SC-ST आरक्षण में कोटा पर तेजस्वी का विरोध, बोले- केंद्र सरकार अध्यादेश लाए, नहीं तो सड़क पर संघर्ष होगा
SC-ST Reservation Quota देश के कई राजनीतिक दल एससी-एसटी आरक्षण में कोटा के अंदर कोटा के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के पक्ष में नहीं है। बिहार में लालू प्रसाद यादव की राजद और चिराग पासवान की लोजपा (रामविलास) इसके विरोध में है। तेजस्वी यादव ने केंद्र सरकार से इसमें विसंगतियों को दूर करने के लिए अध्यादेश लाने की मांग की है।
डिजिटल डेस्क, पटना। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में अपने कई साल पुराने निर्णय को पलटते हुए एससी/एसटी आरक्षण में कोटा के अंदर कोटा को मंजूरी दी है। इसके बाद से यह मुद्दा गरम है और देशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है।
कई दल इसके समर्थन में हैं तो कई इसके विरोध में है। वहीं, राजद ने भी इस फैसले के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है और इसे बदलने की मांग की है।
क्रीमी लेयर के प्राविधान पर जताई आपत्ति
विधानसभा नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपनी बात रखते हुए कहा कि हमारी पार्टी का हमेशा यह मत रहा है कि आरक्षण कोई गरीबी उन्मूलन योजना नहीं है। एससी/एसटी के आरक्षण का आधार जब आर्थिक है ही नहीं तो इसमें क्रीमी लेयर का प्राविधान क्यों लाया जा रहा है? यह निर्णय भारतीय संविधान की मूल भावना और 1932 पूना पैक्ट के खिलाफ है। यह निर्णय भारतीय संविधान की मूल भावना… pic.twitter.com/wc3BiaGytz
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) August 3, 2024तेजस्वी ने कहा कि आरक्षण का आधार आर्थिक नहीं, बल्कि युगों-युगों से समाज में व्याप्त सामाजिक भेदभाव, छूआछूत और सामाजिक पिछड़ापन है।
मांझी-अखिलेश का किया जिक्र
आज भी पूर्व सीएम जीतनराम मांझी और अखिलेश यादव जब मंदिर जाते हैं तो कथित जन्म से श्रेष्ठ स्वयंभू लोग उस मंदिर तक को गंगाजल से धोते हैं। मुट्ठीभर लोग देश के करोड़ो दलितों-आदिवासियों के भाग्य विधाता नहीं बन सकते।
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