बिहार की सभी सड़कों पर वाहनों की गति होगी निर्धारित, ग्राम परिवहन योजना का भी हुआ विस्तार
परिवहन विभाग नेशनल हाईवे के साथ ही स्टेट हाईवे व अन्य श्रेणी की सड़कों का आकलन कर वहां वाहनों की गति सीमा तय करेगा। इस कार्य को प्राथमिकता में करने के लिए अलग से कमेटी भी बनेगी। सरकार के इस निर्णय के दायरे में पटना में स्थित अटल पथ और जेपी गंगा पथ भी आएंगे और यहां भी वाहनों की गति सीमा निर्धारित होगी।
राज्य ब्यूरो, पटना। प्रदेश से गुजरने वाले नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे के साथ ही दूसरी अन्य सभी प्रकार की सड़कों पर दौड़ते वाहनों की रफ्तार पर जल्द ही ब्रेक लगेगा। तमाम सड़कों से जो भी वाहन गुजरेंगे उनकी गति सीमा निर्धारित होगी। मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में वाहनों की गति सीमा तय करने संबंधी प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई।
सरकार ने इस कार्य का जिम्मा परिवहन विभाग को सौंपा है। मंगलवार की बैठक में कुल 36 प्रस्ताव स्वीकृत किए गए।
जेपी गंगा पथ और अटल पथ भी आएंगे दायरे में
मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने बताया कि बीते कुछ वर्षों में वाहनों की गति सीमा की वजह से सड़क दुर्घटनाओं में काफी वृद्धि हुई है। जिसमें कमी लाने के लिए सरकार ने सभी श्रेणी की सड़कों पर वाहनों की गति सीमा निर्धारित करने का निर्णय लिया है। परिवहन विभाग को इस काम की जिम्मेदारी दी गई है।उन्होंने बताया कि विभाग नेशनल हाईवे के साथ ही स्टेट हाईवे व अन्य श्रेणी की सड़कों का आकलन कर वहां वाहनों की गति सीमा तय करेगा। इस कार्य को प्राथमिकता में करने के लिए अलग से कमेटी भी बनेगी। सरकार के इस निर्णय के दायरे में पटना में स्थित अटल पथ और जेपी गंगा पथ भी आएंगे और यहां भी वाहनों की गति सीमा निर्धारित होगी।इसके साथ ही परिवहन विभाग के तहत क्षेत्रीय कार्यालय में 102 निम्न वरीय लिपिक की नियुक्ति का प्रस्ताव भी स्वीकृत किया गया है। इन पदों पर बहाली शीघ्र शुरू होगी।
ग्राम परिवहन योजना का विस्तार, 12500 को मिलेगा रोजगार
मंत्रिमंडल ने मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना को विस्तार देने का प्रस्ताव भी स्वीकृत किया है। वर्ष 2025-26 तक चलने वाली इस योजना के तहत 12,500 युवकों को सहायता राशि दी जाएगी। सरकारी सहायता से वे अपना रोजगार कर सकेंगे।यहां बता दें कि इस योजना से अब तक 45 हजार से अधिक युवाओं को रोजगार मिल चुका है। तीन नए मोटर वाहन दुर्घटना न्यायाधिकरण बनेंगे मंत्रिमंडल ने बिहार मोटरवाहन दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (गठन एवं सेवा शर्त) नियमावली 2023 में संशोधन किया है।
अब न्यायाधिकरण के अध्यक्ष का चुनाव सचिव की जगह पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश या उनके द्वारा नामित पदाधिकारी के स्तर पर होगा। साथ ही बिहार मोटरवाहन दुर्घटना न्यायाधिकरण (गठन एवं सेवा शर्र्ते) नियमावली 2023 के तहत तीन अतिरिक्त मोटर वाहन दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण के गठन का प्रस्ताव भी स्वीकृत किया गया है।न्यायाधिकरण में तीन अध्यक्ष, तीन अपर जिला परिवहन पदाधिकारी, तीन उच्च वर्गीय लिपिक, तीन निम्नवर्गीय लिपिक और तीन आशुलिपिक के पद भी स्वीकृत किए गए हैं। अभी सात दावा न्यायाधिकरण हैं। इनकी संख्या अब बढ़कर 10 हो जाएगी। इससे पीड़ितों को मुआवजा भुगतान में आने वाली कठिनाई दूर होगी।
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