कभी भोलेनाथ तो कभी कृष्ण बनते तेज प्रताप यादव, सावन में शिव रूप का इंतजार; भक्ति की PM मोदी भी कर चुके चर्चा
Tej Pratap Yadav News लालू प्रसाद यादव के बेटे तेज प्रताप यादव कभी भगवान भोलेनाथ तो कभी भगवान कृष्ण बनते रहे हैं। इस साल सावन के महीने में उनके भगवान शिव के रूप का इंतजार लोग कर रहे हैं। उनकी भक्ति की चर्चा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कर चुके हैं।
By Amit AlokEdited By: Updated: Sun, 24 Jul 2022 04:19 PM (IST)
पटना, आनलाइन डेस्क। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) की भक्ति के चर्चे रहते आए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) तक इसकी चर्चा कर चुके हैं। तेज प्रताप कभी भगवान भोलेनाथ (Lord Shiva) बन जाते हैं तो कभी भगवान कृष्ण (Lord Srikrishna) का रूप धर लेते हैं। सावन (Sawan) में वे शिव का रूप धरते रहे हैं। कोरोनावायरस संक्रमण (CoronaVirus Infection) के कारण दो साल तक बिहार में शिवालयों में पूजा-अर्चना नहीं हो सकी थी। बिहार के सुल्तानगंज (Sultanganj) से झारखंड के देवघर (Deoghar) तक की कांवड़ यात्रा (Kanwad Yatra) भी नहीं हो सकी थी। ऐसे में तेज प्रताप भगवान शिव का रूप धारण कर कांवड़ यात्रा भी नहीं जा सके थे। अब इस साल उनके भगवान भोलेनाथ के रूप व पूजा का इंतजार किया जा रहा है।
सावन में शिव रूप को लेकर चर्चा में रहे हैं तेज प्रताप तेज प्रताप यादव भगवान शिव के प्रिय महीने सावन में भगवान शिव का रूप धारण करते रहे हैं। कोरोनावायरस संक्रमण के पहले साल 2019 के सावन की पहली सोमवारी पर तेज प्रताप यादव ने भगवान शिव का वेश धारण किया था। उनकी वह तस्वीर वायरल हो गई थी। साल 2018 के सावन महीने में भी तेज प्रताप के शिव रूप की तस्वीर चर्चा में रही थी।
इस साल भी टिकीं लालू प्रसाद यादव के लाल पर नजर
कोरोना काल के बाद इस साल सावन में पहली बार कांवड़ यात्रा हो रही है। मंदिर भी खुले हुए हैं। ऐसे में नजरें लालू यादव के लाल तेज प्रताप पर भी टिकीं हैं। कल सावन की दूसरी सोमवारी है। हो सकता है कि तेज प्रताप शिव रूप धर पूजा करें। हालांकि, अभी तक उन्होंने सुलतानगंज से देवघर की कांवड यात्रा शुरू नहीं की है।
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शिव वेश धरकर की थी पूजा, शरीर पर लगाया भस्म बताते चलें कि साल 2018 में तेज प्रताप यादव सावन के महीने में देवघर स्थित बैद्यनाथ धाम गए थे। इसके पहले उन्होंने पटना के शिवालय में भगवान शंकर के वेश में पूजा की थी तथा डमरू भी बजाया था। कोरोनावायरस संक्रमण के ठीक पहले साल 2019 की 22 जुलाई को सावन की पहली सोमवारी थी। उस दिन तेज प्रताप यादव ने अपने आवास पर भगवान शिव का वेश धरकर पूजा-अर्चना की थी। उन्होंने शरीर पर भस्म भी लगाए था।
'लालू के कन्हैया' की पीएम मोदी भी कर चुके चर्चा तेज प्रताप यादव कभी भगवान कृष्ण (Lord Krishna) ताे कभी भगवान शंकर बन जाते हैं। कृष्ण का रूप धर वे वृंदावन में पूजा करते रहे हैं। भगवान कृष्ण की तरह बांसुरी व शंख भी बजाते हैं। गो-माता की सेवा भी करते हैं। एक बार उन्होंने कृष्ण रूप धरकर गौशाला में गायों के बीच बांसुरी बजाया था। इसके बाद से उन्हें 'लालू का कन्हैया' की संज्ञा मिली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके इस रूप की चर्चा की थी।
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