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Tejashwi Yadav : PM मोदी के बयान को लेकर बिहार में मची सियासी खलबली, तेजस्वी ने लिखा पत्र; कहा- धमकियां देकर...

Bihar Politics In Hindi प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पर जमकर हमला बोला था। उन्होंने यह तक कह दिया था कि अब उन्हें जमानत और अमानत पर ध्यान देना है। इस बयान के बाद बिहार में सियासी खलबली मच गई है। तेजस्वी ने इस बीच पीएम मोदी के लिए पत्र लिखा है।

By Sunil Raj Edited By: Mukul Kumar Updated: Sun, 26 May 2024 09:18 AM (IST)
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बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और पीएम मोदी
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Politics News लोकसभा चुनाव के दौरान बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव अपने भाषणों में लगातार केंद्र की मोदी सरकार की नीतियों और निर्णय पर सवाल उठाते रहे हैं। अपनी चुनावी सभाओं में तेजस्वी लगातार जातिगत गणना, आरक्षण, संविधान समेत अन्य मुद्दों को लेकर प्रधानमंत्री पर हमलावर रहे हैं।

इसी कड़ी में अब जबकि सातवें चरण का चुनाव होना है इसके ठीक पहले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक पत्र जारी किया है। इसमें उन्होंने जातिगत गणना, संविधान, निजी क्षेत्र में आरक्षण समेत उन मुद्दों को लेकर प्रधानमंत्री से अपना पक्ष रखकर देश को बताने की मांग उठाई है।

चुनावी मौसम में ही आप बिहार आते हैं- तजस्वी यादव

तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav)ने पत्र में लिखा कि चुनावी मौसम में ही आप बिहार आते हैं। कल आप फिर बिहार आए और एक बार फिर आपने सभी लोगों को भ्रमित करने की असफल कोशिश की। मैं आपके समक्ष कुछ बातें रखना चाहता हूं।

उन्होंने आगे लिखा कि प्रधानमंत्री जी! आपको याद होगा कि बिहार से हम सब अगस्त 2021 में आपके पास जातिगत जनगणना की मांग को लेकर आए थे। नीतीश (Nitish Kumar) जी की जदयू समेत और भी दल मेरी इस मांग के पक्ष में थे। जातिगत जनगणना का प्रस्ताव मेरी ही पहल पर सर्वसम्मति से बिहार विधानसभा में पास कराया गया।

उन्होंने आगे लिखा कि हम सभी ने मिलकर आपसे जातिगत जनगणना की मांग की थी, लेकिन आपने एकदम हमारी यह मांग ठुकरा दी थी। हम सबको पीड़ा हुई आपकी संवेदनशून्यता से लेकिन क्या ही कहे।

जब हम बिहार में सरकार में आए तो हमने सरकार में आते ही राज्य के खर्चे पर जातिगत सर्वेक्षण कराया।

हकीकत से आपको भी अवगत कराया गया- तेजस्वी

तेजस्वी ने कहा कि उसकी हकीकत से आपको भी अवगत कराया गया। प्रधानमंत्री (Modi) जी, हमने उस सर्वेक्षण के आलोक में आरक्षण का दायरा 75 प्रतिशत तक बढ़ाया और आपसे बार-बार गुजारिश करते रहे और हाथ जोड़कर मांग करते रहे कि इसको संविधान की नौंवी अनुसूची में डालिये, लेकिन प्रधानमंत्री जी, मूलतः आप पिछड़ा और दलित विरोधी मानसिकता के हैं।

उन्होंने कहा कि आपने हमारी इस महत्वपूर्ण आग्रह जिसके पक्ष में बहुजन स्वर था पर आपने कोई विचार नहीं किया। 10 दिसंबर 2023 को पटना में आयोजित पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री से भी इसकी मांग की गयी थी। आप उनसे पूछ सकते हैं।

तेजस्वी ने आगे लिखा कि आज आप बिहार आये और यहां आ कर के आप जितनी कुछ आधारहीन, तथ्यहीन और झूठी बातें कर सकते थे, आपने की। अब आपसे अपेक्षा नहीं है कि आप अपने पद की गरिमा का ख़्याल रख विमर्श को ऊंचा रखेंगे। लेकिन आज आप “भैंस, “मंगलसूत्र” के रास्ते होते हुए “मुजरा” तक की शब्दावली पर आ गए।

आरक्षण खत्म करने का एक नायाब तरीका ढूंढा- तेजस्वी यादव

Bihar News उन्होंने कहा कि सच कहूं तो हमें आपकी चिंता होती है। क्या इस विशाल हृदय वाले देश के प्रधानमंत्री जी कि भाषा ऐसी होनी चाहिए? आप सोचिए और निर्णय कीजिए मुझे और कुछ नहीं कहना है।

आपने बाबा साहेब का आरक्षण खत्म करने का एक नायाब तरीका ढूंढा है। क्योंकि संविधान की धारा 15 और धारा 16 के तहत आरक्षण सरकारी नौकरियों में मिलता है।

तेजस्वी ने कहा कि आपने रेलवे, सेना और अन्य विभागों से सरकारी नौकरियां ही खत्म कर दीं, तो फिर आरक्षण की अवधारणा कहा जाएगी लेकिन ये गंभीर चिंता आपकी प्राथमिकताओं में है ही नहीं।

उन्होंने कहा कि हम तो आप से कई बार आग्रह कर चुके हैं - संसद में, सड़क पर, सदन में, कि आप प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण की व्यवस्था करिए ताकि एक व्यापक बहुजन आबादी दलित समुदाय और अन्य वंचित समूहों को उनको उनका वाजिब संवैधानिक हक मिले।

आपकी भाषा और भाव मूलतः गरीब विरोधी है- तेजस्वी

तेजस्वी ने लिखा कि प्रधानमंत्री जी! पांच किलो राशन को भी आप 'मुफ्त' कहते रहते हैं। यह तो हमारे देश के नागरिकों का संविधान प्रदत्त न्यूनतम अधिकार है। आपकी भाषा और भाव मूलतः गरीब विरोधी है। मैं आपसे लगातार नौकरी, आर्थिक-सामाजिक न्याय और मंहगाई और बिहार को विशेष राज्य पर सवाल करता रहा हूँ लेकिन आपकी रहस्यमयी चुप्पी समस्त बिहारवासियों को हताश कर रही है।

उन्होंने कहा कि आपसे कितनी बातें कहूं ? बस इतना कह सकता हूँ की बस अब चुनाव का एक ही चरण बचा है। हमारी जो भी मांग है आरक्षण को लेकर , संविधान को लेकर और आर्थिक सामाजिक न्याय के संदर्भ में उन सब पर ग़ौर फरमाइए। सीधे तौर पर आकर कहिए कि आप अपने प्रेरणा स्रोत गुरुजी गोलवलकर की “बंच ऑफ़ थॉटस” किताब से सहमत नहीं है। क्या आप कह पायेंगे?

तेजस्वी ने कहा कि यह भी कह दीजिये की आप पिछड़े, अत्यंत पिछड़े, दलित, तमाम वर्गों को उनका समुचित आरक्षण प्राइवेट सेक्टर में भी देने की मांग से सहमत हैं। अगर आपसे यह सब नहीं कहते बन रहा है, तो जनता समझ लेगी कि आपकी चुनावी भाषणों का गिरता पैमाना ही आपकी राजनैतिक सोच का सही प्रतिबिम्ब है।

तेजस्वी ने कहा कि कौन भूल सकता है कि 1990 में जब मंडल कमीशन लागू हुआ था तब मंडल कमीशन के विरोध में आप आडवाणी जी के साथ आरक्षण विरोधी रथ के सारथी थे। बहुजन दलित समुदाय कैसे भूल जाएँ?

गुजरात में मुस्लिम समुदाय की जातियों को भी आरक्षण मिलता है- तेजस्वी 

उन्होंने पत्र में आगे लिखा कि समस्त दलित/पिछड़ा-अतिपिछड़ा और आदिवासी जानते है कि बीजेपी और आप बाबा साहेब, बिरसा मुंडा, मान्यवर कांशीराम लोहिया जी और मंडल कमीशन के कट्टर वैचारिक दुश्मन है। भाषण नहीं अपने एक्शन से बतायें श्रीमान जी। और हां!

उन्होंने कहा कि इस पत्र के साथ मैं गुजरात में ओबीसी कैटगरी के अंतर्गत मुस्लिम जातियों की सूची भी संलग्न कर रहा हूं I शायद आपको ज्ञान और ध्यान भी ना रहा हो कि गुजरात में मुस्लिम समुदाय की जातियों को भी आरक्षण मिलता है। आप 13 बरस से ज्यादा अरसे तक इस राज्य के मुख्यमंत्री रहे हैं I अतः भ्रम फ़ैलाने और नफरत परोसने की राजनीति से परहेज करिए।

उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक लड़ाई लड़ने की बजाय आप युवाओं को नौकरी दिलाने के लिए संघर्षशील एक 34 के युवा तेजस्वी को जेल भेजने की धमकी दे रहे है। क्या ऐसी धमकी देकर आप संविधान की धज्जियां नहीं उड़ा रहे है? चुनाव आएंगे और जाएंगे लेकिन संविधान, देश की सामाजिक संरचना और इसकी बनावट पर अब और आघात मत कीजिए।

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