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किस नेता के दबाव में कांग्रेस पास नहीं करा पाई थी महिला आरक्षण बिल? सुशील मोदी ने बताया नाम

Sushil Modi राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद की ब्लैकमेलिंग के आगे घुटने टेकने के कारण कांग्रेस 10 साल सत्ता में रहने के बाद भी महिला आरक्षण बिल संसद के दोनों सदनों से पारित नहीं करा पाई थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस आज भी राजद सपा जैसे दलों के साथ है जिन्होंने महिला आरक्षण बिल को रोकने के लिए तरह-तरह की नौटंकी की।

By Raman ShuklaEdited By: Prateek JainUpdated: Thu, 21 Sep 2023 12:58 AM (IST)
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भाजपा नेता व राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी। (फाइल फोटो)

राज्य ब्यूरो, पटना: राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद की ब्लैकमेलिंग के आगे घुटने टेकने के कारण कांग्रेस 10 साल सत्ता में रहने के बाद भी महिला आरक्षण बिल संसद के दोनों सदनों से पारित नहीं करा पाई थी।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस आज भी राजद, सपा जैसे दलों के साथ है, जिन्होंने महिला आरक्षण बिल को रोकने के लिए तरह-तरह की नौटंकी की।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जब नारी शक्ति वंदन विधेयक (आरक्षण बिल) लोकसभा में पेश करने का साहस दिखाया, तब वही पुराने कुतर्क दोहराना दुर्भाग्यपूर्ण है।

सुशील मोदी ने गिनाई योजनाएं 

उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक लाने से पहले पीएम मोदी बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, कन्या समृद्धि योजना, उज्ज्वला मुफ्त गैस कनेक्शन योजना जैसे कार्यक्रम लागू कर आधी आबादी के प्रति अपना आदर प्रकट करते रहे हैं।

केंद्र सरकार की पहल से 50 करोड़ से ज्यादा जो जन-धन खाते खुले, उनमें 60 प्रतिशत पिछड़े-अतिपिछड़े और दलित समुदाय की गरीब महिलाओं के खाते हैं।

उन्होंने कहा कि दूसरी तरफ महिला आरक्षण विरोधी लालू ने बिना कोई आरक्षण दिए 2003 में पंचायत चुनाव करा गए थे, उस समय एकल पदों पर एससी-एसटी को भी आरक्षण नहीं दिया गया था।

ऋतुराज सिन्हा ने विधेयक पर जताई खुशी

भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री ऋतुराज सिन्हा ने महिला आरक्षण बिल (नारी शक्ति वंदन विधेयक) पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए इसे ऐतिहासिक कदम बताया है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विशेष सत्र बुलाकर संसद की पटल पर ‘महिला आरक्षण बिल’ पेश किया। भाजपा हमेशा से महिलाओं को उनका हक दिलाने और उन्हें सशक्त करने की पहल करते आई है।

महिला उत्थान के इसी विचार पर अडिग रहते हुए 1998, 1999, 2002 और 2003 में अटलजी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने ‘महिला आरक्षण बिल’ पेश किया लेकिन कांग्रेस, राजद और सपा सहित तमाम दलों ने हमेशा इस बिल का घोर विरोध किया था। ऋतुराज ने कहा कि किसी ने सही कहा है कि समय से बड़ा बलवान कोई नहीं है।

आज 27 सालों बाद जब पूरा देश इसके पक्ष में है, तो बहती गंगा में हाथ धोने के लिए घमंडिया गठबंधन और उसमें सम्मिलित तमाम दल श्रेय लेने की होड़ में सबसे आगे खड़े हैं, लेकिन वो ये भूल रहे हैं कि महिलाओं के हित में लाए गए इस बिल का सबसे कड़ा और असंसदीय तरीके से विरोध उनलोगों ने ही किया था।

सिन्हा ने कहा कि बिहार और देश की महिलाएं बहुत समझदार हैं। उन्हें अपनी हितकारी पार्टियों और मौकापरस्त पार्टियों में अंतर समझ आता है।

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