हटाए गए भोजपुर और औरंगाबाद जिले के पुलिस अधीक्षक, पुलिस मुख्यालय में किए गए पदस्थापित
सरकार ने औरंगाबाद और भोजपुर जिले के एसपी काे हटा दिया है। उन्हें पुलिस मुख्यालय बुलाया गया है। उनकी जगह नए पुलिस कप्तान की तैनाती डीजीपी करेंगे। बता दें कि औरंगाबाद के एसपी सुधीर कुमार पोरिका थे जबकि भोजपुर में राकेश दुबे थे।
By Vyas ChandraEdited By: Updated: Wed, 14 Jul 2021 02:53 PM (IST)
पटना, आनलाइन डेस्क। बिहार सरकार के गृह विभाग (Bihar Home Department) ने भोजपुर और औरंगाबाद के एसपी (Superintendent of Police) क्रमश: राकेश कुमार दुबे (Rakesh Kumar Dubey) और सुधीर कुमार पोरिका (Sudhir Kumar Porika) काे हटा दिया है। दोनों पुलिस अधिकारियों को मुख्यालय बुलाया गया है। उनकी जगह नए अधिकारियों की तैनाती नहीं की गई है। हालांकि सूत्रों का कहना है कि कई अन्य पुलिस अधिकारियों का भी तबादला हो सकता है। सूत्रों का कहना है कि अवैध बालू खनन मामले में ईओयू की रिपोर्ट के आधार पर यह कार्रवाई की गई है।
दोनों पुलिस कप्तान की जगह डीजीपी भेजेंगे अधिकारी औरंगाबाद के एसपी सुधीर कुमार पोरिका 2010 बैच के आइपीएस अधिकारी हैं। वे औरंगाबाद के पुलिस अधीक्षक का पद संभाल रहे थे। वहीं राकेश कुमार दुबे भोजपुर के एसपी के अलावा अश्वारोही विशेष सशस्त्र पुलिस के भी अतिरिक्त प्रभार में थे। सरकार के सचिव के सेंथिल कुमार के हस्ताक्षर से जारी आदेश में कहा गया है कि इन दोनों जिलों के एसपी के पद पर तत्काल प्रभार की आंतरिक व्यवस्था पुलिस महानिदेशक (DGP) करेंगे।
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बता दें कि राकेश कुमार दुबे का जिले के एसपी के तौर पर पहला कार्यकाल करीब तीन महीने का ही रहा। अप्रैल महीने में वहां के एसपी के पद पर तैनात किए गए थे। वहीं सुधीर कुमार पोरिका औरंगाबाद के एसपी के पद पर पिछले वर्ष अगस्त में पदस्थापित किए गए थे। उसके पूर्व वे विशेष कार्य बल, पटना में इसी पद पर कार्यरत थे।
बालू माफिया पर लगाम नहीं कस पाने पर गिरी गाज विशेष सूत्रों का कहना है कि बालू माफिया पर लगाम नहीं कस पाने की गाज इन दोनों अधिकारियों पर गिरी है। सरकार बालू के अवैध कारोबार को लेकर सख्ती के मूड में है। इस क्रम में कई अन्य अधिकारियों को भी हटाया जा सकता है। चर्चा है कि पटना से कुछ आइपीएस अधिकारियों को जिलों में भेजा जा सकता है। पहली बार उन्हें जिले की कमान सौंपी जा सकती है। कुछ डीएसपी भी इधर से उधर किए जा सकते हैं। दो परिवहन पदाधिकारी को भी हटाया गया है। जानकारी के अनुसार अवैध बालू खनन में दो आइपीएस, दो एसडीओ, चार डीएसपी, 18 इंस्पेक्टर के अलावा कई अन्य की संलिप्तता पाई गई है।
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