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तेजस्वी यादव ने मानहानि केस ट्रांसफर करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का किया रुख, अहमदाबाद की अदालत को किया सूचि‍त

Tejashwi Yadav उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने शनिवार को अहमदाबाद की निचली अदालत को सूचित किया कि उन्होंने अपने खिलाफ आपराधिक मानहानि मामले को स्थानांतरित करने के लिए उच्चतम न्यायालय का रुख किया है और इस मामले पर छह नवंबर को सुनवाई होने की संभावना है। तेजस्वी ने अपने वकील के माध्यम से अपर मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट डीजे परमार की कोर्ट में उपस्थिति से छूट मांगी है।

By Arun AsheshEdited By: Prateek JainUpdated: Sat, 04 Nov 2023 09:48 PM (IST)
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तेजस्वी यादव ने मानहानि केस को ट्रांसफर करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का किया रुख। (फाइल फोटो)

राज्य ब्यूरो, पटना। उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने शनिवार को अहमदाबाद की निचली अदालत को सूचित किया कि उन्होंने अपने खिलाफ आपराधिक मानहानि मामले को स्थानांतरित करने के लिए उच्चतम न्यायालय का रुख किया है और इस मामले पर छह नवंबर को सुनवाई होने की संभावना है।

तेजस्वी ने अपने वकील के माध्यम से अपर मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट डीजे परमार की कोर्ट में उपस्थिति से छूट मांगी है। कोर्ट ने तेजस्वी की कथित टिप्पणी "केवल गुजराती ही ठग हो सकते हैं" के लिए आपराधिक मानहानि मामले में 22 सितंबर को तलब किया था।

2 दिसंबर को होगी अगली सुनवाई

कोर्ट ने मामले को स्थगित कर दिया है। अब मामले की सुनवाई दो दिसंबर को होगी। शिकायतकर्ता के अधिवक्ता हरेश मेहता ने दलील दी कि इस मामले को सुप्रीम कोर्ट ने अभी तक कोई निर्देश पारित नहीं किया है, इसलिए निचली अदालत को तेजस्वी यादव की अनुपस्थिति में भी मामले की सुनवाई जारी रखनी चाहिए।

कोर्ट ने सीआरपीसी की धारा 202 के तहत तेजस्वी के खिलाफ जांच की थी और अहमदाबाद के 69 वर्षीय सामाजिक कार्यकर्ता और व्यवसायी मेहता द्वारा दायर शिकायत के आधार पर उन्हें समन किया था।

भाजपा की अनर्गल बयानबाजी युवाओं-महिलाओं के प्रति उनकी सोच बता रही: राजद

राजद ने शनिवार को कहा कि शिक्षकों की नियुक्ति के प्रति भाजपा की अनर्गल बयानबाजी युवाओं और महिलाओं के प्रति उनकी सोच बता रही। दरअसल, हकीकत यह है कि भाजपा की नफरती राजनीति के पैर बिहार से उखड़ने लगे हैं।

राजद के प्रदेश प्रवक्ता चितरंजन गगन, मृत्युंजय तिवारी, डॉ. उर्मिला ठाकुर व सारिका पासवान ने राजद प्रदेश कार्यालय में आयोजित संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में ये बातें कहीं। राजद प्रवक्ताओं ने कहा कि भाजपा राज में बेरोजगारी 10.4 प्रतिशत हो गयी है, जबकि यूपीए के कार्यकाल में यह 5.4 प्रतिशत थी।

भाजपा के लिए नौकरी व रोजगार कोई मुद्दा नहीं है। वह केवल नफरत और भावनात्मक मुद्दों पर राजनीति करती है। राजद प्रवक्ताओं ने कहा कि नौकरी और रोजगार को तेजस्वी यादव ने मुद्दा बनाया है।

नीतीश कुमार ने इसे कार्यरूप देने का अभियान आरंभ किया है। भाजपा द्वारा शिक्षकों की नियुक्ति पर तथ्यहीन सवाल खड़े कर बिहार लोकसेवा आयोग के साथ-साथ सफल अभ्यर्थियों का अपमान किया जा रहा है।

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