Tejashwi Yadav: '...तो NDA को चुन लो', अपने ही बयान पर बुरे घिरे तेजस्वी, अब नीतीश का नाम लेकर दे रहे ऐसी सफाई
Bihar Politics राज्य के पूर्व उप मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के कथित तौर पर एनडीए को वोट देने की अपील वाले बयान के बाद बिहार की सियासत में घमासान मचा है। तेजस्वी यादव के बयान पर विश्लेषकों का मानना है कि पूर्णिया को लालू-तेजस्वी ने अपनी नाक का सवाल बना लिया है। तेजस्वी का बयान इसी झुंझलाहट का नतीजा है।
ऑनलाइन डेस्क, पटना। तेजस्वी यादव के कथित तौर पर एनडीए को वोट देने की अपील वाले बयान पर बिहार की सियासत में घमासान मचा हुआ है। तेजस्वी के बयान पर राजनीतिक विश्लेषकों का मानना था कि पूर्णिया सीट को लालू-तेजस्वी ने अपनी नाक का सवाल बना लिया है। तेजस्वी का यह बयान इसी झुंझलाहट का नतीजा है।
हालांकि तेजस्वी यादव ने अपने बयान पर अब सफाई दी है। तेजस्वी यादव ने कहा है कि हम वही तेजस्वी यादव हैं, जिसने आईएनडीआईए गठबंधन बनाने के लिए नीतीश कुमार के साथ देशभर में दौरा किया था। भाजपा को हराने के लिए ही हमने नीतीश जी को सीएम बनाने का काम किया था।"
तेजस्वी ने दावा किया कि बिहार में अगर भाजपा किसी से डरती है, तो वह राष्ट्रीय जनता दल से डरती है। अपने बयान का बचाव करते हुए तेजस्वी ने कहा कि इस देश में सिर्फ दो विचारधारा के बीच लड़ाई है, आईएनडीआईए और एनडीए...। आईएनडीआईए संविधान बचाना चाहता है और एनडीए संविधान खत्म करना चाहता है।
तेजस्वी ने आगे कहा कि ये संविधान बचाने का चुनाव है और जो आईएनडीआईए के साथ नहीं है, वह चाहे दल हो या व्यक्ति विशेष... वो संविधान के खिलाफ है।
तेजस्वी ने पूर्णिया में क्या कहा था?
बता दें कि तेजस्वी यादव ने कहा था," अगर आप आईएनडीआईए गठबंधन को नहीं चुनना चाहते तो एनडीए को चुन लो, इधर-उधर भटकने की जरूरत नहीं है।
तेजस्वी ने कहा था कि पूर्णिया में दो विचारधारा के बीच लड़ाई है। या तो हमें चुन लो या फिर एनडीए को, कहीं तीसरी जगह जाने की जरूरत नहीं है। साफ बात। हमें नहीं चुन सकते तो एनडीए को चुन लो।
क्या है पूर्णिया का सियासी समीकरण?
बता दें कि कांग्रेस की परंपरागत सीट पूर्णिया इस बार राजद के खाते में आई है। राजद ने जदयू से आई बीमा भारती को चुनाव मैदान में उतारा है। वहीं जदयू ने एक बार फिर संतोष कुशवाहा को अपना प्रत्याशी बनाया है। हालांकि एक नाम ऐसा भी है, जिसने पूर्णिया को बिहार की सबसे हॉट सीट बना दिया है। यह नाम है पप्पू यादव।
हाल ही में कांग्रेस में अपनी पार्टी का विलय करने वाले पप्पू यादव निर्दलीय चुनाव लड़ रह रहे हैं। विश्लेषकों का मानना है कि पप्पू यादव के मैदान में उतरने के कारण ही लालू-तेजस्वी ने पूर्णिया को नाक का सवाल बना लिया है। फिलहाल, पप्पू यादव के मैदान में उतरने के कारम पूर्णिया का मुकाबला त्रिकोणीय माना जा रहा है।
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