Bihar Tanti Caste: अनुसूचित जाति सूची से तांती-ततवा बाहर, नौकरियों पर नहीं पड़ेगा असर; नई भर्ती भी होगी
तांती-ततवा को अनुसूचित जाति की सूची से बाहर कर दिया गया है। तांती (ततवा) जाति अत्यंत पिछड़ों की सूची में शामिल हो गई है। हालांकि इस परिवर्तन का असर नौकरियों पर नहीं पड़ेगा। तांती (ततवा) जाति के जिन लोगों को सरकारी नौकरी मिली है वह कायम रहेगी। इसी के साथ अनुसूचित जाति के कोटे में जो रिक्तियां होंगी उन्हें भरने के लिए विशेष भर्ती अभियान चलाया जाएगा।
राज्य ब्यूरो, पटना। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सोमवार को राज्य सरकार ने तांती (ततवा) को अनुसूचित जाति (Tanti Caste) की सूची से बाहर कर दिया है। पूर्व की तरह यह जाति अत्यंत पिछड़ों की सूची में शामिल हो गई है। इसे अत्यंत पिछडी जातियों की सूची (अनुसूची-1) में 33 वें नंबर पर रखा गया है।
सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से जारी गजट के साथ ही यह बदलाव तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। बिहार सरकार ने सामान्य प्रशासन विभाग की दो जुलाई 2015 की उस अधिसूचना को भी निरस्त कर दिया है, जिसके माध्यम से तांती (ततवा) को अनुसूचित जाति में शामिल किया गया था।
जिनके पास नौकरी है, वह कायम रहेगी
सूची में परिवर्तन के आधार पर तांती (ततवा) जाति के जिन लोगों को सरकारी नौकरी मिली है, वह कायम रहेगी। इसे अनुसूचित जाति से अत्यंत पिछड़ी जाति के कोटे में स्थानांतरित कर दिया जाएगा। इसके लिए संबंधित विभागों में पद सृजन किया जाएगा। यह जवाबदेही संबंधित नियुक्त प्राधिकार को दी जा रही है।सरकार चलाएगी विशेष भर्ती अभियान
इस बदलाव के कारण अनुसूचित जाति के कोटे में जो रिक्तियां होंगी, उन्हें भरने के लिए विशेष भर्ती अभियान चलाया जाएगा। फिलहाल इसे बैकलॉग की श्रेणी में रखा जाएगा।
गजट के अनुसार, अनुसूचित जाति के नाते कर्मियों को नौकरी में मिली प्रोन्नति को कायम रखने के लिए अतिरिक्त पद सृजन की कार्रवाई की जाएगी।
क्या है पृष्ठभूमि?
सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश डॉ. भीमराव अम्बेडकर विचार मंच, बिहार बनाम राज्य सरकार एवं आशीष रजक बनाम राज्य सरकार मामले में दिया है। इन दाेनों के अलावा कुछ अन्य लोगों ने भी तांती को अनुसूचित जाति में शामिल करने के राज्य सरकार के निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। लंबी सुनवाई के सुप्रीम कोटे ने 15 जुलाई 2024 को आदेश दिया कि तांती को अनुसूचित जाति की सूची से अलग किया जाए।
इससे पहले, राज्य सरकार के आदेश को भी हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी। हाईकोर्ट का आदेश राज्य सरकार के पक्ष में था। तांती से पहले लोहार जाति को भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश से अनुसूचित जाति की सूची से बाहर किया गया था।ये भी पढ़ें- नीतीश सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका, Scheduled Caste की लिस्ट से बाहर होगी ये जाति
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