Tejashwi Yadav: '100 से अधिक मौत के बाद भी पटना में ठहाके लगाते मुख्यमंत्री', तेजस्वी ने नीतीश कुमार को जमकर सुनाया
बिहार में जहरीली शराब से हुई मौतों पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने शराबबंदी को नीतीश कुमार के संस्थागत भ्रष्टाचार का नमूना बताया है। तेजस्वी ने सरकार से कई सवाल भी किए हैं जैसे कि अगर शराबबंदी है तो इसे पूरी तरह से लागू क्यों नहीं किया जा रहा है? सत्ताधारी नेताओं पुलिस और शराब माफिया के बीच क्या संबंध है?
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार के सिवान, सारण और गोपालगंज में जहरीली शराब से मौत के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सरकार पर आक्रामक हैं।
सोशल नेटवर्किंग साइट एक्स पर नीतीश कुमार की एक फोटो शेयर करते हुए तेजस्वी यादव ने लिखा कि जहरीली शराब से 100 से अधिक हत्या होने के बाद भी मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्री पटना के बीचों-बीच ठहाके लगाकर हंस रहे हैं। तेजस्वी यादव ने कहा कि संवेदना तक व्यक्त नहीं करने वाले मुख्यमंत्री का इतनी मौतों पर हंसना और हंसाना बिहारियों एवं लोकतंत्र को चिढ़ाना है।
तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को बयान जारी कर कहा कि शराबबंदी नीतीश कुमार के संस्थागत भ्रष्टाचार का एक छोटा सा नमूना है।
उन्होंने कहाकि अगर शराबबंदी हुई है तो इसे पूर्ण रूप से लागू करना सरकार का दायित्व है, लेकिन मुख्यमंत्री की वैचारिक व नीतिगत अस्पष्टता, कमजोर इच्छाशक्ति तथा जनप्रतिनिधियों की बजाय चुनिंदा अधिकारियों पर निर्भरता के कारण आज बिहार में शराबबंदी सुपरफ्लाप है। उन्होंने अपने कुछ सवालों का जवाब भी सरकार से मांगा है।
सत्ताधारी नेताओं-पुलिस और शराब माफिया का नापाक गठजोड़
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सत्ताधारी नेताओं-पुलिस और शराब माफिया के नापाक गठजोड़ के कारण बिहार में 30 हजार करोड़ से अधिक अवैध शराब का काला बाजार फला-फूला है। अगर शराबबंदी के बावजूद बिहार में 3.46 करोड़ लीटर शराब की कागजों में बरामदगी दिखाई जा रही है।
जहरीली शराब से 100 से अधिक हत्या होने के बाद भी पटना के बीचों-बीच ठहाके लगाकर हंसते मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्री!
संवेदना तक व्यक्त नहीं करने वाले तीसरे नंबर की पार्टी के मुख्यमंत्री का इतनी मौतों पर हँसना और हँसाना बिहारियों एवं लोकतंत्र को चिढ़ाना है।
इतनी बड़ी घटना होने के… pic.twitter.com/fECn87D6aO— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) October 18, 2024
होशमंद हैं तो जवाब दें मुख्यमंत्री
तेजस्वी ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री होशमंद हैं तो इन सवालों का जवाब दें। अगर प्रतिवर्ष इतनी बड़ी मात्रा में शराब बरामद हो रही तो उसके दोषी कौन? सरकारी फाइलें कहती हैं कि जहरीली शराब से तीन सौ मरे, लेकिन हकीकत यह है कि हजारों मौत हुई हैं, इसका जिम्मेवार कौन है? हत्यारे दोषियों पर क्या कार्रवाई हुई।
बड़े पुलिस अधिकारियों पर क्यों नहीं होती कार्रवाई
उन्होंने पूछा कि क्यों अब तक आज तक किसी बड़े पुलिस अधिकारी, पुलिस अधीक्षक पर कार्रवाई नहीं हुई। अगर पटना में शराब मिलती है तो उसका मतलब है पांच-छह जिला पार कर यहां तक शराब पहुंची है। तो फिर यह उन सभी पांच-छह जिलों की पुलिस की नाकामी है या नहीं? या यह संयोग है अथवा प्रयोग कि शराबबंदी में अधिकांश जदयू के नेता, कार्यकर्ता पकड़े जा रहे हैं। इसी प्रकार के कुछ अन्य सवाल भी तेजस्वी ने अपने बयान में उठाए हैं।
शराबबंदी श्री नीतीश कुमार के संस्थागत भ्रष्टाचार का एक छोटा सा नमूना है। अगर शराबबंदी हुई है तो इसे पूर्ण रूप से लागू करना सरकार का दायित्व है लेकिन मुख्यमंत्री की वैचारिक व नीतिगत अस्पष्टता, कमजोर इच्छाशक्ति तथा जनप्रतिनिधियों की बजाय चुनिंदा अधिकारियों पर निर्भरता के कारण आज…— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) October 18, 2024
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