बिहार के भागलपुर में अजब-गजब खेल देखने को मिला है। जिसे कोर्ट ने राहत दी थी उस युवक को पुलिस ने जेल भेज दिया है। अब इस मामले में पुलिस को जवाब देना होगा। अब कोर्ट ने भागलपुर के एसएसपी आनंद कुमार से मामले में स्टेटस रिपोर्ट मांग ली है। बताया जा रहा है कि मामला मादक पदार्थ अधिनियम से जुड़ा है।
कौशल किशोर मिश्र, भागलपुर। मादक पदार्थ अधिनियम से जुड़े जगदीशपुर थाने के एक केस में पुलिस ने अजब-गजब का खेल खेलते हुए उच्च न्यायालय से राहत पाए पीड़ित को जेल भेज दिया।
आरोपित दयानंद यादव को गिरफ्तार करने गए जगदीशपुर थानाध्यक्ष गणेश कुमार को पीड़ित की पत्नी कोमल ने गिरफ्तारी पूर्व उच्च न्यायालय पटना के उस आदेश की कापी दिखाई।उन्होंने कहा कि देखिए जिस केस में उनके पति को फंसाया गया उस मामले में उनकी निर्दोषता सम्बंधित दस्तावेज आदि संलग्न करते हुए उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की थी। जिसकी सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति ने गिरफ्तारी पर फाइनल रिपोर्ट आने तक रोक लगा दी थी।
पुलिस बल के साथ घर से दयानंद यादव को गिरफ्तार कर लिया
उक्त आदेश की अनदेखी करते हुए जगदीशपुर थानाध्यक्ष ने पुलिस बल के साथ घर से दयानंद यादव को गिरफ्तार कर लिया। मादक पदार्थ अधिनियम की सुनवाई वाली विशेष अदालत जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में पेश किया। जहां से पीड़ित को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।जिस दिन दयानंद को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया। वह रविवार का दिन था। पीड़ित के परिजन बदहवास हालत में कचहरी परिसर भी पहुंचे, लेकिन उन्हें वहां की रिमांड कवायद की जानकारी न्यायालय के बंद नहीं होने के कारण पता नहीं चल सका।
न्यायालय सत्र के प्रारंभ होते ही पीड़ित की पत्नी ने आपराधिक मामलों के वरीय अधिवक्ता प्रेमनाथ ओझा के जरिए अर्जी दी। जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश नारायण सेवक पांडेय ने दाखिल अर्जी में जब उच्च न्यायालय की तरफ से पीड़ित को उक्त केस में पूर्व से मिली राहत आदेश देखा तो तत्काल जेल भेजे गए दयानंद यादव को मुक्त करने का आदेश दिया।
आनंद कुमार से मामले में स्टेटस रिपोर्ट मांगी
यही नहीं भागलपुर के एसएसपी आनंद कुमार से मामले में स्टेटस रिपोर्ट मांग ली है। दयानंद को भी विशेष न्यायालय ने यह अंडरटेक देने को कहा है कि वह न्यायालय में जब भी उपस्थिति की बात होगी सशरीर उपस्थित रहेंगे। जिला एवं सत्र न्यायाधीश के आदेश पर पीड़ित को विशेष केंद्रीय कारा से मंगलवार को मुक्ति मिल गई।
पीड़ित अपनी सामाजिक प्रतिष्ठा को जो चोट पहुंची, उसको लेकर पुलिस की इस विद्वेषपूर्ण कार्रवाई के विरुद्ध उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल करेगा। दयानंद ने कहा कि वह और उसकी पत्नी थानाध्यक्ष गणेश कुमार को उच्च न्यायालय का आदेश दिखा अनुरोध करती रही लेकिन उनका व्यवहार काफी खेदजनक रहा।पीड़ित की पत्नी कोमल ने एसएसपी को भी तब मोबाइल से वाट्सएप्प मेसेज भेज उच्च न्यायालय के आदेश की कापी भेजी। मोबाइल पर चंद मिनट की वार्तालाप भी हुई, तब उन्होंने न्याय देने की बात भी कही थी, लेकिन जगदीशपुर पुलिस दयानंद को जितनी तेजी से गिरफ्तार की उतनी तेजी से न्यायालु में प्रस्तुत कर न्यायिक हिरासत में जेल भेजने की कवायद पूरी करा ली थी।
क्या था मामला
जगदीशपुर थाने में प्रशिक्षण ले रहे तत्कालीन प्रशिक्षु डीएसपी विपिन बिहारी ने 25 जुलाई.2021 कोपुलिस टीम के साथ दयानंद के सुर्यांश रेस्टोरेंट पर छापेमारी कर 255 ग्राम गांजा एवं 2 बोतल विदेशी शराब बरामद दिखाकर होटल को सील कर दिया था।जगदीशपुर थाना से सटे उस रेस्टोरेंट के बगल में दयानंद का आवास भी है। पीड़ित ने उच्च न्यायालय में उक्त केस को पुलिस के विरुद्ध आवाज उठाने के कारण झूठा फंसा देने की बात कह याचिका दी। जिसमे उसकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी गई थी।
उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति ने सुनवाई करते हुए सात अप्रैल 2023 को ही गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। उक्त आदेश की कापी दयानंद ने स्थानीय जगदीशपुर थाने को दे रखी थी। बावजूद उसे नौ मार्च 2024 को गिरफ्तार कर आनन-फानन में जेल भेज दिया गया।
उच्च न्यायालय के आदेश की प्रति दिखाने वाली फुटेज
हालांकि, जगदीशपुर थानाध्यक्ष गणेश कुमार ने उच्च न्यायालय के किसी आदेश की जानकारी आरोपित की तरफ से नहीं देने की बात कही है। उधर पीड़ित की पत्नी कोमल ने गिरफ्तार किए जाने समय की सीसी कैमरे की फुटेज सुरक्षित रखने की बात कही है, जिसमे उच्च न्यायालय के आदेश की प्रति दिखाने वाली फुटेज है।
अब एसएसपी को न्यायालय को जगदीशपुर पुलिस की कार्रवाई सम्बंधित स्टेटस रिपोर्ट न्यायालय को देनी होगी। मामले में जगदीशपुर पुलिस की इस कार्रवाई पर न्यायालय का सख्त आदेश सामने आ सकती है।
यह भी पढ़ें-Nayab Singh Saini: हरियाणा के नए सीएम का बिहार से है खास कनेक्शन, 28 साल पहले मुजफ्फरपुर से जुड़ा है इतिहास
Tejashwi Yadav: 'मैं नीतीश कुमार के साथ केवल...', तेजस्वी यादव ने गिनवाई मजबूरी, पिछली सरकार की खोल दी पोल
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।