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JDU की नई प्रदेश कमेटी में किन वर्गों का रखा गया विशेष ख्याल? हारे हुए कैंडिडेट को भी पार्टी ने दी बड़ी जिम्मेदारी

जदयू ने शनिवार को अपने प्रदेश पदाधिकारियों की 115 सदस्यीय सूची जारी की। इसके तहत 10 प्रदेश उपाध्यक्ष 49 प्रदेश महासचिव 46 सचिव नौ प्रदेश प्रवक्ता बनाए गए हैं। ललन सर्राफ को पूर्व की तरह कोषाध्यक्ष बनाया गया है। खास बात यह है कि दस उपाध्यक्षों की सूची में तीन नाम अतिपिछड़ा वर्ग से हैं। इसके अलावा 49 महासचिवों की सूची में 10 नाम अतिपिछड़ा वर्ग से हैं।

By BHUWANESHWAR VATSYAYAN Edited By: Mukul Kumar Updated: Sat, 24 Aug 2024 07:52 PM (IST)
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बिहार के सीएम नीतीश कुमार। फाइल फोटो
राज्य ब्यूरो, पटना। जदयू के प्रदेश नेतृत्व ने शनिवार को जिस 115 सदस्यीय कमेटी की घोषणा की। उसमें लव कुश समीकरण पर विशेष ध्यान दिख रहा। वहीं, अति पिछड़ा वर्ग का भी खास ख्याल रखा गया है।

बता दें कि जदयू प्रदेश कमेटी में दस उपाध्यक्ष बनाए गए हैं। उनमें तीन अतिपिछड़ा वर्ग से संबंध रखते हैं। इसके अलावा, 49 महासचिव बनाए गए हैं। उनमें 10 नेता अतिपिछड़ा वर्ग से हैं। इसी तरह 46 सचिवों की सूची में एक दर्जन नाम अति पिछड़ा वर्ग से हैं।

जिस प्रदेश कमेटी को भंग कर नयी कमेटी का गठन किया गया है, वह अपेक्षाकृत छोटी है। भंग हुई कमेटी 285 लोगों की थी, पर इस बार जो कमेटी है वह केवल 115 लोगों की है।

कई नए नाम आए, कुछ चुनाव के लिए मुक्त

जदयू की प्रदेश कमेटी में कई नए नाम शामिल किए गए हैं। वहीं कुछ लोगों को विधानसभा चुनाल लड़ने की संभावना को ध्यान में रख मुक्त रखा गया। विधान पार्षद रवींद्र प्रसाद सिंह को चुनाव को ध्यान में रख राष्ट्रीय कमेटी से प्रदेश कमेटी में लाया गया है।

काराकाट के पूर्व सांसद महाबली सिंह को भी प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया गया है। नोटिस लिए जाने लायक बात यह रही कि रुपौली विधानसभा के उपचुनाव में हारे जदयू प्रत्याशी कलाधर मंडल को भी जदयू के दस प्रदेश उपाध्यक्षों की सूची में जगह मिली है।

अरुण कुमार सिंह, चंदन कुमार सिंह व वासुदेव कुशवाहा पूर्व की तरह प्रदेश महासचिव बने हैं। धर्मेंद्र चंद्रवंशी को अति पिछड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष की जगह अब प्रदेश स्तर पर महासचिव का जिम्मा दिया गया है। कई महिलाएं प्रदेश पदाधिकारी बनाई गईं हैं।

जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा प्रदेश कमेटी में शीर्ष नेतृत्व के परामर्श से बदलाव किए गए हैं। कमेटी में समाज के सभी वर्गों की यथोचित भागीदारी सुनिश्चिच की गयी है। संगठन को धारदार बनाने की लगातार कोशिश हो रही है।

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