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    पटना में दरोगा और पुलिस भर्ती के लिए आए अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज, RJD बोली- ये तिरंगे का अपमान

    Updated: Mon, 15 Sep 2025 04:07 PM (IST)

    बिहार विधानसभा चुनाव की अधिसूचना से पहले दारोगा (अवर निरीक्षक) के पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया प्रारंभ करने की मांग को लेकर अभ्यर्थियों ने सोमवार को जमकर प्रदर्शन किया। चार किलोमीटर तक मार्च किया। जब वे डाकबंगला चौराहे से आगे प्रतिबंधित जोन में प्रवेश कर गए तो पुलिस ने जमकर लाठियां भांजीं।

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    अभ्यर्थियों पर पुलिस राष्ट्रध्वज लगा लाठी से मारा

    डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार विधानसभा चुनाव की अधिसूचना से पहले दारोगा (अवर निरीक्षक) के पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया प्रारंभ करने की मांग को लेकर अभ्यर्थियों ने सोमवार को जमकर प्रदर्शन किया। चार किलोमीटर तक मार्च किया। जब वे डाकबंगला चौराहे से आगे प्रतिबंधित जोन में प्रवेश कर गए तो पुलिस ने जमकर लाठियां भांजीं। दर्जनों अभ्यर्थी हाथ में तिरंगा लेकर भागदौड़ करने लगे।

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    इस दौरान एक पुलिसकर्मी ने अभ्यर्थी से राष्ट्रध्वज लगा डंडा छीनकर उससे ही पिटाई शुरू कर दी। गलती का अहसास होने पर राष्ट्रीयध्वज को सम्मानपूर्वक रखा गया। लाठीचार्ज में छह अभ्यर्थी घायल बताए जा रहे हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि लाठीचार्ज के दौरान अभ्यर्थी तिरंगे को ढाल बना लेते हैं। प्रतिबंधित जोन में प्रवेश करने से यातायात व्यवस्था चरमरा जाती है। स्कूली बच्चे जाम में फंसे हुए थे।

    एसएसपी कार्तिकेय के शर्मा ने कहा कि प्रतिबंधित क्षेत्र में विधि व्यवस्था में व्यवधान डालने वालों पर प्राथमिकी कर कार्रवाई की जाएगी। वहीं, प्रदर्शन में शामिल कोचिंग संचालक रोशन आनंद को पुलिस ने हिरासत में ले लिया, जिन्हें बाद में छोड़ दिया गया। प्रदर्शन में शामिल शिक्षक एम रहमान ने कहा कि अभ्यर्थियों की मांग जायज है।

    शासन-प्रशासन को लाठीचार्ज के स्थान पर कार्रवाई की जानकारी देनी चाहिए थी। अभ्यर्थी डाकबंगला चौराहे से मुख्यमंत्री आवास जाकर उन्हें ज्ञापन सौंपना चाह रहे थे। अभ्यर्थी चार मांगों को लेकर पटना कालेज से मार्च निकाले थे। अभ्यर्थी खुशबू पाठक ने बताया कि दारोगा नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने के साथ पारदर्शिता के लिए आंसर-की, कटआफ, बुकलेट, कार्बन कापी जारी करना प्रमुख मांग है।

    दारोगा नियुक्ति को लेकर बिहार पुलिस अधीनस्थ सेवा आयोग (बीपीएसएससी) और सिपाही नियुक्ति के लिए केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) कैलेंडर जारी नहीं करता है। छात्र नेता दिलीप कुमार ने कहा कि अभ्यर्थियों का हक है कि वह किस प्रश्न का कौन सा उत्तर सही है, जान सकें, लेकिन आयोग नहीं बताता है। पटना कालेज परिसर से सैकड़ों अभ्यर्थी सुबह 11 बजे मार्च निकाले।

    भिखना पहाड़ी, बारी पथ, गांधी मैदान होते हुए जेपी गोलंबर तक पहुंचे। पुलिस यहां बैरिकेडिंग कर रखी थी। पुलिस को चकमा देते हुए काफी संख्या में अभ्यर्थी दौड़ते हुए फ्रेजर व एसपी वर्मा रोड होते हुए डाकबंगला चौराहे पर आ गए। यहां पहले से मौजूद पुलिस कर्मियों ने आगे बढ़ने से रोका। दोहपर 2:30 बजे तक डाकबंगला चौराहे के आसपास दौड़भाग की स्थिति बनी रही।

    प्रदर्शनकारियों की प्रमुख मांगें

    • दरोगा भर्ती की जल्द वैकेंसी: अभ्यर्थियों की प्रमुख मांग है कि बिहार पुलिस में दरोगा के पदों पर जल्द से जल्द भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाए। उनका कहना है कि इस संबंध में लंबे समय से मांग की जा रही है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
    • आचार संहिता की चिंता: प्रदर्शनकारियों का कहना है कि आने वाले 10 दिनों में आचार संहिता लागू हो सकती है, जिसके बाद नई भर्ती की संभावना लगभग खत्म हो जाएगी। इसलिए वे जल्द कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
    • सिपाही भर्ती में पारदर्शिता: अभ्यर्थियों की एक अन्य मांग है कि सिपाही भर्ती परीक्षा में पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए। उनका आरोप है कि परीक्षा के बाद क्वेश्चन पेपर, ओएमआर शीट की कार्बन कॉपी और आंसर की उपलब्ध नहीं कराई जाती, जो बेरोजगार युवाओं के साथ अन्याय है।