'महिला आरक्षण बिल को कोर्ट के चक्कर में फंसाना चाहते हैं नीतीश', सुशील मोदी ने जल्दबाजी पर विपक्ष को घेरा
Women Reservation Bill राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार राबड़ी देवी और कांग्रेस के जो लोग महिला आरक्षण विधेयक को तुरंत लागू करने के लिए दबाव बना रहे हैं वे चाहते हैं कि यह विधेयक संसद से पारित होते ही सुप्रीम कोर्ट में जा कर फंस जाए। उन्होंने कहा कि यह विधेयक पूरी वैधानिकता के साथ 2029 में अवश्य लागू होगा।
By Raman ShuklaEdited By: Prateek JainUpdated: Thu, 21 Sep 2023 10:38 PM (IST)
Nari Shakti vandan Bill: राज्य ब्यूरो, पटना। राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार, राबड़ी देवी और कांग्रेस के जो लोग महिला आरक्षण विधेयक को तुरंत लागू करने के लिए दबाव बना रहे हैं, वे चाहते हैं कि यह विधेयक संसद से पारित होते ही सुप्रीम कोर्ट में जा कर फंस जाए।
मोदी ने कहा कि नारी शक्ति वंदन विधेयक लोकसभा में दो तिहाई से भी अधिक बहुमत से पारित कराने में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मिली सफलता विपक्ष को पच नहीं रही, इसलिए वे इसके लागू होने पर संदेह कर रहे हैं।
जनगणना के आंकड़ों का दिया हवाला
उन्होंने कहा कि यह विधेयक पूरी वैधानिकता के साथ 2029 में अवश्य लागू होगा, यह भरोसा रखना चाहिए। बिना जनगणना कराए सरकार यह नहीं तय कर सकती कि कितनी और कौन-कौन सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी।मोदी ने कहा कि आजादी के बाद से यही परम्परा रही कि जनगणना के आंकड़ों के आधार पर परिसीमन आयोग आरक्षित सीटों का निर्धारण करता है।
उन्होंने कहा कि जो लोग जल्दबाजी में महिला आरक्षण को 2024 के संसदीय चुनाव से लागू कराने की बात कर रहे हैं, वही ऐसे कदम के खिलाफ सबसे पहले सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।
1991 में सवर्ण आरक्षण रद्द होने का किया जिक्र
1991 में नरसिंह राव की सरकार ने कार्यपालक आदेश जारी कर ऊंची जाति के गरीबों को 10 प्रतिशत आरक्षण दे दिया था। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इसे असंवैधानिक घोषित कर आरक्षण रद्द कर दिया।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 2019 में जब संविधान संशोधन बिल पास करा कर सामान्य वर्ग के गरीबों को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया, तब यह न्यायालय में खरा साबित हुआ। यही आरक्षण आज लागू है।यह भी पढ़ें- Begusarai: दो दिनों से ई-रिक्शा पर माइक लगाकर पिता को ढूंढ रही थी बेटी, अचानक मनहूस खबर आई सामने
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