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Smart PDS System: स्मार्ट पीडीएस से दुरुस्त होगी राशन वितरण प्रणाली, बिहार के डेढ़ करोड़ लोगों को होगा लाभ

बिहार में जल्द ही 56 हजार राशन दुकानें डिजिटल रूप में स्मार्ट हो जाएंगी। स्मार्ट-पीडीएस व्यवस्था को लागू करने में केंद्र से 60 फीसदी राशि भी मिलेगी। राज्य सरकार को भी 40 फीसदी राशि खर्च करनी होगी। खाद्यान्न डिलीवरी की आनलाइन मानीटरिंग और दुरुस्त होगी। प्रदेश के 38 जिले इसमें शामिल होंगे। इससे प्रदेश के डेढ़ करोड़ से ज्यादा गरीब लोगों को लाभ मिलेगा।

By Dina Nath SahaniEdited By: Yogesh SahuUpdated: Wed, 28 Jun 2023 08:40 PM (IST)
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Smart PDS System: स्मार्ट पीडीएस से दुरुस्त होगी अनाज वितरण प्रणाली।
दीनानाथ साहनी, पटना। राज्य सरकार ने केंद्र प्रायोजित स्मार्ट-पीडीएस स्कीम को राज्य में लागू करने की मंजूरी दी है। मंत्रिमंडल से स्मार्ट-पीडीएस स्कीम को मंजूरी मिलने के बाद इस पर तेजी से अमल होगा।

56 हजार दुकानें डिजिटल प्रणाली से जुड़ेंगी

सभी 38 जिलों में संचालित सार्वजनिक वितरण प्रणाली की 56 हजार दुकानें डिजिटल रूप में स्मार्ट बनेंगी। केंद्र सरकार द्वारा इस स्कीम के क्रियान्वयन में 60 प्रतिशत राशि दी जाएगी।

जबकि राज्यांश की 40 प्रतिशत राशि को राज्य सरकार को वहन करना होगा। इस स्कीम से सार्वजनिक वितरण प्रणाली में लीकेज को रोकने में और मदद मिलेगी।

आनलाइन होगी मानीटरिंग

वहीं, प्रधानमंत्री पोषण योजना के तहत भारतीय खाद्य निगम से जो अनाज बिहार राज्य खाद्य निगम को आपूर्ति की जाती है और फिर उस अनाज को जन वितरण प्रणाली की दुकानों को मुहैया कराया जाता है। इस पूरे डिलीवरी सिस्टम की नई टेक्नोलाजी की मदद से आनलाइन मानीटरिंग सुनिश्चित होगी।

बिहार सरकार के खाद्य सचिव विनय कुमार के मुताबिक सरकार ने स्मार्ट पीडीएस को सभी जिलों में प्रभावी ढंग से लागू करने का निर्देश जिलाधिकारियों को दिया है।

स्मार्ट-पीडीएस का मुख्य उद्देश्य प्रधानमंत्री पोषण योजना का संचालन और कार्यान्वयन को मानकीकृत करने के लिए व्यवस्था को और बेहतर बनाना है।

इसमें आइटी प्रोफेशनल की टीम की महत्वपूर्ण भूमिका साबित होने वाली है। राज्य के एक करोड़ 68 लाख गरीब परिवारों को बिना किसी अवरोध के खाद्यान्न उपलब्ध कराने में स्मार्ट-पीडीएस स्कीम की महत्वपूर्ण भूमिका साबित होने जा रही है।

क्या है स्मार्ट-पीडीएस सिस्टम?

यह एक ऐसी प्रणाली है जिसमें नागरिकों को स्मार्ट राशन कार्ड जारी करने का प्रविधान है। लाभुक लोगों को स्मार्ट कार्ड को राशन की दुकान पर ले जाना होगा।

वहां कार्ड की एक कोड के लिए जांच की जाती है। सत्यापन के बाद, वे अपनी पहचान की दोबारा जांच करने के लिए फिंगरप्रिंट स्कैनर पर अपना फिंगरप्रिंट डालते हैं।

स्मार्ट पीडीएस का मुख्य उद्देश्य क्या है?

स्मार्ट-पीडीएस का उद्देश्य राशन उठाव एवं वितरण में शत-प्रतिशत पारदर्शिता सुनिश्चित करना है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली में स्मार्ट-पीडीएस जैसी पहल के तहत राशन दुकानों को भी डिजिटल रूप में तैयार होना पड़ेगा।

राशन के उठाव व वितरण आदि में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए लाभार्थियों की अंगुलियों के निशान भी दर्ज किए जाएंगे। इसके अलावा भारतीय खाद्य निगम अपने अनाज भंडारण गोदामों को आधुनिक सुविधाओं से युक्त करेगा।

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