'खाना, उठना-बैठना; मिलना-जुलना.... मतलब कोई गलत काम है क्या?', कोर्ट में CBI की दलील पर उखड़े तेजस्वी यादव
चारा घोटाला मामले में झारखंड हाई कोर्ट से मिली लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई की दलील पर बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भड़क गए। तेजस्वी यादव ने सीबीआई पर हमला बोलते हुए पूछा कि बीमार व्यक्ति कुछ कर नहीं सकता है क्या? उसका खाना-पीना उठना-बैठना मिलना-जुलना बैठक करना मतलब ये सब कोई गलत काम है क्या? क्या लोगों से मिलना गुनाह है?
एएनआई, एजेंसी: बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में दी गई सीबीआई की उस दलील पर भड़क गए, जिसमें जांच एजेंसी ने लालू यादव के बैडमिंटन खेलने का जिक्र किया है। तेजस्वी यादव ने सीबीआई पर हमला बोलते हुए पूछा कि बीमार व्यक्ति कुछ कर नहीं सकता है क्या?
चारा घोटाला मामले में राजद सुप्रीमो लालू यादव (Lalu Yadav) को झारखंड हाई कोर्ट ने जमानत दी है, जिसे सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए कहा कि लालू यादव को उनकी खराब सेहत को लेकर जमानत दी गई है, जबकि वह बैडमिंटन खेलते नजर आए।
तेजस्वी यादव ने शनिवार को पटना में पत्रकारों से बातचीत के दौरान सीबीआई को घेरते हुए कहा, जब कोई व्यक्ति इलाज करवाकर आता है तो उसे कई चीजों से परहेज करना पड़ता है। लालू यादव अभी दवा खा रहे हैं और जीवन भर खानी पड़ेगी। उन्होंने कोई ठीक से बैडमिंटन नहीं खेला, बस एक दो शॉट खेले।
#WATCH | Patna, Bihar | On CBI filing an affidavit in Supreme Court against RJD leader Lalu Yadav's bail after he was seen playing badminton, Bihar Deputy CM Tejashwi Yadav says, "When someone comes after treatment, he has to abstain from many things. Lalu Yadav has to take… pic.twitter.com/5VyGdnOPNQ
तेजस्वी यादव ने सीबीआई से पूछा कि जो व्यक्ति बीमार है, वह कुछ कर नहीं सकता है क्या? खाना, उठना-बैठना, मिलना-जुलना... मतलब कोई गलत काम है क्या?
बता दें कि सीबीआई ने शुक्रवार को चारा घोटाले में दोषी करार राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को जमानत दिए जाने पर सवाल उठाया। सीबीआई ने लालू की जमानत याचिका के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दलील देते हुए कहा कि जमानत पचास फीसद सजा काट लेने के आधार पर दी गई है, लेकिन एक मामले की सजा को दूसरे मामले में कैसे गिना जा सकता है?
सीबीआई ने कहा कि यह कानूनी सवाल इस मामले में शामिल है और कोर्ट को इस पर विचार करने की जरूरत है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई 17 अक्टूबर तक टालते हुए कहा कि शुक्रवार को मामले पर सुनवाई कर पाना संभव नहीं है।