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दिल्ली में श्याम रजक पर गुस्साए तेजप्रताप बोले-हैसियत बता दूंगा, बिहार की जनता के सामने जारी करूंगा आडियो

राजद की बैठक से मंत्री तेज प्रताप यादव गुस्से में बाहर निकल गए। उन्होंने मीडिया के सामने अपनी नाराजगी जाहिर की और कहा कि उन्हें श्याम रजक ने गाली दी। तेजप्रताप ने श्याम रजक पर भाजपा और आरएसएस का एजेंट होने का आरोप लगाया।

By Jagran NewsEdited By: Akshay PandeyUpdated: Sun, 09 Oct 2022 09:12 PM (IST)
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बिहार सरकार में मंत्री तेजप्रताप यादव। जागरण आर्काइव।
जागरण टीम, नई दिल्ली/पटना:  दिल्ली में राजद की बैठक में रविवार को माहौल तब गरमा गया जब पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक के बयानों से आहत मंत्री तेज प्रताप यादव राजद की बीच बैठक से ही बाहर निकल गए। गुस्से का प्रदर्शन मीडिया के सामने भी किया। उन्होंने आरोप लगाया कि श्याम रजक ने उन्हें गाली दी है। तेजप्रताप के तल्ख बयान के बाद श्याम रजक बेहोश हो गए, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। तेज प्रताप के आरोपों पर श्याम रजक ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी सिर्फ इतना कहा कि लालू यादव उनके नेता है, उनकी पार्टी है, वह चाहेंगे तो रहेंगे, नहीं चाहेंगे तो छोड़ देंगे। 

तेजप्रताप ने श्याम रजक को सौंपी थी बड़ी जिम्मेदारी

तेजस्वी यादव ने दिल्ली में राजद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक की व्यवस्था का कार्य श्याम रजक को सौंप रखा है। श्याम रजक का लालू परिवार से पुराना संबंध है। वह लालू-राबड़ी की सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। हालांकि बाद में वह लालू को छोड़कर जदयू के साथ चले गए थे। रविवार को जब लालू एवं तेजस्वी की मौजूदगी में बैठक शुरू हुई तो तेजप्रताप बाहर निकल गए। उन्होंने श्याम रजक पर आरएसएस और भाजपा के लिए काम करने का आरोप लगाया और कहा कि एक-एक को हैसियत बता देंगे। श्याम रजक ने उन्हें गाली दी है। तेजप्रताप ने दावा किया कि वह आडियो भी उनके पास है, जिसमें श्याम रजक उन्हें गाली दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह जल्द ही उस आडियो को सार्वजनिक करेंगे। 

लालू जो फैसला करेंगे वो होगा मान्य

तेजप्रताप के बयान के बाद मीडिया कर्मियों से श्याम रजक ने कहा कि लालू प्रसाद हमारे नेता हैं। उनका जो भी फैसला होगा, उन्हें मान्य होगा। इसके अतिरिक्त उन्हें कुछ भी नहीं कहना। उनकी पार्टी है, वह चाहेंगे तो हम रहेंगे, नहीं चाहेंगे तो हम छोड़ देंगे। रजक ने अपनी पीड़ा जाहिर करते हुए कहा कि एक शक्तिशाली व्यक्ति को कुछ भी कहने का अधिकार है। उन्होंने कहा, 'समर्थ के होत ना कोई दोष गोसाईं। मैं दलित समुदाय से हूं। मैं कुछ नहीं कह सकता। एक दलित बंधुआ मजदूर होता है।'   

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