Bihar: अगले दो सालों में बिहार के 50 फीसदी सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लास बनाने का लक्ष्य, प्लान तैयार
Education शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने बताया कि चयनित माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों में दो-दो स्मार्ट क्लास निर्माण संबंधी प्रस्ताव को स्वीकृति दी जा चुकी है। स्मार्ट क्लासेज में कंप्यूटर और प्रोजेक्टर के जरिए बच्चों को पढ़ाया जाएगा।
By Dina Nath SahaniEdited By: Mohammad SameerUpdated: Sat, 03 Jun 2023 10:58 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, पटना: अगले दो सालों में 50 प्रतिशत से ज्यादा सरकारी विद्यालयों में स्मार्ट क्लास के जरिए विद्यार्थियों को पढ़ाने का लक्ष्य है। केंद्र सरकार से सहमति मिलने के बाद शिक्षा विभाग ने कार्ययोजना तैयार की है।
राज्य में 71,863 प्रारंभिक विद्यालय हैं, जबकि 9,360 माध्यमिक विद्यालय हैं। शिक्षा विभाग के मुताबिक राज्य के 28,661 मध्य विद्यालयों में स्मार्ट क्लास रूम बनेंगे। इसी तरह राज्य के सभी माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में स्मार्ट क्लास की व्यवस्था होगी।
वर्तमान में 2,274 मध्य विद्यालयों में स्मार्ट क्लास की सुविधा उपलब्ध कराई जा चुकी है। स्मार्ट क्लास रूम निर्माण पर कुल कितनी राशि खर्च होगी, मौजूदा वित्त वर्ष में इससे संबंधित 15 करोड़ के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार ने सहमति दी है।
ये सुविधाएं होंगी
- स्मार्ट क्लास के लिए कंप्यूटर, प्रोजेक्टर और साफ्टवेयर
- सबमर्सिबल पंप, ओवरहेड टैंक, आरओ वाटर प्यूरीफायर और वाटर चिलर
- पर्याप्त लैब उपकरण देकर विज्ञान प्रयोगशाला को सुदृढ़ किया जाएगा
- बिजली बचाने के लिए एलईडी बल्ब और आधुनिक पंखे लगाए जाएंगे
कंप्यूटराइजेशन के लिए केंद्र का निर्देश
शिक्षा विभाग के मुताबिक नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के आलोक में चरणबद्ध तरीके से सरकारी विद्यालयों में आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में कदम बढ़ाया जा रहा है। केंद्र से स्कूलों में कंप्यूटराइजेशन के लिए भी दिशा-निर्देश आया है।
प्रस्ताव को मंजूरी मिली
इस साल 2,379 माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में दो-दो स्मार्ट क्लास स्थापित किए जाएंगे। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने बताया कि चयनित माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में दो-दो स्मार्ट क्लास निर्माण संबंधी प्रस्ताव को स्वीकृति दी जा चुकी है।स्मार्ट क्लासेज में कंप्यूटर और प्रोजेक्टर के जरिए बच्चों को पढ़ाया जाएगा। इसके लिए पाठ्यक्रम से संबंधित मैटेरियल का सॉफ्टवेयर भी उपलब्ध कराया जाएगा।
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