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सीएम हेमंत सोरेन के इस्‍तीफा के कयासों का द-एंड, भ्रष्‍टाचार के मामले में लालू, जयललिता व येदियुरप्पा की गई थी कुर्सी

Jharkhand Political Crisis झारखंड के हाई वोल्‍टेज राजनीतिक नौटंकी में मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन के इस्‍तीफा देने के कयासों का अंत हो चुका है। हालांकि भ्रष्‍टाचार के आरोपों में लालू प्रसाद यादव मधु कोड़ा जे जयललिता एवं बीएस येदियुरप्पा को मुख्‍यमंत्री के पद गंवाने पड़े हैं।

By Amit AlokEdited By: Updated: Fri, 02 Sep 2022 10:04 AM (IST)
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Jharkhand Political Crisis: लालू यादव, हेमंत सोरेन, बीएस येदियुरप्पा एवं जे जयललिता। फाइल तस्‍वीरें।

पटना, आनलाइन डेस्‍क। Jharkhand Political Crisis: झारखंड में जारी हाई वोल्‍टेज पालिटिकल ड्रामा (High Voltage Political Drama) का क्‍लाइमेक्‍स अभी शेष है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पद से इस्‍तीफा (CM Hemant Soren Resigns) देने के दबाव के आगे झुकने को तैयार नहीं हैं। सरकार ने विधानसभा का विशेष सत्र आहूत कर उसमें सदन का विश्वास हासिल करने का फैसला किया है। हेमंत भले ही इस्‍तीफा नहीं दें, लेकिन देश में भ्रष्टाचार (Corruption) के मामलों में मुख्यमंत्री अपनी कुर्सी गंवाते रहे हैं। इस लिस्‍ट में बिहार के मुख्‍यमंत्री रहे राष्‍ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) का नाम भी दर्ज है। लिस्‍ट में कर्नाटक के बीएस येदियुरप्पा तथा तमिलनाडु की जे जयललिता भी शामिल हैं।

भ्रष्टाचार के आरोप के कुर्सी गंवाने वाले पहले सीएम थे लालू

लालू प्रसाद यादव भारत के किसी राज्‍य के ऐसे पहले मुख्यमंत्री रहे हैं, जिनकी कुर्सी भ्रष्टाचार के आरोप के कारण चली गई थी। खास बात यह है कि उस वक्‍त बिहार व झारखंड एक राज्‍य थे और वे हेमंत सोरेन की तरह वर्तमान झारखंड के भी मुख्‍यमंत्री थे।

चारा घोटाला में देना पड़ा था इस्‍तीफा: साल 1996 में बिहार (वर्तमान झारखंड) के चाईबासा कोषागार में छापेमारी की गई तो इसमें 1990 से 1995 तक पशुपालन विभाग में पशुओं के चारे के नाम पर फर्जी कंपनियों को भुगतान का बड़ा चारा घोटाला उजागर हुआ था। साल 1997 में इस मामले में सीबीआई ने लालू प्रसाद यादव को आरोपित बनाया था। जब तय हो गया कि उन्‍हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा, तब उनको मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था।

झारखंड में मधु कोड़ा को भी छोड़ना पड़ा था सीएम का पद

लालू प्रसाद यादव एवं हेमंत सोरेन के अलावा झारखंड के तत्‍कालीन मुख्‍यमंत्री मधु कोड़ा (Madhu Koda) को भी भ्रष्‍टाचार के मामले में कुर्सी गंवानी पड़ी थी। साल 2006 में निर्दलीय विधायक मधु कोड़ा गजब की राजनीतिक सेटिंग कर झारखंड के मुख्यमंत्री बन गए थे। भारत के राजनीतिक इतिहास में पहली बार कोई निर्दलीय विधायक मुख्यमंत्री बना था। करीब दो साल मुख्यमंत्री रहने के बाद अगस्त 2008 में शिबू सोरेन के झारखंड मुक्ति मोर्चा ने उनकी सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया। इस कारण उन्‍हें पद से इस्तीफा देना पड़ा। आगे 30 नवंबर 2009 को प्रवर्तन निदेशालय ने उन्‍हें गिरफ्तार कर लिया। उन्‍हें करीब तीन साल जेल में रहना पड़ा।

सुर्खियों में रहा था कर्नाटक के बीएस येदियुरप्पा का भी नाम

भ्रष्‍टाचार के आरोप में कुर्सी गंवाने वाले मुख्‍यमंत्रियों में कर्नाटक के बीएस येदियुरप्पा (BS Yediyurappa) का नाम भी सुर्खियों में रहा।नवंबर 2007 में जेडीएस के समर्थन से येदियुरप्पा ने पहली बार कर्नाटक में बीजेपी की गठबंधन सरकार बनाई, लेकिन वे केवल 10 दिन ही मुख्‍यमंत्री रह सके। साल 2008 में दोबारा कराए गए चुनाव में येदियुरप्पा के नेतृत्व में बीजेपी ने अपने बल पर सरकार बनाई, लेकिन साल 2011 में खनन घोटाले में उनके खिलाफ लोकायुक्त की जांच हुई। उन्हें गिरफ्तार भी किया गया। इस मामले में उन्‍हें इस्‍तीफा देना पड़ा।

तमिलनाडु की सीएम रहीं जयललिता के बिना लिस्‍ट अधूरी

भ्रष्टाचार के आराेप में कुर्सी गंवाने वाले मुख्‍यमंत्रियों की सूची तमिलनाडु की तत्‍कालीन मुख्यमंत्री जे जयललिता (J Jayalalithaa) की चर्चा बिना अधूरी रहेगी। सितंबर 2014 में उन्‍हें आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी पाया गया था। जयललिता को कोर्ट ने दोषी करार देते हुए चार साल की जेल की सजा दी थी। उनपर 100 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था।

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