएगा पेपर लीक का सरगना संजीव सिंह? नालंदा के कॉलेज में दबिश देने पहुंची SIT
देश की सबसे बड़ी परीक्षाओं में से एक मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम यूजी नीट 2024 का प्रश्नपत्र लीक करने के मामले की जांच में बुधवार को एसआइटी ने नालंदा के एक सरकारी कॉलेज में दबिश दी। एसआईटी यहां एक कर्मचारी के बारे में जानकारी लेने के लिए पहुंची थी। सूत्र बताते हैं कि एसआइटी के साथ ईओयू के अधिकारी भी थे। हालांकि उन्होंने मीडिया से कोई बातचीत नहीं की।
जागरण संवाददाता, पटना। NEET UG Paper Leak 2024 नीट (राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा) यूजी (अंडर ग्रेजुएट) पेपर लीक मामले की जांच में बुधवार को एसआइटी ने नालंदा जिले के नूरसराय स्थित एक सरकारी महाविद्यालय में दबिश दी। एक कर्मचारी के बारे में जानकारी लेने के लिए टीम पहुंची थी।
सूत्र बताते हैं कि एसआइटी के साथ ईओयू (आर्थिक अपराध इकाई) के अधिकारी भी थे। हालांकि, उन्होंने मीडिया से कुछ बातचीत नहीं की। जांच की दिशा और नालंदा के नगरनौसा निवासी फरार सरगना संजीव सिंह और उसके करीबी रॉकी की गिरफ्तारी नहीं होने को लेकर पटना पुलिस के अधिकारी भी जानकारी साझा करने से कतरा रहे हैं।
माना जा रहा है कि एनटीए (राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी) द्वारा पेपर लीक की बात से बार-बार इनकार किए जाने पर पटना पुलिस अपनी कार्रवाई के संदर्भ में बता नहीं रही, क्योंकि इससे 24 लाख अभ्यर्थियों का भविष्य जुड़ा है। पुलिस ने अपनी प्राथमिकी को पुष्ट करने के लिए जांच तेज कर दी है।
शिक्षक भर्ती और नीट, दोनों में एक ही गिरोह का हाथ
अबतक के अनुसंधान से यह स्पष्ट हो चुका है कि बीपीएससी शिक्षक बहाली और नीट दोनों ही परीक्षाओं के प्रश्नपत्र लीक करने में एक ही संगठित गिरोह का हाथ है।
संजीव सिंह पहले भी नीट का पेपर लीक करने के मामले में गिरफ्तार होकर जेल जा चुका है। एसएसपी राजीव मिश्रा ने बताया कि अब सभी दिशाओं में जांच चल रही है।
जले कागजात का नहीं हो सका मिलान
पुलिस ने गिरफ्तार अभ्यर्थी आयुष राज के पास से 32 पन्नों का टेस्ट बुकलेट बरामद किया था। उस पर सेट-तीन अंकित था। वहीं, खेमनीचक के लर्न ब्वायज हास्टल से मिले जले कागजात प्रश्नपत्र थे या नहीं? इसके लिए बुकलेट से मिलान किया जाना था।
सूत्रों की मानें तो अब तक मिलान नहीं हो सका है। उसे जांच के लिए एफएसएल भेजा जाना था, लेकिन अनुसंधानकर्ता ने अब तक कोर्ट से अनुमति नहीं ली है। एफएसएल की रिपोर्ट आने के बाद पुलिस को पुख्ता साक्ष्य मिल जाएंगे।
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