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नीतीश सरकार का बड़ा फैसला, इन आउटसोर्सिंग अफसरों पर गिरेगी गाज; डायरेक्ट नौकरी जाएगी

सरकारी विद्यालयों के निरीक्षण में कोताही बरतने वाले आउटसोर्सिंग अफसरों की अब खैर नहीं। शिक्षा विभाग ने ऐसे अधिकारियों को बर्खास्त करने का निर्देश दिया है। निरीक्षण में लापरवाही बरतने पर जिला शिक्षा पदाधिकारियों पर भी कार्रवाई होगी। विभाग ने सभी जिलों को इस संबंध में कड़ा निर्देश दिया है। वहीं शिक्षा विभाग ने सरकारी विद्यालयों में ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज नहीं करने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई का निर्देश दिया है।

By Dina Nath Sahani Edited By: Rajat Mourya Updated: Fri, 25 Oct 2024 02:34 PM (IST)
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निरीक्षण में कोताही बरतने वाले आउटसोर्सिंग अफसरों की होगी बर्खास्तगी (नीतीश कुमार फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में सरकारी विद्यालयों के निरीक्षण के नाम पर महज खानापूर्ति करने वाले अफसरों पर शिक्षा विभाग ने शिकंजा कस दिया है। निरीक्षण में लापरवाही बरतने वाले आउटसोर्सिंग वाले अधिकारी बर्खास्त किए जाएंगे। फिर भी विद्यालयों की स्थिति नहीं सुधरी, तो जिला शिक्षा पदाधिकारी भी नपेंगे।

संबंधित जिला शिक्षा पदाधिकारियों पर अनुशासनिक कार्रवाई भी होगी। इस संबंध में शिक्षा विभाग ने सभी जिलों को कड़ा निर्देश दिया है।

विभाग ने निरीक्षण में लापरवाही बरतने वाले बाह्य स्त्रोत के अधिकारी-कर्मचारियों को बर्खास्त करने एवं बर्खास्तगी के बाद रिक्त पद पर गठित कमेटी द्वारा विधिवत बाह्य स्त्रोत से चयन प्रक्रिया करने पूरी करने का निर्देश दिया है।

एक्शन में शिक्षा विभाग

साथ ही विभाग ने विद्यालयों के शैक्षणिक परिवेश, आधारभूत संरचना एवं विद्यालय प्रबंधन के सुदृढ़ीकरण हेतु प्रभावी अनुश्रवण एवं निगरानी करते हुए समस्याओं के निराकरण के निर्देश भी दिया है।

वहीं, शिक्षा विभाग ने सरकारी विद्यालयों में ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज नहीं करने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई का निर्देश दिया है। बता दें कि अक्टूबर का वेतन अब ऑनलाइन उपस्थिति के आधार पर ही शिक्षकों को मिलेगा। आने वाले समय में सरकारी विद्यालयों के छात्र-छात्राओं की भी ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज कराने की तैयारी हो रही है। इसके लिए प्रत्येक विद्यालय को टैबलेट उपलब्ध कराया गया है।

माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षकों के रोस्टर की होगी जांच

राज्य के सरकारी विद्यालयों में माध्यमिक एवं उत्च्च माध्यमिक कक्षा के शिक्षकों की होने वाली नियुक्ति के लिए जिलों द्वारा किए गए आरक्षण समाशोधन (रोस्टर क्लियरेंस) की जांच होगी। यह जांच सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा किया जाएगा। तीसरे चरण में होने वाली शिक्षकों की नियुक्ति संबंधी रोस्टर क्लियरेंस संबंधित ब्योरे हर जिले से मांगा गया है।

मिली जानकारी के अनुसार, शिक्षा विभाग ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों से माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक कक्षा के विषयवार शिक्षकों की रिक्तियों और उससे संबंधित अंतिम रोस्टर बिन्दु के बारे में जानकारी मांगा है। इसमें जिलों से कोटिवार (एससी, एसटी, ईबीसी, बीसी, डब्ल्यूबीसी, ईवीएस, यूआर) कार्यरत शिक्षकों और रिक्तियों का ब्योरा शिक्षा विभाग ने तलब किया है।

इससे संबंधित निर्देश भी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को माध्यमिक शिक्षा निदेशक योगेंद्र सिंह द्वारा दिया गया है। इसके लिए जिला शिक्षा पदाधिकारियों को चौबीस घंटे की मोहलत दी गयी है।

उच्च माध्यमिक

उच्च माध्यमिक के जिन विषयों की बाबत जानकारी मांगी गयी है, उसमें जंतु विज्ञान, बनस्पतिशास्त्र, रसायन विज्ञान, गणित, भौतिक विज्ञान, अर्थशास्त्र, भूगोल, इतिहास, गृह विज्ञान, संगीत, दर्शनशास्त्र, राजनीति शास्त्र, मनोविज्ञान, समाजशास्त्र, लेखाशास्त्र, बिजनेस स्टडीज, इन्टरप्रेनियोरशिप, अरबी, बंगला, भोजपुरी, कंप्यूटर, विज्ञान, अंग्रेजी, हिंदी, मगही, मैथिली, पाली, फारसी, प्राकृत, संस्कृत एवं उर्दू शामिल हैं।

माध्यमिक

इसी प्रकार माध्यमिक के लिए हिंदी, अंग्रेजी, विज्ञान, गणित, सामाजिक विज्ञान, संस्कृत, उर्दू, अरबी, फारसी,बंगला, ललित कला, नृत्य, शारीरिक शिक्षा, मैथिली, संगीत, पूर्ण दृष्टिबाधित, अल्प दृष्टिबाधित, वाच्य एवं भाषा दिव्यांगता, बौद्धिक दिव्यांगता, विशेष अधिगम दिव्यांगता, बहु दिव्यांगता, प्रमष्तिस्कीय पक्षाघात तथा स्वलीनता दिव्यांगता से जुड़े ब्योरे मांगे गए हैं। इसके लिए विभाग ले जिला शिक्षा पदाधिकारियों को फार्मेट भी जारी किया है।

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