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    महुआ में तेजस्वी की एंट्री से गरमाई 'भाई बनाम भाई' की सियासत, क्या राघोपुर पहुंचेंगे तेजप्रताप?

    By SUNIL RAAJEdited By: Nishant Bharti
    Updated: Sun, 02 Nov 2025 06:26 PM (IST)

    महुआ में तेजस्वी यादव के आने से 'भाई बनाम भाई' की राजनीति तेज हो गई है। सबकी नजरें इस बात पर हैं कि क्या तेजप्रताप यादव राघोपुर जाएंगे। इस घटनाक्रम ने क्षेत्र में राजनीतिक माहौल को और भी उत्तेजित कर दिया है, जिससे आगे की रणनीति पर सबकी निगाहें टिकी हैं।

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    महुआ में तेजस्वी की एंट्री 

    सुनील राज, पटना। बिहार की राजनीति में इन दिनों भाई बनाम भाई का नया अध्याय खुल गया है। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के दोनों बेटे तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव महुआ सीट पर आमने-सामने नजर आ रहे हैं। बड़े भाई की चेतावनी के बाद भी महागठबंधन के स्टार प्रचारक और मुख्यमंत्री पद उम्मीदवार तेजस्वी यादव रविवार को राजद उम्मीदवार मुकेश रोशन के प्रचार के लिए महुआ पहुंच गए। जहां उन्होंने चुनावी सभा को संबोधित किया। हालांकि इस दौरान एक बार भी भाई तेज प्रताप यादव का नाम नहीं लिया। सीधे-सीधे भाजपा और नीतीश सरकार पर हमलावर रहे। 

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    महुआ वह सीट है जहां से तेजस्वी के बड़े भाई तेजप्रताप इस बार चुनावी मैदान में हैं। असल में लालू प्रसाद ने तेजप्रताप यादव को पार्टी और परिवार से निष्कासित कर रखा है। जिस वजह से तेज प्रताप अपनी स्वयं की पार्टी जनशक्ति जनता दल बनाकर महुआ सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। 

    राजद से मुकेश रोशन को उम्मीदवारी 

    जबकि राजद ने यहां से मुकेश रोशन को उम्मीदवारी दी है। रविवार को तेजस्वी यादव ने नालंदा, बरबीघा, शेखपुरा, लखीसराय और मुंगेर मिलाकर दर्जन भर सभाएं की। 

    दोपहर बाद तेजस्वी यादव अपने भाई के चुनाव क्षेत्र महुआ पहुंच गए। जहां उन्होंने राजद उम्मीदवार मुकेश रोशन के जनता से वोट की अपील की। तेजस्वी यादव की इस सभा ने तेज प्रताप यादव को पार्टी के खिलाफ जाने का एक और मौका मुहैया करा दिया है। 

    तेज प्रताप यादव जाएंगे राघोपुर

    तेजप्रताप यादव काफी पहले से कहते रहे हैं कि अगर तेजस्वी महुआ आएंगे, तो वे राघोपुर चले जाएंगे। यह बयान अब चुनावी जंग को पारिवारिक टकराव के केंद्र में ला रहा है। 

    महुआ सीट लालू परिवार की पुरानी कर्मभूमि रही है। तेज प्रताप यहां अपनी जमीन बचाने के लिए पूरी ताकत झोंके हुए हैं। मगर तेजस्वी का महुआ आना एक राजनीतिक संकेत माना जा रहा है कि पार्टी में अंतिम फैसला अब उनके हाथ में है। 

    हालांकि तेज और तेजस्वी की मां और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी हमेशा कहती रही हैं कि वे चाहती है कि महुआ सीट से उनके बड़े पुत्र तेजप्रताप की जीत हो। आखिर कुछ भी हो वह है तो मेरा बेटा ही। 

    मां की भांति तेज प्रताप और तेजस्वी यादव की बहन और सारण से पूर्व प्रत्याशी रोहिणी आचार्य ने कहा कि तेज प्रताप की बड़ी बहन होने के नाते मैं उसे भी जीत का आशीर्वाद दे रही हूं। हालांकि उन्होंने यह कहने में परहेज नहीं किया कि वे प्रचार राजद उम्मीदवार के लिए ही करेंगी, तेज प्रताप के लिए नहीं।

    बहरहाल लेकिन महुआ की यह 'घर की जंग अब चर्चा का केंद्र बन गई है। एनडीए इसे लालू परिवार की कलह करार दे रहा है, जबकि महागठबंधन इसे राजनीतिक रणनीति बता रहा है। जबकि बिहार की जनता इस पारिवारिक संघर्ष को ध्यान से देख रही है। उसके मन में आकलन भी हो रहा है कि क्या लालू परिवार राजद उम्मीदवार के लिए पुत्र तेज प्रताप को महासमर में अकेला छोड़ देगा?